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काशी नगरी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से गलियों में हो रहा शवों का अंतिम संस्कार - ganga water level

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों को छोड़ अब गलियों में शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. काशी के हरिश्चंद्र श्मशान घाट की गलियों में शव का अंतिम संस्कार होने से लोगों को काफी दिक्कतें भी हो रही हैं.

श्मसान घाट के गलियों में हो रहा शव का अंतिमत संस्कार
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Published : Aug 19, 2019, 5:01 PM IST

वाराणसी: मोक्ष की नगरी कहे जाने वाले काशी में पूर्वांचल सहित दूर-दूर के प्रदेशों से भी यहां पर अंतिम संस्कार के लिये लोगों का पार्थिव शरीर आता है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रहे बढोत्तरी से शव के अंतिम संस्कार के लिये लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते संवाददाता.

इसे भी पढ़ें :-वाराणसी: गंगा सेवा निधि कार्यालय के छत पर गंगा आरती का किया गया आयोजन

गलियों में हो रहा शव का अंतिम संस्कार-

शहर में दो श्मशान घाट हैं, एक मणिकर्णिका घाट और दूसरा हरिश्चंद्र घाट. हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जहां प्रतिदिन लगभग 50 शव अंतिम संस्कार के लिये आते थे अब संख्या घटकर 10 से 15 हो गई है.

डोम राजा परिवार भी इससे काफी चिंतित है. अगर गंगा का जलस्तर इसी तरह लगातार बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में शवदाह के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रात में हमें सामान उठाकर ऊपर ले जाना पड़ता है. उसके साथ ही जो शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग आ रहे हैं उन्हें भी काफी दिक्कत हो रही है. अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में अब हम हरिश्चंद्र सड़क पर शवदाह करना पड़ेगा.

-विकास रावत, स्थानीय नागरिक

वाराणसी: मोक्ष की नगरी कहे जाने वाले काशी में पूर्वांचल सहित दूर-दूर के प्रदेशों से भी यहां पर अंतिम संस्कार के लिये लोगों का पार्थिव शरीर आता है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रहे बढोत्तरी से शव के अंतिम संस्कार के लिये लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते संवाददाता.

इसे भी पढ़ें :-वाराणसी: गंगा सेवा निधि कार्यालय के छत पर गंगा आरती का किया गया आयोजन

गलियों में हो रहा शव का अंतिम संस्कार-

शहर में दो श्मशान घाट हैं, एक मणिकर्णिका घाट और दूसरा हरिश्चंद्र घाट. हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जहां प्रतिदिन लगभग 50 शव अंतिम संस्कार के लिये आते थे अब संख्या घटकर 10 से 15 हो गई है.

डोम राजा परिवार भी इससे काफी चिंतित है. अगर गंगा का जलस्तर इसी तरह लगातार बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में शवदाह के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रात में हमें सामान उठाकर ऊपर ले जाना पड़ता है. उसके साथ ही जो शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग आ रहे हैं उन्हें भी काफी दिक्कत हो रही है. अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में अब हम हरिश्चंद्र सड़क पर शवदाह करना पड़ेगा.

-विकास रावत, स्थानीय नागरिक

Intro:काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। इसलिए पूर्वांचल सहित दूर-दूर के प्रदेशों से भी यहां पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों का पार्थिक शरीर आता है। गंगा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर में अब शव के अंतिम संस्कार के लिए दिक्कत हो रही है।


Body:वाराणसी में दो श्मशान घाट है मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट ऐसे में हरिश्चंद्र घाट की बात करें तो यहां पर गली में शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वही यहां प्रतिदिन लगभग 50 शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे।अब उनकी संख्या घटकर 10 से 15 हो गई है। डोम राजा परिवार भी इसे काफी चिंतित है अगर गंगा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में सौदा के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।


Conclusion:स्थानीय नागरिक विकास रावत ने बताया गंगा के जलस्तर में लगातार पानी बड़ा जिससे घाटों पर बाढ़ की स्थिति हो गई है हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रात में हमें सामान उठाकर ऊपर ले जाना पड़ता है उसके साथ थी जो शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग आ रहे हैं उन्हें भी काफी दिक्कत हो रहा है आप देख सकते हैं जैसा कि हम गलियों में अंतिम संस्कार कराया जा रहा है अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में अब हम हरिश्चंद्र सड़क पर सौदा करना पड़ेगा।

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
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