वाराणसीः प्रदेश के मुखिया लगातार गड्ढा मुक्त सड़क की बात करते रहते हैं, लेकिन वाराणसी की सड़कों के गड्ढे कब भरेंगे, किसी को पता नहीं. बनारस की सड़कों पर बने गड्ढे बरसात में लोगों के लिए नासूर साबित हो रहे हैं. आम दिनों में तो यहां से जैसे-तैसे गुजारा हो जाता है, लेकिन बारिश होते ही इन सड़कों पर लोगों का चलना मुहाल हो जाता है. इन दिनों रात के समय में सड़कें दुर्घटनाओं को दावत देती हुईं नजर आ रही हैं.
इस बारे में जब लोगों से बातचीत की गई तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार सिर्फ जुमला देने का काम करती है. गड्ढे सिर्फ सरकारी कागजों पर भरते हैं. हकीकत के धरातल पर हम सबको इन गड्ढों में से ही गुजरना होता है और चोटिल होकर घर जाना होता है.
एक राहगीर से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उसने बताया कि दिन में तो हम जैसे-तैसे चले जाते हैं, लेकिन रात के समय में पता नहीं चलता की गड्ढा कितना गहरा है. बहुत मुश्किल हो जाता है हम लोगों को रात के समय में गाड़ी चलाना.
वहीं अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा कि यहां गड्ढे होने के दो प्रमुख कारण सामने आते हैं. एक तो जब खुदाई करके ऐसे ही सड़कों को छोड़ दिया जाता है, दूसरी सड़क बनाने में सही सामानों का प्रयोग नहीं किया जाता. इसकी वजह से बनारस की पूरी सड़कें गड्ढे में तब्दील हो गई हैं.
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यहां गौर करने वाली बात यह है कि हर दूसरे दिन बनारस में किसी मंत्री और वीआईपी का दौरा लगभग तय होता है, इसके बावजूद बनारस की सड़कें गड्ढों से भरी हुई हैं, जो अपने आप में कई सारे सवाल खड़े करते हैं.