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Social Media Friendship : सोशल मीडिया से हुए प्यार की डोर पड़ रही कमजोर, टूट रहे रिश्ते, जा रही जान - friendship on social media

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बन रहे रिश्ते कमजोर साबित हो रहे है. ये बात कह रही है पुलिस थानों में आ रही शिकायते.अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ममता रानी के अनुसार 70प्रतिशत शिकायते ऐसी आ रही है जो सोशल मीडिया से जुड़ी हुई है.

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Published : Jan 24, 2023, 11:11 PM IST

सोशल मीडिया से हुए प्यार की डोर पड़ रही कमजोर

वाराणसी: सोशल मीडिया बड़ा प्लेटफॉर्म है, नए और पुराने दोस्तों से मिलने के लिए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बात होना फिर संबंधों को आगे बढ़ाना और फिर शादी तक बात पहुंचना. यह अब आम बात हो गई है. लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में सोशल मीडिया के जरिए बन रहे रिश्ते कहीं ना कहीं से कमजोर कड़ी साबित हो रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि पुलिस महकमे में आ रही शिकायतें खुद बयां कर रही हैं. वाराणसी पुलिस के पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्यार करने या फिर शादी का वादा करने के बाद मुकर जाने की शिकायतें हर रोज पुलिस की स्पेशल सेल में पहुंच रही हैं. जहां परिवार समाधान केंद्र से लेकर महिला सेल तक स्पेशल टीमें इन शिकायतों के निस्तारण में दिन-रात जुटी हुई है.

दरअसल, वाराणसी में पारिवारिक मामलों को पहले परिवार समाधान केंद्र में भेजकर काउंसलिंग के जरिए इनके निस्तारण की कोशिश होती है या फिर महिला अपराध के प्रकरण स्पेशल सेल के पास भेजे जाते हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो निश्चित तौर पर सोशल मीडिया पर सवाल उठाने के लिए काफी हैं.

- ऐसा ही एक मामला वाराणसी के राजघाट इलाके की रहने वाली 22 साल की युवती के साथ भी सामने आया. इस युवती ने आज से लगभग डेढ़ साल पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के जरिए वाराणसी के अस्सी क्षेत्र पर रहने वाले एक युवक से दोस्ती की. दोस्ती आगे बढ़ने के बाद दोनों के बीच प्यार हुआ और फिर आपसी संबंध स्थापित हो गए. लेकिन जब बात शादी तक पहुंची तो युवक मुकरने लगा. परिवार वालों के दबाव बनाने की वजह से युवक ने युवती से शादी तो करली और तीन महीने का बेटा भी हो गया. इसके बाद युवक ने युवती को अपने साथ रखने से मना कर दिया और उसकों वापस मायके भेज दिया. जिसके बाद अब युवती न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस के चक्कर काट रही है.

- कुछ ऐसा ही मामला बीते दिनों मंडुवाडीह इलाके में भी सामने आया. यहां 2 साल पहले पश्चिम बंगाल की रहने वाली एक युवती ने वाराणसी के एक युवक से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिए संपर्क साधा और दोनों मिलने जुलने लगे. बाद में दोनों के बीच रिश्ते बने और दोनों ने शादी भी कर ली, लेकिन आए दिन होने वाले झगड़ों के बाद युवती ने फांसी लगाकर जान दे दी.

