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गणतंत्र दिवस पर युवा कवि ने कहा, हमें देश के गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है

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Published : Jan 26, 2020, 7:30 PM IST

वाराणसी के एक युवा कवि ने 71 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें देश में छुपे गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है.

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युवा कवि का देशवासियों को संदेश.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी को कला और संस्कृति के लिए भी जाना जाता है. देश की सांस्कृतिक विरासत में धर्मनगरी के सपूतों ने भी अहम योगदान दिया है. 71 वें गणतंत्रा दिवस के अवसर पर काशी के एक युवा कवि रत्नेश तिवारी चंचल ने ईटीवी भारत के माध्यम से देश को संदेश दिया. उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज देश को गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है.

युवा कवि का देशवासियों को संदेश.

कविता के माध्यम से देशवासियों को दिया संदेश
रत्नेश तिवारी चंचल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सबसे पहले सभी देशवासियों को 71 वें गणतंत्रा दिवस की शुभकामनाएं दी. इसके बाद उन्होंने देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की. रत्नेश चंचल ने देशवासियों को एक कविता समर्पित कर संदेश दिया. कविता के माध्यम से उन्होंने कहा कि हमारे देश में कुछ गद्दार छुपे हैं जो हमारे देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. हमें इन लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें- प्रदेश में रही गणतंत्र दिवस की धूम, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने मोहा मन

इस कविता के माध्यम से उन्होंने देशवासियों को संदेश दिया कि हम किसी तोप, हथियार या परमाणु से डर नहीं लगता. हम सिर्फ अपने देश में छुपे उ गद्दारों से डरते हैं. जो देश में रहकर उसे बांटने की कोशिशों में लगे हैं
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वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी को कला और संस्कृति के लिए भी जाना जाता है. देश की सांस्कृतिक विरासत में धर्मनगरी के सपूतों ने भी अहम योगदान दिया है. 71 वें गणतंत्रा दिवस के अवसर पर काशी के एक युवा कवि रत्नेश तिवारी चंचल ने ईटीवी भारत के माध्यम से देश को संदेश दिया. उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज देश को गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है.

युवा कवि का देशवासियों को संदेश.

कविता के माध्यम से देशवासियों को दिया संदेश
रत्नेश तिवारी चंचल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सबसे पहले सभी देशवासियों को 71 वें गणतंत्रा दिवस की शुभकामनाएं दी. इसके बाद उन्होंने देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की. रत्नेश चंचल ने देशवासियों को एक कविता समर्पित कर संदेश दिया. कविता के माध्यम से उन्होंने कहा कि हमारे देश में कुछ गद्दार छुपे हैं जो हमारे देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. हमें इन लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है.

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इस कविता के माध्यम से उन्होंने देशवासियों को संदेश दिया कि हम किसी तोप, हथियार या परमाणु से डर नहीं लगता. हम सिर्फ अपने देश में छुपे उ गद्दारों से डरते हैं. जो देश में रहकर उसे बांटने की कोशिशों में लगे हैं
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Intro:आज पूरा देश पूरे हर्षोल्लास के साथ देश का 71 वा गणतंत्र दिवस मना रहा है।ऐसे में धर्म और अध्यात्म के नगरी के साथ-साथ कला और संस्कृति की भी नगरी बनारस को माना जाता है।यहां के युवा कवि ने अपनी रचना के माध्यम से देश को एक संदेश दिया और देश में किस तरह के गद्दार छुपे हैं उनको सबके सामने लाने का प्रयास किया।


Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कवि रत्नेश चंचल निर्देश के वर्तमान परिस्थिति और अपनी कविता को प्रस्तुत किया।


Conclusion: रत्नेश चंचल ने अपनी कविता के माध्यम से कहा "डरते नहीं हम चीन पाक के परमाणु हथियारों से, हमको केवल डर लगता है घर के कुछ गद्दारों से" इस लाइन के माध्यम से उन्होंने कहा यह देश के जनता सरकार को समझता है। कि देश में जयचंद कौन है। जो इस देश का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।

बाईट :- रत्नेश तिवारी चंचल,( कवि)

आशुतोष उपाध्याय
7007459303
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