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काशी विश्वनाथ मंदिर के 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त, पूजा-पाठ कराने पर लगा प्रतिबंध

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कराने के नाम पर निशुल्क शास्त्रियों को दर्शनार्थियों से अतिरिक्त पैसों की मांग करना महंगा पड़ गया. शिकायत पर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
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Published : Aug 19, 2021, 6:41 AM IST

Updated : Aug 19, 2021, 6:48 AM IST

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की छवि खराब करने वाले निशुल्क शास्त्री और कर्मचारियों पर बुधवार को गाज गिरी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

दरअसल, मंदिर प्रशासन को लगातार श्रद्धालुओं की ओर से शिकायतें मिल रही थीं की मंदिर की व्यवस्था से जुड़े हुए शास्त्री और कर्मचारी निर्धारित शुल्क के अलावा पैसों की मांग करते हैं. हेल्प डेस्क पर तैनात इन कर्मचारियों द्वारा दर्शन और पूजा के नाम पर श्रद्धालुओं को बरगलाकर पैसों की वसूली करते हैं. साथ ही श्रद्धालुओं से इनका व्यवहार भी ठीक नहीं रहता है. इस तरह की हरकतों से लगातार मंदिर प्रशासन की छवि खराब हो रही थी. मंदिर प्रशासन की लगातार बिगड़ती छवि को देखते हुए बुधवार को आयुक्त सभागार में वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कड़ा एक्शन लिया.

आयुक्त सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की बैठक.
आयुक्त सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की बैठक.

वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था और उसकी पूजा-पाठ सहित अन्य विषयों को लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बुधवार को आयुक्त सभागार में एक बैठक की. इसमें चर्चा के दौरान कमिश्नर ने पाया कि हेल्प डेस्क की ओर से रखे गए निशुल्क शास्त्री दर्शनार्थियों से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं. इसके अलावा मंदिर के कर्मचारियों द्वारा श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार करने की शिकायतें मिली थीं. इसको लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि मंदिर की मर्यादा के अनुरूप कार्य न करने वाले, मंदिर की छवि खराब करने वाले ऐसे किसी कर्मचारी, निशुल्क शास्त्री की मंदिर में कोई जगह नहीं है. इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. यही नहीं आगे से भी अगर किसी की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बैठक के दौरान मंदिर के कर्मचारियों और अर्चक को सावन में बेहतर कार्य करने के लिए बधाई दी.

इसे भी पढ़ें:- Horoscope Today 19 August 2021 राशिफल : मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, कुम्भ, मीन राशि वालों का हर्षोल्लास में समय गुजरेगा

सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि निर्माणाधीन परिसर होने के बाद भी कर्मचारियों द्वारा भरपूर सहयोग करके सावन के पवित्र महीने में अपना दायित्व निर्वहन किया गया है. इस बैठक में मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, मंदिर के विशेष कार्याधिकारी ज्वाइंट कमिश्नर उमेश सिंह और मंदिर के सभी अर्चक उपस्थित रहे.

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की छवि खराब करने वाले निशुल्क शास्त्री और कर्मचारियों पर बुधवार को गाज गिरी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

दरअसल, मंदिर प्रशासन को लगातार श्रद्धालुओं की ओर से शिकायतें मिल रही थीं की मंदिर की व्यवस्था से जुड़े हुए शास्त्री और कर्मचारी निर्धारित शुल्क के अलावा पैसों की मांग करते हैं. हेल्प डेस्क पर तैनात इन कर्मचारियों द्वारा दर्शन और पूजा के नाम पर श्रद्धालुओं को बरगलाकर पैसों की वसूली करते हैं. साथ ही श्रद्धालुओं से इनका व्यवहार भी ठीक नहीं रहता है. इस तरह की हरकतों से लगातार मंदिर प्रशासन की छवि खराब हो रही थी. मंदिर प्रशासन की लगातार बिगड़ती छवि को देखते हुए बुधवार को आयुक्त सभागार में वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कड़ा एक्शन लिया.

आयुक्त सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की बैठक.
आयुक्त सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की बैठक.

वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था और उसकी पूजा-पाठ सहित अन्य विषयों को लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बुधवार को आयुक्त सभागार में एक बैठक की. इसमें चर्चा के दौरान कमिश्नर ने पाया कि हेल्प डेस्क की ओर से रखे गए निशुल्क शास्त्री दर्शनार्थियों से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं. इसके अलावा मंदिर के कर्मचारियों द्वारा श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार करने की शिकायतें मिली थीं. इसको लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि मंदिर की मर्यादा के अनुरूप कार्य न करने वाले, मंदिर की छवि खराब करने वाले ऐसे किसी कर्मचारी, निशुल्क शास्त्री की मंदिर में कोई जगह नहीं है. इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. यही नहीं आगे से भी अगर किसी की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बैठक के दौरान मंदिर के कर्मचारियों और अर्चक को सावन में बेहतर कार्य करने के लिए बधाई दी.

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सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि निर्माणाधीन परिसर होने के बाद भी कर्मचारियों द्वारा भरपूर सहयोग करके सावन के पवित्र महीने में अपना दायित्व निर्वहन किया गया है. इस बैठक में मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, मंदिर के विशेष कार्याधिकारी ज्वाइंट कमिश्नर उमेश सिंह और मंदिर के सभी अर्चक उपस्थित रहे.

Last Updated : Aug 19, 2021, 6:48 AM IST
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