यह दो मामले तो सिर्फ यह बताने के लिए हैं कि सोशल मीडिया के जरिए बसाये जा रहे परिवारों में बन रहे रिश्ते कितने मजबूत हैं. इस बारे में अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ममता रानी का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए बन रहे रिश्तो का कोई वजूद सच में नहीं है, क्योंकि हर महीने ऐसे 70% मामले सामने आ रहे हैं. जो महिलाओं के उत्पीड़न के प्रकरण में सोशल मीडिया के जरिए हो रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मुलाकात करना शादी का झांसा देकर संबंध बनाना और फिर उन्हें छोड़ देना या फिर शादी होने के बाद बच्चे होना और फिर विवाद होने के बाद पति-पत्नी का अलग हो जाना. यहां तक की कई प्रकरण तो ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें शादीशुदा पुरुष या महिला के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही दूसरे रिश्ते बन गए हैं और घर में विवाद की वजह बन गए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आए दिन इस तरह के प्रकरण के सामने आने के बाद निश्चित तौर पर सवाल यह उठता है कि तमाम नेटवर्किंग साइट्स जो रिश्तो को मजबूत करने और दोस्ती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती थी. अब वह रिश्तों को तोड़ने और परिवार को अलग करने की वजह भी बन रही हैं.

महिला अपराध शाखा और परिवार काउंसलिंग सेंटर के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो बीते साल 2021 दिसंबर तक सेंटर पर 525 मामले शिकायतों के तौर पर सामने आए थे. जिनमें से लगभग 70% मामले ऐसे थे जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए रिश्ते तोड़ने या धोखा देने से संबंधित है. इनमें से 40% मामले तो सीधे शादी के बाद पारिवारिक मतभेद और पत्नी को छोड़ देने जैसे शिकायतों के रूप में सामने आए हैं. महिला अपराध सेल प्रभारी का कहना है आज के बदलते सामाजिक परिवेश में लड़कियां झांसे में आ जाती हैं और दोस्ती के बाद शादी जैसे लुभावने वादों में फंसकर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेती हैं. ऐसे में परिवार के लोगों को भी चीजों की जांच पड़ताल करने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए.

2021 में आये कुल 525 मामले सामने आए थे. इसमें भी 70 प्रतिशत मामले सोशल मीडिया से जुड़े हुए थे और 40 प्रतिशत मामलों में शादी के बाद तकरार हुई है. वहीं, 177 मामलों में समझौता हुआ है. इसमें से 209 मामले किसी हल तक नहीं पहुंचे है. 18 मामले ऐसे थे कि जिस में दोनों पक्ष कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते थे. 9 मामले मिडिएशन सेंटर पर विचाराधीन हैं

यह भी पढे़ं:SP social media strategy : सपा मुखिया अखिलेश यादव करेंगे यह काम, जानिए क्या है रणनीति

सोशल मीडिया से हुए प्यार की डोर पड़ रही कमजोर

वाराणसी: सोशल मीडिया बड़ा प्लेटफॉर्म है, नए और पुराने दोस्तों से मिलने के लिए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बात होना फिर संबंधों को आगे बढ़ाना और फिर शादी तक बात पहुंचना. यह अब आम बात हो गई है. लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में सोशल मीडिया के जरिए बन रहे रिश्ते कहीं ना कहीं से कमजोर कड़ी साबित हो रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि पुलिस महकमे में आ रही शिकायतें खुद बयां कर रही हैं. वाराणसी पुलिस के पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्यार करने या फिर शादी का वादा करने के बाद मुकर जाने की शिकायतें हर रोज पुलिस की स्पेशल सेल में पहुंच रही हैं. जहां परिवार समाधान केंद्र से लेकर महिला सेल तक स्पेशल टीमें इन शिकायतों के निस्तारण में दिन-रात जुटी हुई है.

दरअसल, वाराणसी में पारिवारिक मामलों को पहले परिवार समाधान केंद्र में भेजकर काउंसलिंग के जरिए इनके निस्तारण की कोशिश होती है या फिर महिला अपराध के प्रकरण स्पेशल सेल के पास भेजे जाते हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो निश्चित तौर पर सोशल मीडिया पर सवाल उठाने के लिए काफी हैं.

