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बेटे का नामांकन कराने आए ओपी राजभर का वाराणसी में विरोध, कचहरी में वकीलों का जमकर हंगामा - om prakash rajbhar faced agitation from lawyers

यूपी चुनाव में वाराणसी की शिवपुर विधानसभा के प्रत्याशी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता अरविंद राजभर का नामांकन के दौरान जमकर विरोध हुआ. वाराणसी में अरविंद राजभर अपने पिता ओमप्रकाश राजभर के साथ नामांकन करने पहुंचे थे। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ताओं ने उनका जमकर विरोध किया.

ओपी राजभर
ओपी राजभर
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Published : Feb 15, 2022, 10:41 AM IST

वाराणसी: 7 मार्च को अंतिम चरण में होने वाले मतदान के लिए वाराणसी में 10 फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया जारी है. सोमवार 14 फरवरी को शिवपुर विधानसभा से अपने बेटे अरविंद राजभर के नामांकन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पहुंचे ओमप्रकाश राजभर के साथ वकीलों द्वारा की गई अभद्रता और नारेबाजी मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस प्रकरण में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से लिखित शिकायत चुनाव आयोग से की गई है और वाराणसी के जिलाधिकारी समेत पुलिस कमिश्नर को तत्काल हटाए जाने की मांग भी रखी गई है.

इतना ही नहीं वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की तरफ से भी इस प्रकरण में सख्ती दिखाते हुए 18 फरवरी की शाम तक अधिवक्ताओं को न्यायालय का कार्य न होने की स्थिति में कलेक्ट्रेट परिसर में न आने के लिए भी निर्देशित किया है.

दरअसल, सोमवार को बेटे अरविंद राजभर का नामांकन करवाने के लिए ओमप्रकाश राजभर वाराणसी आए थे और जब कलेक्ट्रेट परिसर में वह जाने लगे तो इस दौरान उनका जमकर विरोध हुआ. वकीलों की तरफ से जय श्री राम के साथ जमकर नारेबाजी की गई और जब ओपी राजभर अपने बेटे के साथ नामांकन पूरा कर बाहर निकालने लगे तो वकीलों ने उन्हें घेर लिया.

वकीलों का कहना था कि ओपी राजभर की तरफ से लगातार ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज के लोगों के प्रति गलत बातें कही जाती रही हैं. इसे लेकर वकीलों में काफी नाराजगी थी. जिसकी वजह से ओपी राजभर का जमकर विरोध हुआ था. इसके बाद ओपी राजभर ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही थी और यही वजह है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से भारत निर्वाचन आयोग को इस संदर्भ में लिखित शिकायत करते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को तत्काल हटाने की मांग की गई है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से कहा गया है कि उक्त घटना में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और वाराणसी के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त की संलिप्तता इस पूरे प्रकरण में जाहिर हो रही है. इसलिए वर्तमान जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को तत्काल हटाया जाए ताकि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.

इसे भी पढे़ं- UP Election 2022: ओवैसी को धोखा और चंद्रशेखर को गठबंधन में न शामिल करा पाने पर क्या बोले ओमप्रकाश राजभर...

वाराणसी: 7 मार्च को अंतिम चरण में होने वाले मतदान के लिए वाराणसी में 10 फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया जारी है. सोमवार 14 फरवरी को शिवपुर विधानसभा से अपने बेटे अरविंद राजभर के नामांकन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पहुंचे ओमप्रकाश राजभर के साथ वकीलों द्वारा की गई अभद्रता और नारेबाजी मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस प्रकरण में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से लिखित शिकायत चुनाव आयोग से की गई है और वाराणसी के जिलाधिकारी समेत पुलिस कमिश्नर को तत्काल हटाए जाने की मांग भी रखी गई है.

इतना ही नहीं वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की तरफ से भी इस प्रकरण में सख्ती दिखाते हुए 18 फरवरी की शाम तक अधिवक्ताओं को न्यायालय का कार्य न होने की स्थिति में कलेक्ट्रेट परिसर में न आने के लिए भी निर्देशित किया है.

दरअसल, सोमवार को बेटे अरविंद राजभर का नामांकन करवाने के लिए ओमप्रकाश राजभर वाराणसी आए थे और जब कलेक्ट्रेट परिसर में वह जाने लगे तो इस दौरान उनका जमकर विरोध हुआ. वकीलों की तरफ से जय श्री राम के साथ जमकर नारेबाजी की गई और जब ओपी राजभर अपने बेटे के साथ नामांकन पूरा कर बाहर निकालने लगे तो वकीलों ने उन्हें घेर लिया.

वकीलों का कहना था कि ओपी राजभर की तरफ से लगातार ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज के लोगों के प्रति गलत बातें कही जाती रही हैं. इसे लेकर वकीलों में काफी नाराजगी थी. जिसकी वजह से ओपी राजभर का जमकर विरोध हुआ था. इसके बाद ओपी राजभर ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही थी और यही वजह है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से भारत निर्वाचन आयोग को इस संदर्भ में लिखित शिकायत करते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को तत्काल हटाने की मांग की गई है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से कहा गया है कि उक्त घटना में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और वाराणसी के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त की संलिप्तता इस पूरे प्रकरण में जाहिर हो रही है. इसलिए वर्तमान जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को तत्काल हटाया जाए ताकि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.

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