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वाराणसी में बुनकरों से बोले PM मोदी, कहा- इस बार के बजट में तैयार किया है मजबूत आर्थिक खाका - वाराणसी खबर

यूपी के वाराणसी में पीएम मोदी पहुंचे थे. यहां पीएम ने 'काशी एक रूप अनेक' कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कालीन और रेशम उद्योग से जुड़े बड़े कारोबारियों को इस बजट में दिए गए फायदों के बारे में विस्तार से बताया.

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पीएम मोदी ने हस्तशिल्प और बुनकर समुदाय के लोगों को संबोधित किया.
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Published : Feb 16, 2020, 8:56 PM IST

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र में थे. यहां उन्होंने तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत की. सबसे आखिरी में पीएम मोदी पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल पहुंचे, जहां उन्होंने ओडीओपी योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. यहां पीएम मोदी ने 'काशी एक रूप अनेक' कार्यक्रम में हस्तशिल्प और बुनकर समुदाय के लोगों को संबोधित किया.

पीएम मोदी ने हस्तशिल्प और बुनकर समुदाय के लोगों को संबोधित किया.

'पीएम ने 26 जीआई उत्पाद का किया अवलोकन'
इसके अलावा कालीन और रेशम उद्योग से जुड़े बड़े कारोबारियों को भी उन्होंने इस बजट में दिए गए फायदों के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान बनारस और भदोही की कारपेट, सिल्क साड़ी, चंदौली का काला चावल, लकड़ी के खिलौने, फिरोजाबाद का कांच, आगरा के जूते, लखनऊ के चिकन कारीगरी, गुलाबी मीनाकारी, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद की धातु आदि कुल 26 जीआई उत्पाद का प्रधानमंत्री ने अवलोकन किया.

काशी के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का किया लोकार्पण

पीएम मोदी ने कहा कि काशी में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है. सबसे पहले मैं अध्यात्म के कुंभ में था. फिर मैं आधुनिकता के कुंभ में गया. बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं. यहां भांति-भांति के कलाकार, शिल्पकार एक ही छत के नीचे हैं. एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को घटकर, बेहतरीन निर्माण करने वालों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले, एक ही छत के नीचे बैठे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सच में काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं.

'संसाधनों और कौशल की कमी नहीं, व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की हमेशा से ही ये शक्ति रही है कि यहां के हर क्षेत्र, हर जिले की पहचान से कोई न कोई विशेष कला, विशेष आर्ट और विशेष उत्पाद जुड़ा रहा है. ये सदियों से हमारे यहां परंपरा रही है. हमारे कारोबारियों, व्यापारियों ने इसका प्रचार दुनियाभर में किया है. हमारे पास संसाधनों और कौशल की कभी कमी नहीं रही है, बस एक व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत है. जरूरत बस इस कहानी को दुनिया तक पहुंचाने की है.

उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन निभाएगा इसमें बहुत बड़ी भूमिका
पीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन द्वारा पिछले 2 वर्षों में 30 जिलों के 35 सौ से ज्यादा शिल्पकारों, बुनकरों को डिजाइन में सहायता दी गई है. क्राफ्ट से जुड़े उत्पादों में सुधार के लिए एक हजार कलाकारों को टूलकिट भी दिए गए हैं. यहां आने से पहले मैं वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट से जुड़ी प्रदर्शनी को भी देखकर आया हूं. यूपी के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों का शानदार कलेक्शन वहां है. वहां दोना-पत्तल बनाने वाले कारीगरों को आधुनिक मशीनें भी दी गई हैं. उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था.

इसे भी पढ़ें- पीएम मोदी का वाराणसी दौरा, जानिए खास बातें

बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी जरूरी बदलाव करें
पीएम ने कहा कि बदलती दुनिया, बदलते समय, बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी जरूरी बदलाव करें. इसके लिए इन पारंपरिक उद्योगों से जुड़े साथियों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद, नई तकनीक और मार्केटिंग की सुविधा देनी बहुत जरूरी है. इस बार का जो बजट है, उसने भी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है. सिर्फ इस साल के लिए नहीं, बल्कि आने वाले 5 वर्षों के लिए छोटे और बीच के उद्योगों के विकास का एक खाका खींचा गया है. टेक्सटाइल के रॉ मैटेरियल पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को इस बजट में खत्म कर दिया गया है. दशकों से टेक्सटाइल से जुड़े लोग इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन हमारी सरकार ने उस काम को पूरा कर दिया है.

'लघु उद्योग होंगे और सशक्त'
पीएम ने कहा कि इस साल के बजट में यूपी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर के लिए भी करीब 37 सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. हाल ही में लखनऊ में दुनियाभर की डिफेंस कंपनियों ने यहां उद्योग लगाने की रुचि दिखाई. कई कंपनियां समझौते भी कर चुकी हैं. आज कोशिश ये की जा रही है कि सामान्य जन को और सामान्य कारोबारी को कागजों के दस्तावेजों के बोझ से मुक्त किया जाए. सरकारी प्रक्रियाएं उलझाने के बजाय सुलझाने वाली हों, रास्ता दिखाने वाली हों, इसके लिए काम किया जा रहा है.

