वाराणसी: जिले में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 31 मई को ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य तम्बाकू की वजह से स्वस्थ होने वाले नुकसान के बारे में जागरुकता फैलाना होता है. शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय-कबीरचौरा स्थित ‘तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र’ के प्रयासों से तम्बाकू, गुटखा, खैनी, सिगरेट छोड़ने वालों की संख्या हजारों में हुई है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि विश्व में हर 6.5 सेकेंड में धूम्रपान करने वाले एक व्यक्ति की मौत होती है. प्रतिदिन 2,200 से अधिक भारतीय तम्बाकू सेवन के कारण मरते हैं. तम्बाकू के सेवन से न केवल कैंसर होता है बल्कि ह्रदयरोग, मधुमेह, टीबी जैसी बीमारियां भी व्यक्ति को तबाह करती हैं. किशोरावस्था से ही तम्बाकू सेवन करने से नपुंसकता भी हो जाती है.
ईश्वरगंगी निवासी राजेश परिवर्तित नाम की पहचान इलाके में एक चेन स्मोकर के रूप में हो चुकी थी. एक सिगरेट बुझी नहीं कि दूसरी सुलगाने की उन्हें तलब लग जाती थी. फेफड़े में हुए इन्फेक्शन के बाद डाक्टर ने जब उन्हें सिगरेट छोड़ने के लिए कहा तो राजेश के लिए यह एक चैलेंज बन गया. चिकित्सक की सलाह पर उन्होंने ‘तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र’ से सम्पर्क किया. कुछ दिनों की काउंसलिग के साथ चली जरूरी दवा का असर ऐसा हुआ कि राजेश ने सिगरेट पीना ही छोड़ दिया.
विशेश्वरगंज के 50 वर्षीय अरुण परिवर्तित नाम की कहानी भी कुछ इसी तरह की रही. दिन भर में पचास-साठ गुटखा खाना उनके लिए एक सामान्य सी बात रही. नतीजा यह रहा कि मुंह में हुए छाले ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहे थे और स्वास्थ भी तेजी से गिरता जा रहा था. लाख कोशिशों के बाद भी यह बुरी लत उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी. तभी एक मित्र की सलाह पर उन्होंने ‘तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र से सम्पर्क किया. अरुण की दृढ इच्छा शक्ति और केन्द्र के प्रयासों का नतीजा हुआ कि उन्होंने गुटखा खाना छोड़ दिया. राजेश और अरुण तो महज नजीर है. कई लोगों ने यहां से जुड़कर नशे की लत को छोड़ा है और आज वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
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काशी का यह केन्द्र दिलाता है तम्बाकू के नशे से मुक्ति
शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय-कबीरचौरा स्थित ‘तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र’ के प्रयासों से तम्बाकू, गुटखा, खैनी, सिगरेट छोड़ने वालों की संख्या हजारों में है. नशे से मुक्त होकर ये लोग आज स्वस्थ जीवन गुजार रहे हैं. तम्बाकू के लती हो चुके ऐसे ही अन्य किशोरों, युवाओं व अन्य लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. इस वर्ष इसकी थीम "पर्यावरण बचाएं" निर्धारित की गई है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि विश्व में हर 6.5 सेकेंड में धूम्रपान करने वाले एक व्यक्ति की मौत होती है. प्रतिदिन 2,200 से अधिक भारतीय तम्बाकू सेवन के कारण मरते हैं. तम्बाकू के सेवन से न केवल कैंसर होता है बल्कि ह्रदयरोग, मधुमेह, टीबी जैसी बीमारियां भी व्यक्ति को तबाह करती हैं. किशोरावस्था से ही तम्बाकू सेवन करने से नपुंसकता भी हो जाती है.
ओपीडी से होता है इलाज
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डॉ. सौरभ प्रताप सिंह के अनुसार किशोरों, युवाओं को ऐसी ही बुरी लत से बचाने के लिए शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय के कक्ष संख्या 50 में ‘तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र का संचालन किया जाता है. उन्होंने ने बताया कि इस केन्द्र में प्रत्येक सोमवार, मंगलवार व गुरुवार ओपीडी होती है. जिसमें तम्बाकू के लती लोगों को इस बुरी लत से छुटकारा दिलाने का प्रयास होता है.
15 हज़ार से ज़्यादा लोगों की हो चुकी है कॉउंसलिंग
नशा उन्मूलन केन्द्र के साइकोलाजिस्ट अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि महज तीन वर्ष के भीतर हम लोग इस केन्द्र के जरिये 15 हजार से अधिक लोगों की काउंसलिंग कर चुके हैं. जिसके सार्थक परिणाम भी आये हैं. इनमें ऐसे लोगों की संख्या काफी है, जिन्होंने नशा करना पूरी तरह छोड़ दिया है. वह बताते है कि इस केन्द्र में आने वालों को शुरू में लगता है कि उनके नशे की आदत कभी नहीं छूट सकती. लेकिन जब उनकी काउंसलिंग की जाती है तो उनका हौसला बढ़ जाता है. उन्हें नशे से होने वाले नुकसान के बारे में समझाया जाता है. फिर यह भी बताया जाता है कि, वह नशा किस तरह से छोड़े. यहां से जाने के बाद भी हम मरीज का फालोअप करते रहते हैं. उससे सम्पर्क कर उसे समय-समय पर सलाह देते रहते हैं.
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