वाराणसी : वैसे तो अप्रैल और मई के महीने में काशी में पर्यटकों की संख्या काफी कम रहती है, लेकिन इस बार यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. इससे होटल और लॉज फुल चल रहे हैं. लोगों को अपने वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ रही है. वहीं दूसरी ओर पर्यटन कारोबार में भी 70 फीसदी का उछाल आया है. शुक्रवार, शनिवार और रविवार को यहां लाखों की संख्या में भीड़ जुट रही है. आंकड़ों की बात करें तो काशी में वीकेंड पर लगभग 6 लाख पर्यटक आ रहे हैं. पर्यटकों की भीड़ गंगा घाट, सारनाथ, नमो घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती में भी देखने को मिल रही है.
होटलों के लिए नहीं है ऑफ सीजन : ऑफ सीजन में पर्यटन कारोबार उफान पर है. टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता का कहना है कि वाराणसी में पहले ऑफ सीजन होता था. अब सीजन ही सीजन है. काशी का पर्यटन उद्योग बमबम कर रहा है. पहले मार्च-अप्रैल के बाद से ऑफ सीजन हो जाता था, लेकिन अभी साल भर से वीकेंड टूरिज्म का कल्चर देखा गया है. शुक्रवार और शनिवार से अचानक से काशी में पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाती है.
लगभग 1000 गेस्ट हाउस काशी में रजिस्टर्ड : टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि काशी में होटल्स लगभग फुल हो जाते हैं. पहले ऑफ सीजन में होटल डिस्काउंट रेट पर मिलते थे, अब फिक्स रेट पर मिलते हैं. लगभग 900 से 1000 गेस्ट हाउस काशी में रिजस्टर्ड हैं. इससे अच्छा-खासा व्यापार हो रहा है. पहले की तुलना में काशी के होटल्स का कारोबार दोगुना से तीन गुना हो चुका है. पर्यटक काशी आते हैं तो होटल बुकिंग के साथ ही खरीदारियां भी करते हैं.
एक साल में आए 7 करोड़ पर्यटक : उन्होंने बताया कि यहां पर लगभग 1000 गेस्ट हाउस हैं. उनका कारोबार काफी बढ़ा है. खासकर वीकेंड की बात करें तो 4 से 5 लाख पर्यटकों की भीड़ काशी में रहती है. आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल 6 से 7 करोड़ पर्यटक काशी आए हैं. अभी कुछ महीनों में पर्यटकों के आने का आंकड़ा 50 से 60 लाख भी हो चुका है. ऐसे में होटल कारोबारियों या गेस्ट हाउस ओनर्स की आय बहुत बढ़ी है.
मंगला आरती के लिए लगती है वेटिंग : बताते चलें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों के आने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में मंगला आरती के लिए भक्तों को वेटिंग में रहना पड़ता है. इसके साथ ही काल भैरव, संकट मोचन, दुर्गा मंदिर में सुबह से ही रोजाना लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं. इनमें काशी के लोग तो होते ही हैं, देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी ज्यादा रहती है. इसके साथ ही दशाश्वमेघ घाट पर तो शाम चार बजे से ही लोग आने शुरू हो जा रहे हैं.
तीन दिन में ही आए 12 लाख श्रद्धालु : टूर एंड ट्रैवेल्स ऑपरेटर्स के मुताबिक बीते वीकेंड शुक्रवार, शनिवार और रविवार को 12 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक काशी पहुंचे. इससे पर्यटन में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. वहीं, काशी आ रहे पर्यटकों का कहना है कि होटल्स और गेस्ट हाउस फुल हैं तो उन्हें अपने ही वाहनों में रात बितानी पड़ रही है. ऐसे में समझा जा सकता है कि काशी का पर्यटन उद्योग किस तरह बूम कर रहा है.
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