वाराणसीः जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा रहा है. नामांकन से लेकर नाम वापसी होने तक की प्रक्रिया के बाद जिले में 694 ग्राम प्रधान की सीटों पर कुल 4,336 उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं. 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव में वाराणसी भी शामिल है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यहां पर होने वाले चुनाव पर लोगों की ख़ास नजरें बनी हुयी हैं.
पंचायत चुनाव की तैयारी
दरअसल वाराणसी में नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद तैयारियां जोरों पर हैं. प्रधान पद के लिए कुल 4,336 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बचे हैं. जबकि सीट 694 है. आराजी लाइन ब्लॉक में सबसे ज्यादा 715 उम्मीदवार हैं, जबकि सबसे कम उम्मीदवार हरहुआ ब्लॉक में 393 हैं. प्रधान पद पर नाम वापसी के बाद एक भी निर्विरोध निर्वाचन अब तक नहीं हुआ है. जबकि बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य पद पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है.
17 की शाम थम जाएगा प्रचार
फिलहाल कोविड के बढ़ रहे संक्रमण के बीच गांव की सरकार चुनने के लिये जनता भी पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. प्रत्याशी भी शासन की ओर से निर्धारित की गयी गाइडलाइन का पालन करते हुये चुनाव प्रचार में जुटे हैं. वे अपने-अपने जीत का दम भर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: दांव पर है कई दिग्गजों की साख, इस पार्टी का रहा है दबदबा
एक सीट पर 6 से ज्यादा उम्मीदवार
जिले में दूसरे चरण यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है. इसके पहले 17 अप्रैल की शाम तक ही चुनाव प्रचार संभव होगा. इसे ध्यान में रखते हुये प्रत्याशी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रहे हैं. इस बारे में पंचायत के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राजाराम वर्मा का कहना है कि अधिकांश सीटों पर निर्विरोध प्रधान का चुनाव अक्सर होता था. लेकिन प्रधानी के दावेदारों की बढ़ रही संख्या की वजह से ये प्रक्रिया अब नहीं हो पा रही है. यहां तक की प्रधान की एक सीट पर 6 से ज्यादा उम्मीदवार भी ताल ठोक रहे हैं.