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अपराधियों के मंसूबों पर वाराणसी कमिश्नरेट ने लागू किया 'ऑपरेशन दस्तक'

अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने ऑपरेशन 'दस्तक' चलाया है. कमिश्नरेट क्षेत्र के थानों की पुलिस अपराधियों के घर पर पहुंच रही है और उनका सत्यापन कर रही है.

वाराणसी कमिश्नरेट ने लागू किया 'ऑपरेशन दस्तक'
वाराणसी कमिश्नरेट ने लागू किया 'ऑपरेशन दस्तक'
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Published : Jun 15, 2021, 6:09 PM IST

वाराणसी: अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने नई मुहिम की शुरुआत की है. कमिश्नर ने जिले में 'ऑपरेशन दस्तक' चलाया है. दरअसल, इस अभियान के तहत पुलिस कमिश्नर ने बीते पांच सालों में सक्रिय रहे अपराधियों के घर तक पहुंचने का निर्देश दिया है. जिले में हत्या, लूट, छिनैती, चोरी, स्नैचिंग, वाहन चोरी, धोखाधड़ी समेत अन्य सभी तरह के अपराध में इस तरह के सक्रिय रहे अपराधियों की कुल संख्या 2700 है. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वह खुद इसकी रोज की मॉनीटरिंग कर रहे हैं.

वाराणसी कमिश्नरेट ने लागू किया 'ऑपरेशन दस्तक'

60 से 65 प्रतिशत अपराधियों का हुआ है वैरिफिकेशन

वहीं, दस्तक अभियान के विषय में बात करते हुए पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने बताया कि ऑपरेशन दस्तक के तहत वाराणसी कमिश्नरेट में हम लोगों ने अब तक 2700 ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया है, जो पिछले पांच वर्षों में हत्या, लूट चोरी जैसे गंभीर मामलों में संलिप्त रहे हैं. इन सभी अपराधियों की थाना वाइस लिस्ट बनाई गई है और संबंधित थानों के सहायक पुलिस आयुक्त, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी को हमने यह लिस्ट मुहैया कराकर ये अपेक्षा की है कि प्रत्येक, लिस्ट के अनुसार उन अपराधियों के घर दस्तक देंगे और उनकी वर्तमान गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगे. इस अभियान के तहत एक हफ्ते के अंदर 60 से 65 प्रतिशत अपराधियों का वैरिफिकेशन पुलिस ने कर लिया है और आगे भी यह अभियान ऐसे ही जारी रहेगा.

दस्तक अभियान से अपराधियों के मनसूबे पर फिरा है पानी

वहीं, पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि इस अभियान के जरिये अपराधियों में एक संदेश गया है कि पुलिस उनके घर तक पहुंच गई है. जो अपराधी मौके की तलाश में थे, निश्चित रुप से उनके मनसूबों पर पानी फिरा है. उनके मंसूबे टूटेंगे और उनका मनोबल टूटेगा.

वांछित अपराधियों की एक सप्ताह में हुई है गिरफ्तारी

कमिश्नर ने बताया कि इसके अलावा जनता भी पुलिस को ऐसे अपराधियों के बारे में गोपनीय सूचना दे रही है. जिससे हमें कार्रवाई करने में आसानी हो रही है. वहीं जो अपराधी फरार थे या पुलिस की आंखों से ओझल थे. वह अब हमारी निगाह में हैं और जो अपराधी पिछले एक साल से फरार चल रहे थे, वांछित थे उनकी भी गिरफ्तारी पिछले एक सप्ताह में हुई है. ये हमारे ऑपरेशन दस्तक का इनिशियल ब्रेक थ्रू है.

वाराणसी: अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने नई मुहिम की शुरुआत की है. कमिश्नर ने जिले में 'ऑपरेशन दस्तक' चलाया है. दरअसल, इस अभियान के तहत पुलिस कमिश्नर ने बीते पांच सालों में सक्रिय रहे अपराधियों के घर तक पहुंचने का निर्देश दिया है. जिले में हत्या, लूट, छिनैती, चोरी, स्नैचिंग, वाहन चोरी, धोखाधड़ी समेत अन्य सभी तरह के अपराध में इस तरह के सक्रिय रहे अपराधियों की कुल संख्या 2700 है. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वह खुद इसकी रोज की मॉनीटरिंग कर रहे हैं.

वाराणसी कमिश्नरेट ने लागू किया 'ऑपरेशन दस्तक'

60 से 65 प्रतिशत अपराधियों का हुआ है वैरिफिकेशन

वहीं, दस्तक अभियान के विषय में बात करते हुए पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने बताया कि ऑपरेशन दस्तक के तहत वाराणसी कमिश्नरेट में हम लोगों ने अब तक 2700 ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया है, जो पिछले पांच वर्षों में हत्या, लूट चोरी जैसे गंभीर मामलों में संलिप्त रहे हैं. इन सभी अपराधियों की थाना वाइस लिस्ट बनाई गई है और संबंधित थानों के सहायक पुलिस आयुक्त, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी को हमने यह लिस्ट मुहैया कराकर ये अपेक्षा की है कि प्रत्येक, लिस्ट के अनुसार उन अपराधियों के घर दस्तक देंगे और उनकी वर्तमान गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगे. इस अभियान के तहत एक हफ्ते के अंदर 60 से 65 प्रतिशत अपराधियों का वैरिफिकेशन पुलिस ने कर लिया है और आगे भी यह अभियान ऐसे ही जारी रहेगा.

दस्तक अभियान से अपराधियों के मनसूबे पर फिरा है पानी

वहीं, पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि इस अभियान के जरिये अपराधियों में एक संदेश गया है कि पुलिस उनके घर तक पहुंच गई है. जो अपराधी मौके की तलाश में थे, निश्चित रुप से उनके मनसूबों पर पानी फिरा है. उनके मंसूबे टूटेंगे और उनका मनोबल टूटेगा.

वांछित अपराधियों की एक सप्ताह में हुई है गिरफ्तारी

कमिश्नर ने बताया कि इसके अलावा जनता भी पुलिस को ऐसे अपराधियों के बारे में गोपनीय सूचना दे रही है. जिससे हमें कार्रवाई करने में आसानी हो रही है. वहीं जो अपराधी फरार थे या पुलिस की आंखों से ओझल थे. वह अब हमारी निगाह में हैं और जो अपराधी पिछले एक साल से फरार चल रहे थे, वांछित थे उनकी भी गिरफ्तारी पिछले एक सप्ताह में हुई है. ये हमारे ऑपरेशन दस्तक का इनिशियल ब्रेक थ्रू है.

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