वाराणसी: पंचगंगा घाट स्थित धरहरा मस्जिद पर सोमवार को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने जा रहे शिवसैनिकों को पुलिस ने रोक लिया. पुलिस सभी को हिरासत में लेकर कोतवाली थाने ले आई. कोतवाली थाने में शिवसैनिकों से पुलिस ने ज्ञापन लिया. इसके बाद निजी मुचलके पर सभी को छोड़ दिया गया.
दरअसल, हर साल की तरह इस बार भी स्वतंत्रता दिवस पर शिवसैनिक पंचगंगा घाट स्थित धरहरा मस्जिद पर तिरंगा फहराने जा रहे थे. इससे पहले ही उन्हें कानून व्यवस्था का हवाला देकर कोतवाली तिराहा पर रोक कर हिरासत में ले लिया गया. शिव सेना नेता अजय चौबे ने कहा कि पहली बार हमने वर्ष 1995 में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित माधव राज धराहरा पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था. उस दौरान हम लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इसके बाद वर्ष 1997 में भी पुलिस ने तिरंगा फहराने से रोकते हुए जेल भेज दिया था. अजय चौबे ने कहा कि उस समय से अब तक प्रत्येक वर्ष तिरंगा यात्रा निकाल कर उस स्थान पर राष्ट्र ध्वज फहराने का प्रयास किया जाता है.
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अजय चौबे ने कहा कि हमें नहीं रोका गया है, बल्कि एक तरह से तिरंगे का भी अपमान हुआ है. हमारा कहना यही है कि हम नहीं बल्कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या आमजन वहां तिरंगा फहराए. आज हमारा राष्ट्रीय पर्व है और हम अपनी ही ऐतिहासिक धरोहरों पर तिरंगा न फहराएं, क्या यह उचित है. गौरतलब है कि शिवसैनिकों को जहां तिरंगा फहराने से रोका जाता है, वहां बिंदु माधव का मंदिर था. उसे औरंगजेब ने ध्वस्त कराकर मस्जिद बनवा दी थी.इसके बाद से ही इस स्थान को लेकर विवाद चल रहा है. हाल ही में ज्ञानवापी प्रकरण के बाद इस स्थान पर नमाज पढ़ने से रोक लगाने संबंधी याचिका कोर्ट में दायर की गई है.
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