वाराणसीः काशी में अब मंदिरों से निकलने वाले फूलों को फेंका नहीं जाएगा और न ही नदी में बहाया जाएगा. अब मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने के साथ महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा. इस प्रयास से वेस्ट को वेल्थ में बदलने की पीएम नरेंद्र मोदी की परिकल्पना साकार हो रही है. इसके तहत मंगलवार को पीएम के संसदीय कार्यालय से वेस्ट फ्लावर कलेक्शन वैन का शुभारम्भ किया गया. जिसको हरी झंडी बीजेपी के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने दिया.
वाराणसी में जवाहर नगर स्थित पीएम के सांसदीय कार्यलय से आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वच्छता अभियान को गति दिया गया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर काशी के मंदिरों पर अर्पित फूलों को अब न फेंका जायेगा और न ही नदी में बहाया जायेगा. इसके तहत प्रधानमंत्री के वाराणसी कार्यालय से साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी द्वारा वेस्ट फ्लावर कलेक्शन वैन का शुभारम्भ किया गया.
वेस्ट फ्लावर कलेक्शन वैन शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने के इस प्रयास से वेस्ट को वेल्थ में बदलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना साकार हो रही है. इससे आस्था को सम्मान मिल रहा है. साथ ही यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कदम है. साई इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया यह प्रयास सराहनीय है. इस योजना के तहत महिलाओं को जोड़ा जाएगा. जिसमें 10 हजार से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा.
साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के निर्देशक अजय सिंह ने बताया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल पर काशी के मंदिरों पर चलाए जा रहे हैं. यहां के फूलों को अब फेंका नहीं जाएगा और न ही गंगा में बहाए जाएगा. इसके लिए फूलों को इकट्ठा कर महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा. जिससे महिलाएं उससे अगरबत्ती, नेचुरल कलर, हवन के समान बनाना सिखेंगी. जिससे उनको दो पैसे की इनकम हो सकेगी.
वाराणसी के बसनी में रूरल डेवलपमेंट प्लान पार्क है. उसी में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें सीमया सरकारी संस्था है. उसका टेक्नोलॉजी सपोर्ट है. प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय से एक गाड़ी रवाना किया गया है. इसके बाद हम लोगों द्वारा एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा. जिससे शादी विवाह, मंदिरों और अन्य जगहों पर जिन फूलों का इस्तेमाल होता है. उसकी जानकारी मिलने पर इन फूलों को हमारी गाड़ी कलेक्ट करेगी. जिससे उसको रिसाइक्ल कर महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा.
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साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के निर्देशक अजय सिंह ने आगे कहा की इसके माध्यम से 10,000 महिलाओं को जोड़े जाने का टारगेट रखा गया है. इसमें किसी भी प्रकार की महिलाओं को जोड़ा जा सकता है. ज्यादा पढ़ी-लिखी महिला हो या कम सभी को जोड़ा जा सकता है.