वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर 22 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे छात्रों को शुक्रवार सुबह पुलिस पकड़कर ले गई. आमरण अनशन पर बैठे आशुतोष कुमार सहित कुल 5 छात्रों को पुलिस ले गई है. पुलिस की इस कार्रवाई से छात्रों में आक्रोश है. भारी संख्या में जुटे छात्रों ने जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इन छात्रों को ले गई पुलिस
जिन छात्रों को पुलिस ले गई है, उनमें पवन, अनुपम, सुमित, अविनाश और आशुतोष शामिल हैं. छात्रों को छुड़ाने की मांग को लेकर आक्रोशित छात्र दिख रहे हैं. वहीं काफी नोकझोंक के बाद पुलिस छात्रों को अपने साथ ले गई. पुलिस की कार्रवाई के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के डिप्टी चीफ प्रॉक्टर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे. छात्रों ने दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है.
गेट खाली कराने की यह हो सकती है वजह
शनिवार को रविदास जयंती है, ऐसे में देश भर के राजनेता मुख्य द्वार से होकर सीरगोवर्धनपुर स्थित संत शिरोमणि रविदास के दर्शन के लिए जाएंगे. इसी बीच गुरुवार की रात कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने छात्रों से मिलकर अपना समर्थन दिया. विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन को इस बात का डर था कि कहीं नेता का जमावड़ा मुख्य द्वार पर न लगने लगे, इसलिए मुख्य द्वार को खाली कराया गया. संभावना थी कि छात्रों से शनिवार को प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव भी मिल सकते थे.
यह भी पढ़ेंः-बीजेपी सत्ता में आकर भूल गई अपना संकल्प पत्र: अखिलेश यादव
छात्रों की यह है मांग
वैश्विक महामारी के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय फाइनल ईयर के छात्रों के लिए 22 फरवरी से खोल दिया गया. ऐसे में फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्रों एवं विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर छात्र मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे. छात्रों ने अपने प्रदर्शन को गुरुवार से आमरण अनशन में बदल दिया था.
छात्र नीतीश कुमार ने बताया कि सुबह होते ही कुछ अधिकारी उनसे बात करने आए. काफी देर बात करने के बाद उन्होंने जबरदस्ती उनके साथियों को पकड़ ले गए. इस दौरान पुलिस ने छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया. नीतीश ने कहा कि जब तक उनके साथियों को छोड़ा नहीं जाएगा. वह आंदोलन की अगली रणनीति बनाएंगे.