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वाराणसी: कोरोना के डर से ग्रॉसरी के आइटम इकट्ठा करने में लगे लोग - वाराणसी समाचार

यूपी के वाराणसी में भी कोरोना वायरस को लेकर लोगों में खौफ छाया हुआ है. इन दिनों सरकार द्वारा सभी सार्वजनिक जगहों को बंद कर दिया गया है. इसे लेकर लोगों को अंदेशा है कि अगर ग्रॉसरी की दुकाने भी बंद कर दी गई तो आम-जनजीवन प्रभावित होगा. इस कारण लोगों ने दो-दो महीने का राशन खरीद कर रख रहे हैं.

ग्रॉसरी के आइटम इकट्ठा करने में लगे लोग
ग्रॉसरी के आइटम इकट्ठा करने में लगे लोग
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Published : Mar 19, 2020, 8:19 PM IST

वाराणसी: कोरोना के बढ़ते खौफ को देखते हुए भारत में भी मॉल और उन जगहों को बंद कर दिया गया है, जहां पर भीड़भाड़ का माहौल होता है. इतना ही नहीं भारत के कई मंदिर और वाराणसी के घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को भी बंद कर दिया गया है. अब लोगों का मानना यह है कि अगर रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री की भी दुकानें अगर बंद हुई तो आम जनजीवन पर खासा असर पड़ सकता है. जिसकी वजह से लोग 2 महीने 3 महीने के राशन को खरीदकर अपने घर ले जा रहे हैं.

ग्रॉसरी के आइटम इकट्ठा करने में लगे लोग.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जो ग्रॉसरी की बड़ी दुकानें हैं. वहां से महीने में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्रियों को लोग खरीद कर ले जाते थे और 1 महीने तक राशन का काम चला करता था. कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए लोगों का मानना है कि अगर राशन की बड़ी दुकानों को सरकार ने बंद किया तो आम जनजीवन पर असर पड़ेगा. लोग इस मुसीबत का सामना करने के लिए दो-तीन महीने का राशन खरीद कर ले जा रहे हैं. लोगों का मानना है कि 1 महीने का ज्यादा का राशन अगर घर पर होगा तो परिवार को खिलाने-पिलाने में दिक्कत नहीं होगी.

वहीं ग्रॉसरी की दुकानों के मालिकों का कहना है कि फिलहाल पहले लोग 1 महीने का राशन खरीद के लिए जाया करते थे. इस समय जो स्थिति देश में चल रही है उसको देखते हुए लोगों ने खरीदारी बढ़ा दी है और लोग दो-दो महीने का सामान खरीद कर अपने घर ले जा रहे हैं. बढ़ती मांग को देखते हुए हम लोगों ने भी अपने स्टॉक को बढ़ा दिया है.

वाराणसी: कोरोना के बढ़ते खौफ को देखते हुए भारत में भी मॉल और उन जगहों को बंद कर दिया गया है, जहां पर भीड़भाड़ का माहौल होता है. इतना ही नहीं भारत के कई मंदिर और वाराणसी के घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को भी बंद कर दिया गया है. अब लोगों का मानना यह है कि अगर रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री की भी दुकानें अगर बंद हुई तो आम जनजीवन पर खासा असर पड़ सकता है. जिसकी वजह से लोग 2 महीने 3 महीने के राशन को खरीदकर अपने घर ले जा रहे हैं.

ग्रॉसरी के आइटम इकट्ठा करने में लगे लोग.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जो ग्रॉसरी की बड़ी दुकानें हैं. वहां से महीने में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्रियों को लोग खरीद कर ले जाते थे और 1 महीने तक राशन का काम चला करता था. कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए लोगों का मानना है कि अगर राशन की बड़ी दुकानों को सरकार ने बंद किया तो आम जनजीवन पर असर पड़ेगा. लोग इस मुसीबत का सामना करने के लिए दो-तीन महीने का राशन खरीद कर ले जा रहे हैं. लोगों का मानना है कि 1 महीने का ज्यादा का राशन अगर घर पर होगा तो परिवार को खिलाने-पिलाने में दिक्कत नहीं होगी.

वहीं ग्रॉसरी की दुकानों के मालिकों का कहना है कि फिलहाल पहले लोग 1 महीने का राशन खरीद के लिए जाया करते थे. इस समय जो स्थिति देश में चल रही है उसको देखते हुए लोगों ने खरीदारी बढ़ा दी है और लोग दो-दो महीने का सामान खरीद कर अपने घर ले जा रहे हैं. बढ़ती मांग को देखते हुए हम लोगों ने भी अपने स्टॉक को बढ़ा दिया है.

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