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BHU में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन, 'वसुधैव कुटुंबकम' के विषय पर की गई चर्चा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 'इंटरफेथ डायलॉग इन इंडिया कंसर्न्स एंड चैलेंज' के विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में प्रोफेसरों ने अपने-अपने मत प्रस्तुत किए.

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Published : Sep 13, 2019, 3:24 PM IST

एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय के अंतर्गत वसुधैव कुटुंबकम के विषय पर चर्चा की गई. जहां सामाजिक वशीकरण एवं समावेशी नीति अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से 'इंटरफेथ डायलॉग इन इंडिया कंसर्न्स एंड चैलेंज' के विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया.

एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन.
एक दिवसीय सेमिनार का आयोजनबीएचयू के छात्र-छात्राओं के बीच इस सम्मेलन का सिर्फ एक मात्र मकसद था, विभिन्न धर्मों के साजिद तत्वों को लोगों के सामने लाया जाए और देश में सम्मुख उपस्थित संप्रदायिक चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार विमर्श किया जाए. वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान न केवल संप्रदायिक जातीय एवं आतंकवादी हिंसा से पीड़ित बच्चों को भौतिक एवं मानसिक पुनर्वास उपलब्ध कराता है, बल्कि उनके देख-रेख और शिक्षण-प्रशिक्षण के अतिरिक्त भारतीय एवं राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा देने का कार्य करता है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी में नए 'मोटर व्हीकल एक्ट' के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

जानिए क्या कहा प्रोफेसरों ने
प्रोफेसर आरपी पाठक ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस सेमिनार से हम पूरे विश्व में यह संदेश देना चाहते हैं कि हम वसुधैव कुटुंबकम हैं. यह विश्व एक वसुधैव है और हम लोग उसके कुटुंब हैं. यहां हर धर्म आपस में मिला है और सभी धर्म सत्य का समर्थन करते हैं. देश में जिस तरह की वैमनस्यता फैली है उस सद्भावना के सर्व धर्म का आयोजन किया गया. वहीं डॉ. अमरनाथ पासवान ने बताया कि बीएचयू के इस सेमिनार से लोगों को एक संदेश देना चाहते हैं कि धर्म में जिस तरह की कटुता फैली है वह खत्म हो, क्योंकि सारे धर्मों के तत्वों को समझना होगा.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय के अंतर्गत वसुधैव कुटुंबकम के विषय पर चर्चा की गई. जहां सामाजिक वशीकरण एवं समावेशी नीति अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से 'इंटरफेथ डायलॉग इन इंडिया कंसर्न्स एंड चैलेंज' के विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया.

एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन.
एक दिवसीय सेमिनार का आयोजनबीएचयू के छात्र-छात्राओं के बीच इस सम्मेलन का सिर्फ एक मात्र मकसद था, विभिन्न धर्मों के साजिद तत्वों को लोगों के सामने लाया जाए और देश में सम्मुख उपस्थित संप्रदायिक चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार विमर्श किया जाए. वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान न केवल संप्रदायिक जातीय एवं आतंकवादी हिंसा से पीड़ित बच्चों को भौतिक एवं मानसिक पुनर्वास उपलब्ध कराता है, बल्कि उनके देख-रेख और शिक्षण-प्रशिक्षण के अतिरिक्त भारतीय एवं राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा देने का कार्य करता है.

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जानिए क्या कहा प्रोफेसरों ने
प्रोफेसर आरपी पाठक ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस सेमिनार से हम पूरे विश्व में यह संदेश देना चाहते हैं कि हम वसुधैव कुटुंबकम हैं. यह विश्व एक वसुधैव है और हम लोग उसके कुटुंब हैं. यहां हर धर्म आपस में मिला है और सभी धर्म सत्य का समर्थन करते हैं. देश में जिस तरह की वैमनस्यता फैली है उस सद्भावना के सर्व धर्म का आयोजन किया गया. वहीं डॉ. अमरनाथ पासवान ने बताया कि बीएचयू के इस सेमिनार से लोगों को एक संदेश देना चाहते हैं कि धर्म में जिस तरह की कटुता फैली है वह खत्म हो, क्योंकि सारे धर्मों के तत्वों को समझना होगा.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय अंतर्गत सामाजिक वशीकरण एवं समावेशी नीति अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से आज" इंटरफेथ डायलॉग इन इंडिया कंसर्न्स एंड चैलेंज" इस विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया.


Body:बीएचयू के छात्र छात्राओं के बीच इस सम्मेलन का मात्र एक मकसद था जिसमें विभिन्न धर्मों के साजिद तत्वों को लोगों के सामने लाया लाना तथा देश में सम्मुख उपस्थित संप्रदायिक चुनौतियों व उनके समाधान पर विचार विमर्श करना था

वक्ताओं ने एक स्वर में इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान न केवल संप्रदायिक जातीय एवं आतंकवादी हिंसा से पीड़ित बच्चों को भौतिक एवं मानसिक पुनर्वास उपलब्ध कराता है बल्कि उनके देखरेख व शिक्षण प्रशिक्षण की अतिरिक्त सांप्रदायिक सद्भावना भारतीय एवं राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का कार्य करता है हमें सभी धर्मों के तत्वों को समझना चाहिए और यह काम हमारे आने वाली पीढ़ी आप ही लोग कर सकते हो।


Conclusion:प्रोफेसर आरपी पाठक ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस सेमिनार से हम पूरे विश्व देश में यह संदेश देना चाहते हैं कि हम वसुदेव कुटुंबकम हैं हमारा जो यह विश्व है और एक वसुदेव है हम उसके कुटुंब हैं और जिस तरह विभिन्न धर्मों के तत्वों को जाना चाहिए क्योंकि हर धर्म आपस में मिला है और सभी धर्म सत्य के समर्थन करते हैं। देश में जिस तरह की वैमनस्यता फैली है हम उसे सद्भावना को सर्व धर्म का आयोजन किया गया।

बाईट :-- प्रो आर.पी.पाठक, संकाय अध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान संकाय

डॉ अमरनाथ पासवान ने बताया कि बीएचयू से इस सेमिनार को कर कर हम एक संदेश देना चाहते हैं कि धर्म में जिस तरह की कटुता फैली है वह खत्म हो क्योंकि सारे धर्मों के तत्वों को समझना होगा जिसमें हमारे साथ सभी धर्मों के अनुयाई यहां पर मौजूद हैं और वह सब लोगों ने अपनी बातें रखी क्योंकि देश के आने वाले भविष्य बच्चे हैं और यह छात्र ही हमारे देश को आगे चलाएंगे।

बाईट :-- डॉ अमरनाथ पासवान, कार्यक्रम सचिव, बीएचयू

अशुतोष उपध्याय

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