जीएसटी लागू होने से देश के लॉजिस्टिक्स में व्यापक बदलाव आया है. अब इस बदलाव को और मजबूत किया जा रहा है. देश में पहली बार नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी तैयार की जा रही है. इससे लघु उद्योग और सशक्त होंगे. देश के वेल्थ क्रिएटर्स को अनावश्यक परेशानी न हो, इसके लिए पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर बनाया जा रहा है. इससे टैक्सपेयर के अधिकार तय होंगे. टैक्स कलेक्शन को फेसलेस किया जा रहा है.

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र में थे. यहां उन्होंने तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत की. सबसे आखिरी में पीएम मोदी पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल पहुंचे, जहां उन्होंने ओडीओपी योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. यहां पीएम मोदी ने 'काशी एक रूप अनेक' कार्यक्रम में हस्तशिल्प और बुनकर समुदाय के लोगों को संबोधित किया.

पीएम मोदी ने हस्तशिल्प और बुनकर समुदाय के लोगों को संबोधित किया.

'पीएम ने 26 जीआई उत्पाद का किया अवलोकन'
इसके अलावा कालीन और रेशम उद्योग से जुड़े बड़े कारोबारियों को भी उन्होंने इस बजट में दिए गए फायदों के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान बनारस और भदोही की कारपेट, सिल्क साड़ी, चंदौली का काला चावल, लकड़ी के खिलौने, फिरोजाबाद का कांच, आगरा के जूते, लखनऊ के चिकन कारीगरी, गुलाबी मीनाकारी, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद की धातु आदि कुल 26 जीआई उत्पाद का प्रधानमंत्री ने अवलोकन किया.

काशी के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का किया लोकार्पण

पीएम मोदी ने कहा कि काशी में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है. सबसे पहले मैं अध्यात्म के कुंभ में था. फिर मैं आधुनिकता के कुंभ में गया. बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं. यहां भांति-भांति के कलाकार, शिल्पकार एक ही छत के नीचे हैं. एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को घटकर, बेहतरीन निर्माण करने वालों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले, एक ही छत के नीचे बैठे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सच में काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं.

'संसाधनों और कौशल की कमी नहीं, व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की हमेशा से ही ये शक्ति रही है कि यहां के हर क्षेत्र, हर जिले की पहचान से कोई न कोई विशेष कला, विशेष आर्ट और विशेष उत्पाद जुड़ा रहा है. ये सदियों से हमारे यहां परंपरा रही है. हमारे कारोबारियों, व्यापारियों ने इसका प्रचार दुनियाभर में किया है. हमारे पास संसाधनों और कौशल की कभी कमी नहीं रही है, बस एक व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत है. जरूरत बस इस कहानी को दुनिया तक पहुंचाने की है.

उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन निभाएगा इसमें बहुत बड़ी भूमिका
पीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन द्वारा पिछले 2 वर्षों में 30 जिलों के 35 सौ से ज्यादा शिल्पकारों, बुनकरों को डिजाइन में सहायता दी गई है. क्राफ्ट से जुड़े उत्पादों में सुधार के लिए एक हजार कलाकारों को टूलकिट भी दिए गए हैं. यहां आने से पहले मैं वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट से जुड़ी प्रदर्शनी को भी देखकर आया हूं. यूपी के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों का शानदार कलेक्शन वहां है. वहां दोना-पत्तल बनाने वाले कारीगरों को आधुनिक मशीनें भी दी गई हैं. उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था.

इसे भी पढ़ें- पीएम मोदी का वाराणसी दौरा, जानिए खास बातें

बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी जरूरी बदलाव करें
पीएम ने कहा कि बदलती दुनिया, बदलते समय, बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी जरूरी बदलाव करें. इसके लिए इन पारंपरिक उद्योगों से जुड़े साथियों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद, नई तकनीक और मार्केटिंग की सुविधा देनी बहुत जरूरी है. इस बार का जो बजट है, उसने भी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है. सिर्फ इस साल के लिए नहीं, बल्कि आने वाले 5 वर्षों के लिए छोटे और बीच के उद्योगों के विकास का एक खाका खींचा गया है. टेक्सटाइल के रॉ मैटेरियल पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को इस बजट में खत्म कर दिया गया है. दशकों से टेक्सटाइल से जुड़े लोग इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन हमारी सरकार ने उस काम को पूरा कर दिया है.

'लघु उद्योग होंगे और सशक्त'
पीएम ने कहा कि इस साल के बजट में यूपी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर के लिए भी करीब 37 सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. हाल ही में लखनऊ में दुनियाभर की डिफेंस कंपनियों ने यहां उद्योग लगाने की रुचि दिखाई. कई कंपनियां समझौते भी कर चुकी हैं. आज कोशिश ये की जा रही है कि सामान्य जन को और सामान्य कारोबारी को कागजों के दस्तावेजों के बोझ से मुक्त किया जाए. सरकारी प्रक्रियाएं उलझाने के बजाय सुलझाने वाली हों, रास्ता दिखाने वाली हों, इसके लिए काम किया जा रहा है.

जीएसटी लागू होने से देश के लॉजिस्टिक्स में व्यापक बदलाव आया है. अब इस बदलाव को और मजबूत किया जा रहा है. देश में पहली बार नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी तैयार की जा रही है. इससे लघु उद्योग और सशक्त होंगे. देश के वेल्थ क्रिएटर्स को अनावश्यक परेशानी न हो, इसके लिए पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर बनाया जा रहा है. इससे टैक्सपेयर के अधिकार तय होंगे. टैक्स कलेक्शन को फेसलेस किया जा रहा है.

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