वाराणसीः कोरोना महामारी और लॉकडाउन के संकट से देश तो उभर रहा है लेकिन जनता अभी भी महंगाई की मार से त्रस्त है. यूपी सहित कई राज्यों में डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इसके अलावा एलपीजी के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है, जिस वजह से मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, सुभासपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं.
रोजगार और महंगाई का मुद्दा
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. सपा नेता सुमित जायसवाल ने कहा कि पेट्रोल-डीजल सहित रसोई गैस के आसमान छूते दाम आम लोगों के लिए मुश्किल का सबब बन रहा है. लोगों के महीने का बजट पूरी तरह से बिगड़ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि यह वही सरकार है जो सत्ता में आने के पहले बड़े-बड़े वादे करके सत्ता में आई थी. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि महंगाई पर नियंत्रण करे और रोजगार का सृजन करे.
पेट्रोल-डीजल के मूल्य में लगा शतक
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शशी प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार झूठ की सरकार है. यह सरकार झूठे वादे करके सत्ता में आई थी. इस सरकार ने पेट्रोल-डीजल के मूल्य में शतक लगा दिया है. भाजपा के लोगों ने 2014 में घूम घूमकर कह रहे थे कि हम महंगाई को कम करेंगे और रोजगार का सृजन करेंगे. वर्तमान हालात में उनके द्वारा किया गया वादा उल्टा हो गया है.
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सरकार जनता को राहत देने के मूड में नहीं
यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव ओम शुक्ला ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अभी आम जनता को राहत देने के मूड में नहीं है. उन्होंने कहा की वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन के बाद जनता महंगाई की मार से त्रस्त है, उसे महंगाई की अधिकतम मार झेलनी पड़ रही है. जो नेता अपने क्षेत्र में लगातार दौरा कर रहे हैं चाहे वह विपक्ष के नेता हों या सरकार के उन्हें जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.