वाराणसी: मोक्ष की नगरी कहे जाने वाले काशी में पूर्वांचल सहित दूर-दूर के प्रदेशों से भी यहां पर अंतिम संस्कार के लिये लोगों का पार्थिव शरीर आता है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रहे बढोत्तरी से शव के अंतिम संस्कार के लिये लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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गलियों में हो रहा शव का अंतिम संस्कार-
शहर में दो श्मशान घाट हैं, एक मणिकर्णिका घाट और दूसरा हरिश्चंद्र घाट. हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जहां प्रतिदिन लगभग 50 शव अंतिम संस्कार के लिये आते थे अब संख्या घटकर 10 से 15 हो गई है.
डोम राजा परिवार भी इससे काफी चिंतित है. अगर गंगा का जलस्तर इसी तरह लगातार बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में शवदाह के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
गंगा का जलस्तर बढ़ने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रात में हमें सामान उठाकर ऊपर ले जाना पड़ता है. उसके साथ ही जो शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग आ रहे हैं उन्हें भी काफी दिक्कत हो रही है. अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में अब हम हरिश्चंद्र सड़क पर शवदाह करना पड़ेगा.
-विकास रावत, स्थानीय नागरिक