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काशी में गंगा के बढ़े जलस्तर से जनजीवन बेहाल, राहत शिविरों में सैकड़ों परिवार

वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता (ganga rising water level in varanasi) जा रहा है, जिसके कारण गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोग बाढ़ राहत शिविर में रहने को मजबूर है. आइए जानते है कि शिविर में रहने वाले लोग का हाल कैसा है...

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बाढ़ राहत शिविर में रहते लोग
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Published : Aug 26, 2022, 4:37 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 7:26 PM IST

वाराणसी: काशी में गंगा के बढ़ते जलस्तर (ganga rising water level in varanasi) के कारण लोग बाढ़ राहत शिविर की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. ऐसे में लोगों की समस्या को देखते हुए वाराणसी प्रशासन की ओर से जनपद में राहत शिविर बनाए गए हैं. इनमें 1290 लोग ठहरे हुए हैं. बाढ़ शिविर केंद्रों के क्या हाल है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम वाराणसी की सरैया इलाके में पहुंची. यह वह इलाका है जो सबसे पहले बाढ़ की जद में आता है. ऐसे में शासन प्रशासन के द्वारा इस इलाके में रेस्क्यू का कार्य सबसे पहले शुरू किया जाता है.

ईटीवी भारत की टीम ने शिविरोें में रह रहे लोगों से बातचीत कर उनका हाल जाना. लोगों ने बताया कि हर बार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण उन्हें अपने घरों को छोड़ करके दूसरी जगह जाना पड़ता है. ऐसे में उन्हें अपने घर की चिंता रहती है, क्योंकि उसमें उनके जीवन भर की पूंजी हैं. इस बारे में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए अभी तक सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त है. जो लोग कैंप में है, उनका ध्यान रखा जा रहा है और जो अपने घरों पर हैं उनके लिए वहां राशन भिजवाया जा रहा है.

शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत करती ईटीवी भारत की संवाददाता प्रतिमा तिवारी

यह भी पढ़ें: स्वतंत्र देव सिंह ने वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा, बोले PM को है काशी की चिंता

उन्होंने बताया कि जनपद में 40 बाढ़ राहत शिविर केंद्र हैं. इनमें से 11 क्रियाशील हैं, जिनमें से लगभग 1300 लोग रहे हैं. बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने वाला है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 70.86 मीटर तक जा पहुंचा है जबकि डेंजर लेवल 71.262 है. गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता ही जा रहा है.

केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ोतरी की रफ्तार अभी भी 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ी हुई है. जिसके कारण गंगा का जलस्तर कल सुबह तक डेंजर लेवल के निशान को पार कर जाएगा. बनारस में गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण पर्यटन कारोबार भी पूरी तरह से चौपट हो चुका है.

वाराणसी में बीते 5 सालों में सबसे अधिकतम गंगा का जलस्तर

वर्षगंगा का जलस्तर
2018-2019 70.18
2019-202071.95
2020-202168.63
2021-202272.32
2022-2371.05 अबतक


गंगा नदी का अधिकतम जलस्तर

  • वर्ष 1978 में 73.901 मीटर
  • वार्निंग लेवल 70.262 मीटर
  • खतरे का निशान 71.262 मीटर

यह भी पढ़ें: बनारस में लगातार बढ़ रहे गंगा जलस्तर से बाढ़ का खतरा, PM मोदी ने ली हालात की जानकारी

वाराणसी: काशी में गंगा के बढ़ते जलस्तर (ganga rising water level in varanasi) के कारण लोग बाढ़ राहत शिविर की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. ऐसे में लोगों की समस्या को देखते हुए वाराणसी प्रशासन की ओर से जनपद में राहत शिविर बनाए गए हैं. इनमें 1290 लोग ठहरे हुए हैं. बाढ़ शिविर केंद्रों के क्या हाल है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम वाराणसी की सरैया इलाके में पहुंची. यह वह इलाका है जो सबसे पहले बाढ़ की जद में आता है. ऐसे में शासन प्रशासन के द्वारा इस इलाके में रेस्क्यू का कार्य सबसे पहले शुरू किया जाता है.

ईटीवी भारत की टीम ने शिविरोें में रह रहे लोगों से बातचीत कर उनका हाल जाना. लोगों ने बताया कि हर बार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण उन्हें अपने घरों को छोड़ करके दूसरी जगह जाना पड़ता है. ऐसे में उन्हें अपने घर की चिंता रहती है, क्योंकि उसमें उनके जीवन भर की पूंजी हैं. इस बारे में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए अभी तक सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त है. जो लोग कैंप में है, उनका ध्यान रखा जा रहा है और जो अपने घरों पर हैं उनके लिए वहां राशन भिजवाया जा रहा है.

शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत करती ईटीवी भारत की संवाददाता प्रतिमा तिवारी

यह भी पढ़ें: स्वतंत्र देव सिंह ने वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा, बोले PM को है काशी की चिंता

उन्होंने बताया कि जनपद में 40 बाढ़ राहत शिविर केंद्र हैं. इनमें से 11 क्रियाशील हैं, जिनमें से लगभग 1300 लोग रहे हैं. बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने वाला है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 70.86 मीटर तक जा पहुंचा है जबकि डेंजर लेवल 71.262 है. गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता ही जा रहा है.

केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ोतरी की रफ्तार अभी भी 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ी हुई है. जिसके कारण गंगा का जलस्तर कल सुबह तक डेंजर लेवल के निशान को पार कर जाएगा. बनारस में गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण पर्यटन कारोबार भी पूरी तरह से चौपट हो चुका है.

वाराणसी में बीते 5 सालों में सबसे अधिकतम गंगा का जलस्तर

वर्षगंगा का जलस्तर
2018-2019 70.18
2019-202071.95
2020-202168.63
2021-202272.32
2022-2371.05 अबतक


गंगा नदी का अधिकतम जलस्तर

  • वर्ष 1978 में 73.901 मीटर
  • वार्निंग लेवल 70.262 मीटर
  • खतरे का निशान 71.262 मीटर

यह भी पढ़ें: बनारस में लगातार बढ़ रहे गंगा जलस्तर से बाढ़ का खतरा, PM मोदी ने ली हालात की जानकारी

Last Updated : Aug 26, 2022, 7:26 PM IST
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