वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी को कला और संस्कृति के लिए भी जाना जाता है. देश की सांस्कृतिक विरासत में धर्मनगरी के सपूतों ने भी अहम योगदान दिया है. 71 वें गणतंत्रा दिवस के अवसर पर काशी के एक युवा कवि रत्नेश तिवारी चंचल ने ईटीवी भारत के माध्यम से देश को संदेश दिया. उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज देश को गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है.
कविता के माध्यम से देशवासियों को दिया संदेश
रत्नेश तिवारी चंचल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सबसे पहले सभी देशवासियों को 71 वें गणतंत्रा दिवस की शुभकामनाएं दी. इसके बाद उन्होंने देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की. रत्नेश चंचल ने देशवासियों को एक कविता समर्पित कर संदेश दिया. कविता के माध्यम से उन्होंने कहा कि हमारे देश में कुछ गद्दार छुपे हैं जो हमारे देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. हमें इन लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है.
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इस कविता के माध्यम से उन्होंने देशवासियों को संदेश दिया कि हम किसी तोप, हथियार या परमाणु से डर नहीं लगता. हम सिर्फ अपने देश में छुपे उ गद्दारों से डरते हैं. जो देश में रहकर उसे बांटने की कोशिशों में लगे हैं
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