वाराणसी: कभी बसपा में दिग्गज नेता रहे बाबू सिंह कुशवाहा राजनीति में एक बार फिर अपनी खुद की पार्टी 'जन अधिकार पार्टी' के साथ दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे हैं. रविवार को बाबू सिंह कुशवाहा ने मंडल स्तरीय लोकसभा बचाओ संकल्प महारैली का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा वर्तमान में दुर्बल जातियों पर किसी का ध्यान नहीं है, इसी को संकल्प बनाकर हमारी पार्टी आगे बढ़ रही है.
बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज की रैली का उद्देश्य है पार्टी के नाम से ही जाना जा सकता है. पिछले चार-पांच साल से हम देख रहे हैं कि संविधान पर लगातार हमला होता रहा है. हमारा संविधान जो क्षमता, बंधुत्व, भाईचारे और न्याय, गौरव, शक्ति और धर्मनिरपेक्षता का सबको अधिकार देता है, कुछ लोग उसे बदलने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कुछ महीने पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर संविधान की प्रतियां जलाई गईं. इसके साथ ही संविधान मुर्दाबाद और मनुस्मृति जिंदाबाद के नारे लगे थे, जिसकी ओर वर्तमान सरकार ने ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि हम ऐसे लोगों को सावधान करने के लिए इस महारैली का आयोजन किए हैं. उन्होंने कहा कि संविधान के तहत जो शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार मिला है, उसे किसी भी प्रकार से हम झुकने नहीं देंगे. हमारी पार्टी फूले, अंबेडकर जैसे लोगों की विचारधारा को मानती है. इन विचारधाराओं को लेकर ही कांशीराम जी ने बसपा का गठन किया था लेकिन बसपा अपने रास्ते से भटक गई, लेकिन हम उस विचारधारा के साथ खड़े हैं. हम लोगों से अपील करते हैं कि अगर हमें अपना लोकतंत्र बचाना है, संविधान बचाना है, तो जन अधिकार पार्टी के साथ सारे लोग खड़े हों.
वहीं चूनाव लड़ने को लेकर बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमारी अभी नई शुरुआत है. हमारी कोशिश है कि हमारी अच्छी तैयारी हो जाए तो हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही हमने महाराष्ट्र, बिहार और राजस्थान में भी काम किया है. वहीं वर्तामान सरकार का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी होती है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे. वहीं 12000 किसानों ने आत्महत्या कर ली, हम जो सरकार चुनते हैं उनकी जिम्मेदारी है कि वह ऐसी समस्या न आने दें. उन्होंने कहा कि सरकारी और पब्लिक स्कूलों की शिक्षा पद्धति एक समान होनी चाहिए. गरीब और अमीर दोनों के बच्चे को एक जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए. बेरोजगार बच्चों को रोजगार मिले, जाति भेद को खत्म कर समानता लाना चाहिए.