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मोक्ष की नगरी काशी में होगा 5500 अजन्मी बेटियों का पिण्डदान - पितृ पक्ष 2019

यूपी के वाराणसी में सामाजिक संस्था आगमन अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना करेगा. गर्भ में मारी गयी बेटियों को मोक्ष दिलाने के लिए दशाश्वमेध घाट पर सोमवार को श्राद्ध कर्म का आयोजन किया जाएगा.

कल किया जायेगा अजन्मी बेटियों का पिण्डदान.
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Published : Sep 22, 2019, 5:26 PM IST

वाराणसी: धर्म नगरी काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है. काशी में पितृ पक्ष में सोमवार को एक सामाजिक संस्था आगमन अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना करेगा. अजन्मी मोक्ष में गर्भ में मारी गयी बेटियों के मोक्ष की कामना की जाएगी. सोमवार को दशाश्वमेध घाट पर 5500 अजन्मी बेटियों के मोक्ष की कामना की जाएगी.

कल किया जायेगा अजन्मी बेटियों का पिण्डदान.

बता दें कि सामाजिक संस्था आगमन अब तक 20,500 अजन्मी बेटियों के मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म कर चुका है. संस्था का मानना है कि इन बेटियों को जीने का अधिकार तो नहीं दिया गया, लेकिन मोक्ष का अधिकार मिलना ही चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- दो दिवसीय प्रवास पर मथुरा पहुंचे आध्यात्मिक धर्म गुरु दलाई लामा

डॉ. संतोष ओझा ने बताया कि 2001 से संस्था बेटी बचाने का काम कर रही है. बेटी बचाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. यह भी कार्यक्रम कुछ इस तरह का ही है. समाज को एक मैसेज देना चाहते हैं कि बेटी नहीं होगी तो यह सृष्टि नहीं दिखेगा. इसी के तहत हम लोग 5500 अजन्मी बेटियों का श्राद्ध दशाश्वमेध घाट पर करेंगे. पूरी विधि विधान से श्राद्ध करते हैं. अभी तक 20,500 अजन्मी बेटियों का श्राद्ध कर चुके हैं. हम उनकी मोक्ष की कामना के लिए यह श्राद्ध क्रम करते हैं.

वाराणसी: धर्म नगरी काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है. काशी में पितृ पक्ष में सोमवार को एक सामाजिक संस्था आगमन अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना करेगा. अजन्मी मोक्ष में गर्भ में मारी गयी बेटियों के मोक्ष की कामना की जाएगी. सोमवार को दशाश्वमेध घाट पर 5500 अजन्मी बेटियों के मोक्ष की कामना की जाएगी.

कल किया जायेगा अजन्मी बेटियों का पिण्डदान.

बता दें कि सामाजिक संस्था आगमन अब तक 20,500 अजन्मी बेटियों के मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म कर चुका है. संस्था का मानना है कि इन बेटियों को जीने का अधिकार तो नहीं दिया गया, लेकिन मोक्ष का अधिकार मिलना ही चाहिए.

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डॉ. संतोष ओझा ने बताया कि 2001 से संस्था बेटी बचाने का काम कर रही है. बेटी बचाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. यह भी कार्यक्रम कुछ इस तरह का ही है. समाज को एक मैसेज देना चाहते हैं कि बेटी नहीं होगी तो यह सृष्टि नहीं दिखेगा. इसी के तहत हम लोग 5500 अजन्मी बेटियों का श्राद्ध दशाश्वमेध घाट पर करेंगे. पूरी विधि विधान से श्राद्ध करते हैं. अभी तक 20,500 अजन्मी बेटियों का श्राद्ध कर चुके हैं. हम उनकी मोक्ष की कामना के लिए यह श्राद्ध क्रम करते हैं.

Intro:मोक्ष की नगरी काशी में पित्र पक्ष में देश के कोने कोने से लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं ऐसे में काशी की एक सामाजिक संस्था आगमन उन अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना करेगा जिनको उन्हें के परिजनों द्वारा निहित स्वार्थ के साथ पेट में ही गर्भपात के नाम पर हत्या करा दी गई। ऐसे ही बेटियों के मोक्ष कामना है।तू कल दशाश्वमेध घाट पर 5500 अजन्मी बेटियों के मोक्षी कामना की जाएगी।


Body:हम आपको बताते चलें की सामाजिक संस्था आगमन द्वारा अब तक 20500 अजन्मी मी बेटियों के मोक्ष हेतू श्राद्ध कर किया जा चुका है संस्था का मानना है इन बेटियो को जीने का अधिकार तो नहीं दिया गया लेकिन मोक्ष का अधिकार मिलना ही चाहिए।


Conclusion:डॉ संतोष ओझा बताया 2001 संस्था बेटी बचाने का काम कर रही है। बेटी बचाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। यह भी कार्यक्रम कुछ इस तरह का है। समाज को एक मैसेज देना चाहते हैं बेटी नहीं होगी तो यह सृष्टि नहीं दिखेगा. इसी के तहत हम लोग 5500 अजन्मी बेटियों श्राद्ध दशाश्वमेध घाट पर करेंगे। पूरी विधि विधान से हम लोग यह श्राद्ध करते हैं।अगर अभी तक की बात हम करें 20500 अजन्मी बेटियों के श्राद्ध हम लोग कर चुके हैं। हम उनकी मोक्ष की कामना के लिए यह श्राद्ध क्रम करते है।

बाईट :-- डॉ संतोष ओझा, सचिव, आगमन संस्थान।

नोट '-- किस तरह का श्राद्ध होता है इसलिए फाइल वीडियो संलग्न किया है
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