वाराणसी : जिले के अगस्तकुंडा क्षेत्र के रहने वाले देवाशीष चटर्जी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है. कोरोना मरीज देवाशीष चटर्जी ने बताया कि उन्होंने अपने एक दोस्त के माध्यम से इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया था. क्योंकि जब शुरुआत के दिनों में वह एडमिट हुए थे, तो उनको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. जब से उन्होंने अस्पताल की लापरवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, तब से डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन उनकी बातों को सुन रहा है.
उन्होंने बताया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इसको लेकर उन्हें पहले ऑक्सीजन दिया गया था, परंतु फिर हटा दिया गया. ऑक्सीजन हटाए जाने के बाद जब उन्हें दिक्कत हुई, तो उन्होंने अस्पताल प्रशासन व सभी से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुना. इससे तंग आकर उन्होंने 7 सितंबर को मजबूरीवश यह वीडियो बनाकर अपलोड कराया था. उन्होंने बताया कि अब अस्पताल प्रशासन उनकी अच्छी तरीके से देखभाल कर रहा है और वह पूरी तरीके से अस्पताल प्रशासन से संतुष्ट हैं.
इस बारे में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वीके शुक्ला ने बताया कि यह हॉस्पिटल एल 2 लेवल का है. यहां सांस लेने में दिक्कत इत्यादि गम्भीर समस्याओं के ही मरीज आते हैं. जो सामान्य मरीजों की अपेक्षा गंभीर होते हैं. यह मरीज हमारे यहां भर्ती हुआ था, जिसका इलाज चल रहा है. यह एक-दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. अभी उसका स्वास्थ्य पूरी तरीके से ठीक है.
गौर करने वाली बात यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ आए दिन मुख्य सचिव का वाराणसी दौरा होता है. अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाता है. इसके बाद भी इस प्रकार की लापरवाही डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान खड़ा करता है.