वाराणसी: शिवनगरी वाराणसी का नगर निगम प्रशासन गंगा निर्मलीकरण व स्वच्छ शहर के लिए अब और सख्त हो गया है. इसी कड़ी में नगर निगम अब सख्त कार्रवाई करने को तैयार है. इसके तहत अब सफाई के बाद दोबारा गंदगी करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके बाद भी यदि आदत नहीं बदली तो एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी. इसे लेकर जुर्माने की स्लैब तैयार कर ली गई है. नगर आयुक्त प्रणय सिंह की स्वीकृति का इंतजार हो रहा है. सर्वाधिक जुर्माना गंगा में सीवेज बहाने पर है. एक लाख रुपये तक जुर्माने की राशि वसूलने का प्रावधान किया गया है.
नगर निगम प्रशासन स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहां सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगा है तो वहीं, स्वच्छता प्रबंधन में सहभागी बनने के लिए आमजन को जागरूक भी कर रहा है. इसके बाद भी गंगा किनारे गंदगी के मामले प्रकाश में आ रहे हैं. हालात ये हैं कि शहर के प्रमुख बाजारों में दुकानें बंद होने के बाद गंदगी सड़कों पर ही फेंक दी जा रही है. घर-घर कूड़ा उठान होने के बाद भी लोग खाली प्लांटों में कूड़ा फेंकना बंद नहीं कर रहे हैं. ऐसी शिकायतें ऑनलाइन के साथ ही लिखित तौर पर भी नगर निगम के कार्यालयों में पहुंच रही है.यह भी पढ़ें- गंगा नदी में नाले से गिर रहा केमिकलयुक्त गंदा पानी, गुस्से में साधु संत
वहीं शहर को स्वच्छ करने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है. इसी कड़ी में पूर्व में बने जुर्माने के स्लैब की फाइल को ठंडे बस्ते से बाहर निकाला गया और नगर आयुक्त के समक्ष पेश भी किया गया है. इसके तहत प्रतिबंधित प्लास्टिक के इस्तेमाल पर कार्रवाई की जाएगी. नगर निगम ने प्रारंभिक तौर पर उन प्रमुख बाजारों को चिन्हित किया है जहां के दुकानदार रात को सड़क पर गंदगी फेंकते हैं.
इस मामले को लेकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह ने बताया की गंगा निर्मलीकरण व स्वच्छता मिशन के तहत अब नगर निगम प्रशासन ने सख्ती का मन बनाया है. जुर्माने की राशि तय की गई है. नगर आयुक्त की अनुमति के बाद अभियान शुरू होगा.
वाराणसी के इन बाजारों में गंदगी का अंबार
अर्दली बाजार
नदेसर
खरबूजा शहीद
घौसाबाद
दालमंडी आदि.
200 से 1 लाख रुपये तक जुर्माना
गंगा घाट पर कपड़े धोने पर- पहली बार 5000 रुपये, दूसरी बार 10,000 रुपये, तीसरी बार 25000 रुपये.
पूजा सामग्री विसर्जन -1000 रुपये
गंगा किनारे घाटों पर खुले में गंदगी करने पर- 2000 रुपये.
गंगा किनारे भवन स्वामी द्वारा गंगा में नाली व सीवेज प्रवाह पर- 25000 रुपये.
गंगा किनारे होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट द्वारा सीवेज प्रवाह करने पर-100000 रुपये.
खुले में कूड़ा फेंकने पर-200 रुपये.
नाली व सीवर लाइन में गोबर डालने पर- 1000 से 10000 रुपये तक.
प्रतिबंधित प्लास्टिक इस्तेमाल पर- 1000 से 25000 रुपये तक.
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