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शासन के आदेश के बाद अब प्रधानाध्यापक लगाएंगे जर्जर स्कूल भवनों का पता

डीआईओएस डॉक्टर वीपी सिंह ने बताया कि शासन द्वारा मिले आदेश के बाद प्रधानाध्यापकों की टीम का गठन किया गया है. इसके लिए जल्द ही निर्देश भी जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वित्तविहीन माध्यमिक स्कूल, भवनों की जांच एडेड स्कूल के प्रधानाध्यापक करेंगे. जबकि एडेड स्कूल के भवनों की जांच राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक करेंगे.

प्रधानाध्यापक लगाएंगे जर्जर स्कूल भवनों का पता
प्रधानाध्यापक लगाएंगे जर्जर स्कूल भवनों का पता
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Published : Jan 10, 2021, 7:05 AM IST

वाराणसीः जिले में जर्जर स्कूल भवनों को चिन्हित कर उनके ध्वस्तीकरण का जिला प्रशासन के द्वारा आदेश दिया गया है. जिसके बाद सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं. इसी क्रम में अब प्रधानाचार्य खुद जजर्र स्कूल व भावनों को चिन्हित करने का कार्य करेंगे. इसके लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापकों की टीम का गठन किया है. जो जर्जर स्कूलों की जांच करेगा.

सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्य मिलकर करेंगे भवन चिन्हित

डीआईओएस डॉक्टर वीपी सिंह ने बताया कि शासन द्वारा मिले आदेश के बाद प्रधानाध्यापकों की टीम का गठन किया गया है. इसके लिए जल्द ही निर्देश भी जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वित्तविहीन माध्यमिक स्कूल, भवनों की जांच एडेड स्कूल के प्रधानाध्यापक करेंगे. जबकि एडेड स्कूल के भवनों की जांच राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक करेंगे. उसके साथ में राजकीय विद्यालयों के भवनों को जिला विद्यालय निरीक्षक और शिक्षाधिकारियों की टीम के द्वारा जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिले में ऐसे भी कई स्कूल हैं जो लगभग 100 साल पुराने हैं, जिनके रख रखाव और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर टीम निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी.

एक हफ्ते के अंदर ध्वस्त किये जाएंगे जर्जर भवनों

गौरतलब है कि स्कूल महानिदेशक द्वारा एक सप्ताह के भीतर जर्जर घोषित स्कूलों के भवनों को गिरा दिए जाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी असुरक्षित जर्जर भवन है, वहां विद्यार्थियों का प्रवेश न दिया जाए. वहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, जिससे किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना घटित हो.

वाराणसीः जिले में जर्जर स्कूल भवनों को चिन्हित कर उनके ध्वस्तीकरण का जिला प्रशासन के द्वारा आदेश दिया गया है. जिसके बाद सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं. इसी क्रम में अब प्रधानाचार्य खुद जजर्र स्कूल व भावनों को चिन्हित करने का कार्य करेंगे. इसके लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापकों की टीम का गठन किया है. जो जर्जर स्कूलों की जांच करेगा.

सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्य मिलकर करेंगे भवन चिन्हित

डीआईओएस डॉक्टर वीपी सिंह ने बताया कि शासन द्वारा मिले आदेश के बाद प्रधानाध्यापकों की टीम का गठन किया गया है. इसके लिए जल्द ही निर्देश भी जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वित्तविहीन माध्यमिक स्कूल, भवनों की जांच एडेड स्कूल के प्रधानाध्यापक करेंगे. जबकि एडेड स्कूल के भवनों की जांच राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक करेंगे. उसके साथ में राजकीय विद्यालयों के भवनों को जिला विद्यालय निरीक्षक और शिक्षाधिकारियों की टीम के द्वारा जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिले में ऐसे भी कई स्कूल हैं जो लगभग 100 साल पुराने हैं, जिनके रख रखाव और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर टीम निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी.

एक हफ्ते के अंदर ध्वस्त किये जाएंगे जर्जर भवनों

गौरतलब है कि स्कूल महानिदेशक द्वारा एक सप्ताह के भीतर जर्जर घोषित स्कूलों के भवनों को गिरा दिए जाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी असुरक्षित जर्जर भवन है, वहां विद्यार्थियों का प्रवेश न दिया जाए. वहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, जिससे किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना घटित हो.

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