वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग में संचालित महामहोपाध्याय श्रीबापूदेव शास्त्री पंचांग का विमोचन हुआ. इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य सरकार के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत उपस्थित रहे. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियों को देख धन सिंह रावत भाव विभोर हो गए.
प्रचीन हस्तलिखित श्रीमद् भागवत कथा की सराहना की
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में उत्तराखंड के उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत ने एक हजार साल पुरानी हस्तलिखित श्रीमद् भागवत और देश की प्राचीनतम पांडुलिपियों की सराहना की. इस दौरान उन्होंने मुद्रित पुस्तकालय सहित वेधशाला का अवलोकन भी किया. पुस्तकालय के मुद्रित प्रभार में उन्होंने कंप्लीट फॉर शेक्सपियर नामक दुर्लभ पुस्तक देखी. उन्होंने कहा कि काशी में स्थित यह परिसर देवभूमि है. यहां से संस्कृत, संस्कृति और संस्कार के संगम की धारा प्रवाहित होकर संपूर्ण विश्व को आलोकित करती है.
धन सिंह रावत ने कहा कि आज उनके जीवन का यह प्रहर सार्थक हो रहा है. यहां से 145 वर्षों से प्रकाशित पंचांग का लोकार्पण हुआ है. यह वैदिक दृष्टि से देश की राह प्रशस्त करता है. उन्होंने कहा कि यहां की वेदशाला और सरस्वती भवन पुस्तकालय एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में देश को एक दिशा देने का कार्य कर रही है. यह अत्यंत अद्भुत और अलौकिक है.
कुलपति ने कहा- यह पंचांग अन्य से है अद्भुत
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम शुक्ला ने कहा कि 145 वर्षों से प्रकाशित हो रहे इस पंचांग की विशेषताएं वृहद हैं. यह पंचांग अन्य पंचांग से अलग और अद्भुत है.
पंचांग के लोकार्पण पर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पंचांग के संपादक प्रोफेसर अमित कुमार शुक्ला ने कहा कि इस पंचांग से ही राज्य सरकार द्वारा व्रत व पर्व का निर्धारण किया जाता है. इसे बहुत ही सूक्ष्मता से गणितीय शुद्धता को ध्यान रखते हुए प्रकाशित किया गया है.