वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले हिंदी विभाग के छात्र प्रवेश परीक्षा में धांधली को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं सोमवार को नर्सिंग के छात्र हॉस्टल की मांग विज्ञान संस्थान के सामने धरने पर बैठ गए. 2021 में छात्रों ने हॉस्टल की मांग को लेकर विरोध किया था. तब विश्विविद्यालय प्रशासन ने उनको लिखित आश्वाशन देकर मामला शांत कराया था, लेकिन करीब दो साल बाद छात्रों को हॉस्टल नहीं दिया गया.
नर्सिंग छात्र विशाल ने बताया कि 'हमारी मांग बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन को लगता है कि हम बहुत बड़ी डिमांड कर रहे हैं. हम हॉस्टल की डिमांड को लेकर यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वर्ष 2021 में भी हमने मांग की थी. तब हमें लिखित आश्वासन दिया गया था. अभी तक हमारी मांग नहीं पूरी हुईं. हम अपनी पढ़ाई और ड्यूटी छोड़ कर कभी प्रॉक्टर ऑफिस, तो कभी वीसी ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं. हमारी कोई सुनने वाला नहीं है. हम सब छात्र-छात्राओं की मांग है कि हमें हॉस्टल दिया जाए.
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सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग छात्र का कहना है कि छात्रावास नहीं होने से इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रावास की डिमांड को लेकर विरोध कर रहे छात्रो के हाथ में पोस्टर भी नजर आए. इस पर उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारे लिखे हुए थे. छात्रों ने पोस्टर पर लिखा कि 'सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से भी ईमानदार है आईएमएस बीएचयू, छात्र अपना अधिकार मांगते हैं". हालांकि छात्रों के विरोध-प्रदर्शन की सूचना मिलने पर उनके परिजनों ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र नहीं माने.
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