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वाराणसी: सीएए क्या है, सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों को नहीं है जानकारी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गुरुवार को एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. यहां अधिकांश प्रदर्शनकारियों को इस प्रदर्शन को करने की वजह ही पता नहीं है.

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Published : Dec 19, 2019, 11:28 PM IST

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वाराणसी में सीएए का विरोध करते प्रदर्शनकारी

वाराणसी: गुरुवार को पूरे देश में एनआरसी और सीएए को लेकर प्रदर्शन हुए. इस क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी सीएए को लेकर जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन हुए. इस क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में राजनीति और गैर राजनैतिक संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया. खासबात यह है कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन की जानकारी ही नहीं है. वह नागरिक संशोधन कानून (सीएए) को नहीं जानते. हाथ में तख्ती और विरोधी बैनर लिए सड़क पर उतरे अधिकांश पुरुष और महिलाओं को प्रदर्शन के कारण की जानकारी नहीं है.

मामले की जानकारी देते संवाददाता
  • शहर के बेनियाबाग इलाके में गुरुवार को कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन के लिए लोगों से इकट्ठा होने की अपील की थी.
  • धारा 144 का उल्लंघन करने पर पुलिस ने पहले ही कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद बाकी प्रदर्शनकारी जिला मुख्यालय पहुंचे और विरोध मार्च निकालने लगे.
  • ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रदर्शन में शामिल लोगों से विरोध की वजह पूछी तो भीड़ में शामिल पुरुष और महिलाएं नहीं बता सके.
  • कुछ ने कहा साथियों की गिरफ्तारी के बाद रिहाई की मांग के लिए विरोध कर रहे हैं. कुछ ने दूसरों से पूछने की बात कहते हुए किनारा कर लिया.

वाराणसी: गुरुवार को पूरे देश में एनआरसी और सीएए को लेकर प्रदर्शन हुए. इस क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी सीएए को लेकर जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन हुए. इस क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में राजनीति और गैर राजनैतिक संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया. खासबात यह है कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन की जानकारी ही नहीं है. वह नागरिक संशोधन कानून (सीएए) को नहीं जानते. हाथ में तख्ती और विरोधी बैनर लिए सड़क पर उतरे अधिकांश पुरुष और महिलाओं को प्रदर्शन के कारण की जानकारी नहीं है.

मामले की जानकारी देते संवाददाता
  • शहर के बेनियाबाग इलाके में गुरुवार को कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन के लिए लोगों से इकट्ठा होने की अपील की थी.
  • धारा 144 का उल्लंघन करने पर पुलिस ने पहले ही कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद बाकी प्रदर्शनकारी जिला मुख्यालय पहुंचे और विरोध मार्च निकालने लगे.
  • ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रदर्शन में शामिल लोगों से विरोध की वजह पूछी तो भीड़ में शामिल पुरुष और महिलाएं नहीं बता सके.
  • कुछ ने कहा साथियों की गिरफ्तारी के बाद रिहाई की मांग के लिए विरोध कर रहे हैं. कुछ ने दूसरों से पूछने की बात कहते हुए किनारा कर लिया.
Intro:स्पेशल:

वाराणसी: आज पूरे देश में कैब और सीएए को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी काफी उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. इस क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी और सीए को लेकर जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी काफी उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है इस क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में राजनीति को गैर राजनैतिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन इन सब विरोध के बीच प्रदर्शनकारियों की भीड़ शायद इन चीजों से बेपरवाह है कि वह विरोध कर किस चीज का रहे हैं. इसी पड़ताल को ईटीवी भारत ने करते हुए कुछ प्रदर्शनकारियों से विरोध की वजह पूछी तो भीड़ में शामिल प्रदर्शनकारी विरोध करने की वजह ही नहीं बता सके.


Body:वीओ-01 दरअसल शहर के बेनियाबाग इलाके में आज कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन के लिए लोगों से इकट्ठा होने की अपील की थी लेकिन धारा 144 लागू होने पर प्रदर्शन की अनुमति न दिए जाने की वजह से पुलिस ने पहले ही कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद बाकी प्रदर्शनकारी जिला मुख्यालय पर पहुंचे और विरोध मार्च निकालने लगे. इस बीच ईटीवी भारत में प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल लोगों से विरोध की वजह पूछी तो भीड़ में शामिल पुरुष और महिलाएं इसकी वजह बता ही नहीं सके. कुछ ने कहा साथियों की गिरफ्तारी के बाद रिहाई की मांग के लिए विरोध कर रहे हैं तो कुछ ने सीधे का हमें नहीं पता बगल वाले से पूछिए.


Conclusion:वीओ-02 यानी कुल मिलाकर सरकार के फैसले का विरोध कर रहे लोगों का भी प्रदर्शन कर रहे मुद्दों से सरोकार नहीं है लेकिन सिर्फ भीड़ बढ़ाने के लिए राजनैतिक दल भीड़ की शक्ल में ऐसे लोगों को शामिल कर रहे हैं जिनको विरोध के मुद्दे की ही जानकारी नहीं है.

वॉक थ्रू- गोपाल मिश्र
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