वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल संवाद के माध्यम से काशी के कोरोना योद्धाओं से संवाद किया. संवाद में पीएम मोदी ने कोरोना योद्धाओं की सराहना की. जहां बीमारी वहां इलाज का मंत्र भी दिया. इस दौरान पीएम ने जहां एक ओर अधिकारियों के साथ संवाद कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो, वहीं धरातल पर काम करने वाले कर्मचारियों के अंदर नई ऊर्जा का संचार भी किया.
जहां बीमार वहीं उपचार के मंत्र को करें फॉलो
प्रधानमंत्री के वर्चुअल संवाद से जुड़े डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाद में कोरोना के दौर में योग व आयुष को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया है. उन्होंने बताया कि योग व आयुष ने लोगों की ताकत को बढ़ाया है. उन्होंने आयुष 65 सहित अन्य होम्योपैथी दवाओं को प्रयोग में लाने के लिए कहा, जिससे इस महामारी से सुरक्षित रखा जा सके. डॉ गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 'जहां बीमार वही उपचार' का नया मंत्र दिया. उन्होंने कहा है कि मंत्र के जरिए हम कोरोना को हरा सकते हैं.
भावुक हुए पीएम मोदी
वर्चुअल संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि इस महामारी ने हमसे हमारे कई अपनों को छीना है. मैं आज उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं और उनके प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमें कई मोर्चों पर डट कर खड़ा रहना पड़ रहा है, क्योंकि इस बार संक्रमण की दर पहले से भी कई गुना ज्यादा है. बनारस सिर्फ यहां के लोगों के लिए भी नहीं बल्कि पूर्वांचल के स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र है. इसलिए यहां चुनौती और अधिक है. ऐसे में हमारे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हमारा साथ दिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में सभी काशी वासियों ने मुझे अपना सांसद चुनकर भेजा था और जब मैं काशी आपसब का धन्यवाद करने आया तो आप सब ने मुझे बहुत आशीर्वाद दिया. मैंने आप लोगों से काशी को स्वच्छ बनाने की बात थी आप लोगों ने मेरा साथ दिया. आज महादेव की कृपा से आप लोगों के साथ से बनारस इस महामारी से जंग लड़कर जीत रहा है. आप सभी लोगों ने धैर्य का परिचय दिया है. मुझे उम्मीद है कि आप ऐसे ही मेरा साथ देते रहेंगे.
गांवों में जागरूकता जरूरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ने डॉक्टर के साथ पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य मेडिकल कर्मियों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने दूसरी वेव के साथ तीसरे वेव के तैयारियों की जानकारी ली, साथ ही कुछ सुझाव भी दिए. इसके साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी बातचीत की व व्यवस्थाओं का जायजा लिया. सीएमओ ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि काशी का सेवक होने के नाते मैं हर काशीवासी को धन्यवाद देता हूं. मुख्य तौर पर हमारे डॉक्टर नर्सेज और हेल्थ वर्कर्स ने जो काम किया है वह सराहनीय है. आज उनकी मेहनत का परिणाम है कि हमने दूसरी लहर में कोरोना को मात दी है. उन्होंने कहा है कि काशी के साथ-साथ पूर्वांचल के गांव को भी बताना बचाना जरूरी है, इसके लिए जितना हो सके उतना गावों में जागरूकता लाने की जरूरत है, तभी मरीजों को संरक्षित किया जा सकता है.
वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से देखी व्यवस्था
बता दें कि कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना रोकथाम को लेकर वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए वीडियो प्रेजेंटेशन को देखा. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इस प्रेजेंटेशन के माध्यम से बनारस मॉडल को पीएम को समझाया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी, साथ ही डीआरडीओ के ब्रिगेडियर, कैंसर अस्पताल के चिकित्सक सीएमएस के अलावा फ्रंटलाइन वर्कर से भी बातचीत की.
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काशीवासियों ने खुद को किया समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस महामारी में काशी वासियों ने अपने दुख से ऊपर उठकर खुद को समर्पित किया है. हमारे व्यापारी बंधु हो, अधिकारी हो या फिर स्वास्थ्य कर्मी सभी ने अपने आर्थिक लाभ को त्याग कर अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की है. काशी वासियों के तप और प्रयास का ही परिणाम है कि महामारी के आघात को काफी हद तक कम किया गया है. उन्होंने कहा कि अभी यह रुकने का समय नहीं है, अभी हम सबको लंबी लड़ाई लड़नी है. अभी हमें अपने आप को और मजबूत बना कर रखना है, जिससे हमें इस महामारी को जड़ से खत्म कर सकें.
सांझा किया सीएम योगी का एक किस्सा
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि सीएम योगी गोरखपुर के सांसद थे, तो उस समय पूर्वांचल में दिमागी बुखार के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी. वह बच्चे के लिए संसद में भावुक हो गए थे. उस दौरान दिमागी बुखार से हो रही मौतों ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था और उन्होंने सरकार से अपील की थी कि दिमागी बुखार से बच्चों को बचाना जरूरी है, लेकिन उनकी बातों को सरकारों ने नहीं सुना. वर्तमान में जब वह मुख्यमंत्री बन गए तो भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर दिमागी बुखार के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया, जिसमें यह सरकार सफल हुई. पीएम ने कहा कि यह किस्सा उनके संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है कि किस तरीके से वह अपने प्रदेश व देश का ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाली तीसरी वेव में हमें फिर से अपने नन्हे नौनिहालों को बचा कर रखना है. इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है.