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बजट पेश होने के बाद निराश दिखा काशी का 'सांड', बोले- महंगाई से नहीं मिल रही मुक्ति - सांड बनारसी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को देश का बजट पेश कर दिया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए काशी का सांड निराशा दिखा. सांड ने कहा कि आज महंगाई ने सबकी कमर तोड़ दी है. महंगाई की वजह से जनता परेशान है.

sand banarsi described budget as disappointing
सांड बनारसी ने बजट पर दी प्रतिक्रिया.
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Published : Feb 1, 2020, 5:21 PM IST

वाराणसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को इस साल का बजट पेश किया. बजट में किसी को खुशी मिली तो किसी को गम, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस बजट के आने के बाद इसे अपने अंदाज में ले रहे हैं. ऐसे ही हैं बनारस के 'सांड', क्योंकि बाबा भोले की नगरी काशी 'सांड' के बिना अधूरी है. यह सांड बनारस के मशहूर कवि सुदामा तिवारी उर्फ सांड बनारसी हैं.

सांड बनारसी ने बजट पर दी प्रतिक्रिया.

बजट में महंगाई पर ध्यान न देना निराशाजनक
वाराणसी के मशहूर हास्य कवि सांड बनारसी बजट का एक-एक पहलू बड़े गौर से देख रहे थे. उन्होंने बजट देखने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने ही लहजे में बजट में कश्मीर को दरकिनार किए जाने के दर्द को बयां किया. उन्होंने इस बजट पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया देने से तो इनकार कर दिया, लेकिन महंगाई पर बजट में ध्यान न दिए जाने को निराशाजनक बताया.

महंगाई रोकना सरकार के लिए भी असंभव
हास्य कवि सुदामा तिवारी ने कहा कि आज महंगाई ने सबकी कमर तोड़ दी है. घर की महिलाएं परेशान हैं और हम भी जब बाजार जाते हैं तो महंगाई की वजह से परेशान हो जाते हैं, लेकिन कोई कर भी क्या सकता है. इससे निजात दिलाना शायद सरकार के लिए भी असंभव है.

कश्मीर की बजट में उपेक्षा पर बयां किया दर्द
उन्होंने बजट आने के बाद कश्मीर को कुछ विशेष न दिए जाने पर भी निराशा जताई और कहा कि कश्मीर में 370 लागू किए जाने के बाद बहुत कुछ सुधार की उम्मीद थी, लेकिन हर रोज कुछ न कुछ हो रहा है. इससे दिल व्यथित है. इसी पर उन्होंने चार पंक्तियां सुना कर अपने दर्द को भी बयां किया.

ये भी पढ़ें: बजट 2020-21 : गांव, गरीब, किसान और रोजगार पर रहा फोकस

वाराणसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को इस साल का बजट पेश किया. बजट में किसी को खुशी मिली तो किसी को गम, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस बजट के आने के बाद इसे अपने अंदाज में ले रहे हैं. ऐसे ही हैं बनारस के 'सांड', क्योंकि बाबा भोले की नगरी काशी 'सांड' के बिना अधूरी है. यह सांड बनारस के मशहूर कवि सुदामा तिवारी उर्फ सांड बनारसी हैं.

सांड बनारसी ने बजट पर दी प्रतिक्रिया.

बजट में महंगाई पर ध्यान न देना निराशाजनक
वाराणसी के मशहूर हास्य कवि सांड बनारसी बजट का एक-एक पहलू बड़े गौर से देख रहे थे. उन्होंने बजट देखने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने ही लहजे में बजट में कश्मीर को दरकिनार किए जाने के दर्द को बयां किया. उन्होंने इस बजट पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया देने से तो इनकार कर दिया, लेकिन महंगाई पर बजट में ध्यान न दिए जाने को निराशाजनक बताया.

महंगाई रोकना सरकार के लिए भी असंभव
हास्य कवि सुदामा तिवारी ने कहा कि आज महंगाई ने सबकी कमर तोड़ दी है. घर की महिलाएं परेशान हैं और हम भी जब बाजार जाते हैं तो महंगाई की वजह से परेशान हो जाते हैं, लेकिन कोई कर भी क्या सकता है. इससे निजात दिलाना शायद सरकार के लिए भी असंभव है.

कश्मीर की बजट में उपेक्षा पर बयां किया दर्द
उन्होंने बजट आने के बाद कश्मीर को कुछ विशेष न दिए जाने पर भी निराशा जताई और कहा कि कश्मीर में 370 लागू किए जाने के बाद बहुत कुछ सुधार की उम्मीद थी, लेकिन हर रोज कुछ न कुछ हो रहा है. इससे दिल व्यथित है. इसी पर उन्होंने चार पंक्तियां सुना कर अपने दर्द को भी बयां किया.

ये भी पढ़ें: बजट 2020-21 : गांव, गरीब, किसान और रोजगार पर रहा फोकस

Intro:वाराणसी स्पेशल

वाराणसी: आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट पेश किया है और इस बजट में किसी को खुशी मिली तो किसी को गम लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस बजट के आने के बाद इसे अपने अंदाज में ले रहे हैं और ऐसे ही हैं बनारस के साथ जी हां क्योंकि बाबा भोले की नगरी काशी सांड के बिना अधूरी है हालांकि ऐसा वह सांड नहीं है जो गलियों और सड़कों पर घूमा करते हैं यह सांड बनारस के मशहूर कवि सुदामा तिवारी उर्फ सांड बनारसी हैं.


Body:वीओ-01 वाराणसी के मशहूर हास्य कवि सांड बनारसी आज बजट का एक-एक पहलू बड़े गौर से देख रहे थे उन्होंने बजट देखने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने ही लहजे में बजट में कश्मीर को दरकिनार किए जाने के दर्द को बयां किया. उन्होंने इस बजट पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया देने से तो इनकार कर दिया लेकिन महंगाई पर बजट में ध्यान ना दिया जाने को निराशाजनक बताया हास्य कवि सुदामा तिवारी ने कहा कि आज महंगाई ने सब की कमर तोड़ दी है घर की महिलाएं परेशान है और हम भी जब बाजार जाते हैं तो महंगाई की वजह से परेशान हो जाते हैं लेकिन कोई कर भी क्या सकता है इससे निजात दिलाना शायद सरकार के लिए भी असंभव है.


Conclusion:वीओ-02 उन्होंने बजट आने के बाद कश्मीर को कुछ विशेष ना दिए जाने पर भी निराशा जताई और कहा कि कश्मीर में 370 लागू किए जाने के बाद बहुत कुछ सुधार की उम्मीद थी लेकिन हर रोज कुछ ना कुछ हो रहा है इससे दिल व्यथित है इसी पर उन्होंने चार पंक्तियां सुना कर अपने दर्द को भी बयां किया.

बाईट- सुदामा तिवारी, उर्फ सांड बनारसी, कवि
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