- ऐसा ही एक मामला वाराणसी के राजघाट इलाके की रहने वाली 22 साल की युवती के साथ भी सामने आया. इस युवती ने आज से लगभग डेढ़ साल पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के जरिए वाराणसी के अस्सी क्षेत्र पर रहने वाले एक युवक से दोस्ती की. दोस्ती आगे बढ़ने के बाद दोनों के बीच प्यार हुआ और फिर आपसी संबंध स्थापित हो गए. लेकिन जब बात शादी तक पहुंची तो युवक मुकरने लगा. परिवार वालों के दबाव बनाने की वजह से युवक ने युवती से शादी तो करली और तीन महीने का बेटा भी हो गया. इसके बाद युवक ने युवती को अपने साथ रखने से मना कर दिया और उसकों वापस मायके भेज दिया. जिसके बाद अब युवती न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस के चक्कर काट रही है.

- कुछ ऐसा ही मामला बीते दिनों मंडुवाडीह इलाके में भी सामने आया. यहां 2 साल पहले पश्चिम बंगाल की रहने वाली एक युवती ने वाराणसी के एक युवक से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिए संपर्क साधा और दोनों मिलने जुलने लगे. बाद में दोनों के बीच रिश्ते बने और दोनों ने शादी भी कर ली, लेकिन आए दिन होने वाले झगड़ों के बाद युवती ने फांसी लगाकर जान दे दी.

यह दो मामले तो सिर्फ यह बताने के लिए हैं कि सोशल मीडिया के जरिए बसाये जा रहे परिवारों में बन रहे रिश्ते कितने मजबूत हैं. इस बारे में अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ममता रानी का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए बन रहे रिश्तो का कोई वजूद सच में नहीं है, क्योंकि हर महीने ऐसे 70% मामले सामने आ रहे हैं. जो महिलाओं के उत्पीड़न के प्रकरण में सोशल मीडिया के जरिए हो रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मुलाकात करना शादी का झांसा देकर संबंध बनाना और फिर उन्हें छोड़ देना या फिर शादी होने के बाद बच्चे होना और फिर विवाद होने के बाद पति-पत्नी का अलग हो जाना. यहां तक की कई प्रकरण तो ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें शादीशुदा पुरुष या महिला के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही दूसरे रिश्ते बन गए हैं और घर में विवाद की वजह बन गए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आए दिन इस तरह के प्रकरण के सामने आने के बाद निश्चित तौर पर सवाल यह उठता है कि तमाम नेटवर्किंग साइट्स जो रिश्तो को मजबूत करने और दोस्ती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती थी. अब वह रिश्तों को तोड़ने और परिवार को अलग करने की वजह भी बन रही हैं.

महिला अपराध शाखा और परिवार काउंसलिंग सेंटर के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो बीते साल 2021 दिसंबर तक सेंटर पर 525 मामले शिकायतों के तौर पर सामने आए थे. जिनमें से लगभग 70% मामले ऐसे थे जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए रिश्ते तोड़ने या धोखा देने से संबंधित है. इनमें से 40% मामले तो सीधे शादी के बाद पारिवारिक मतभेद और पत्नी को छोड़ देने जैसे शिकायतों के रूप में सामने आए हैं. महिला अपराध सेल प्रभारी का कहना है आज के बदलते सामाजिक परिवेश में लड़कियां झांसे में आ जाती हैं और दोस्ती के बाद शादी जैसे लुभावने वादों में फंसकर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेती हैं. ऐसे में परिवार के लोगों को भी चीजों की जांच पड़ताल करने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए.

2021 में आये कुल 525 मामले सामने आए थे. इसमें भी 70 प्रतिशत मामले सोशल मीडिया से जुड़े हुए थे और 40 प्रतिशत मामलों में शादी के बाद तकरार हुई है. वहीं, 177 मामलों में समझौता हुआ है. इसमें से 209 मामले किसी हल तक नहीं पहुंचे है. 18 मामले ऐसे थे कि जिस में दोनों पक्ष कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते थे. 9 मामले मिडिएशन सेंटर पर विचाराधीन हैं

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