वाराणसी:मानसिक अस्पताल में मरीजों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को दो और मरीजों की मौत हो गई. इसे लेकर एक मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. पिछले सात दिन में दो मरीजों की मौत हो चुकी है. एक हफ्ते में चार मरीजों की मौत और एक बंदी के फरार होने से मानसिक अस्पताल प्रशासन और कर्मचारियों को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. इसके बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल, पिछले दिनों सारनाथ क्षेत्र की श्रेया को उपचार के लिए मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उपचार के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई थी. मौत की सूचना मिलने पर परिजनों ने मानसिक अस्पताल की निदेशक डॉ. लिली श्रीवास्तव और इलाज करने वाले डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया. सूचना पाकर अर्दली बाजार चौकी इंचार्ज पहुंचे और सभी को समझाबुझाकर मामला शांत कराया था. इधर मामला शांत नहीं हुआ था कि, आजमगढ़ से आए एक अन्य मरीज की मौत हो गई. मृतक की उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है. मानसिक स्थिति सही न होने के कारण वह अपना नाम और पता नहीं बता पाया था. आजमगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर भर्ती किया गया था.
इसे भी पढ़े-हे भगवान ! मानसिक अस्पताल की हालत देख कहीं खराब न हो जाए मानसिक स्थिति
वहीं, मानसिक अस्पताल में भर्ती बांदा जिले का कैदी हरिशंकर बीती 8 जून को सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भाग गया था. इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने एक बंदी की पिटाई की और वह गंभीर रूप से घायल हो गया. 9 जून को बांदा से आए हुए बंदी राहुल उपाध्याय की मौत हो गई थी. इसके एक ही दिन बाद बस्ती जिले के मरीज दिलीप मिश्रा की भी मौत हो गई. इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि मानसिक चिकित्सालय की व्यवस्थाओं और इलाज की गुणवत्ता की जांच के लिए एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ की जांच समिति गठित की गई है. दोनों अधिकारी मंगलवार को ही अस्पताल जाकर सभी बिंदुओं पर जांच करेंगे. जांच समिति अनियमितताओं के संबंध में अपनी रिपोर्ट देगी.
ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप