वाराणसी: एक स्कूल की कक्षा, इस कक्षा में किताबों का ऐसा भंडार कि दीवार का पंखा छू जा रहा है. हर तरफ सिर्फ किताबें ही किताबें. स्कूल की कक्षा में किताबों के होने से बच्चों को बाहर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ी. ऐसे ही तीन कमरे थे, जिनमें इतनी ही किताबें रखी हुई थीं. अब आप सोच रहे होंगे कि स्कूल ने इन किताबों को बच्चों के लिए रखा है तो ऐसा नहीं है. ये सर्व सेवा संघ भवन से निकली हुई किताबें हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से खेतों में फेंक दिया गया था. जो किताबें हमारे देश की अमूल्य धरोहर हैं. उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था.
वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ का भवन जमींदोज कर दिया गया था. सरकारी बुलडोजर ने सारे कमरों को गिरा दिया. इसकी लाइब्रेरी से करीब एक लाख से अधिक किताबों को निकाला गया था और भवन के परिसर में फेंक दिया गया था. इसके बाद उन किताबों को शहर से बाहर ले जाकर एक गांव खेत में गिरा दिया गया. इन किताबों को कूड़ा गाड़ी में ले जाया गया था. आरोप है कि प्रदेश सरकार ने इन किताबों को सहेजने का कोई प्रयास नहीं किया और किताबों को कूड़े की तरह फेंक दिया गया. इन किताबों को सुरक्षित रखने का काम गांव के शिक्षकों, ग्रामीणों और बच्चों ने किया.
60-70 साल पुरानी किताबें हो गई हैं खराब: राम धीरज ने कहा कि 'विनोबा भावे ने पदयात्रा शुरु की थी. उस दौरान उनके जो प्रवचन होते थे वह बहुत महत्वपूर्ण थे. विनोबा प्रवचन की 60-70 साल पुरानी जो प्रतियां थीं, गोदान एक पत्रिका थी, धरोहर एक पत्रिका थी जो शोध की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण थी. इन सभी को निकालकर फेंक दिया गया. उनके कागज इतने पुराने थे कि हम चाहकर भी उन्हें नहीं संभाल सकते हैं. सारे कागज टूट चुके हैं. उन पत्रिकाओं की कोई दूसरी प्रतियां नहीं थीं. यहीं पर सभी को संरक्षित किया गया था.'उन्होनें ने बताया कि जलगांव की लाइब्रेरी के लोग कुछ किताबें ले गए हैं.
जी20 में हो रहीं धरोहर बचाने की बातें: राम धीरज ने बताया कि गांधी रिसर्च फाउंडेशन संस्था की जलगांव लाइब्रेरी में एक ट्रक के करीब किताबें ले जाई गई हैं. उन लोगों ने कहा है कि जब भी जरूरत होगी वापस दे दी जाएगी. मगर भारत सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए कोई पहल नहीं की. इसके साथ ही उन्होंने जी20 में एक बयान को लेकर भी सवाल किया. उन्होंने कहा कि सरकार का कहना है कि हम धरोहर को बचाएंगे और इसके लिए काशी पाथवे नाम से 300 पेज का एक दस्तावेज भी बनाया है. मगर जो जीवंत धरोहर थी उसे तोड़ दिया गया है. सरकार को धरोहर से कोई मतलब नहीं है.
12 अगस्त की कार्रवाई में गिराए गए भवन: वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर के भवनों को 12 अगस्त को गिरा दिया गया था. प्रशासन की तरफ से की गई इस कार्रवाई में बिल्डिंग्स को गिरा दिया गया. इस दौरान सर्व सेवा संघ के लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा था. इस दौरान पुलिस ने 10 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था. इस दौरान विरोध करने के लिए महिलाएं भी काफी संख्या में पहुंची थीं. किसी को भी परिसर के अंदर नहीं जाने दिया गया था. बता दें कि 13 एकड़ में फैले इस परिसर में करीब 80 मकान बने हुए थे, जिनमें रहने के लिए मकान और ऑफिस थे. इसी दौरान ये किताबें भी वहीं से मिली थीं.
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