वाराणसी: देश में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत निक्षय पोषण योजना चलायी जा रही है. इसके तहत अब तक मिले 31952 मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है. निक्षय योजना के तहत अब तक 20528 मरीजों को लगभग 5 करोड़ 23 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल चुकी है.
अब तक 20,528 मरीजों को मिली आर्थिक सहायता
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने बताया कि निक्षय पोषण योजना अप्रैल 2018 से शुरू की गयी. जिले में 1 अप्रैल 2018 से 28 फरवरी 2021 तक सरकारी क्षेत्र में 18795 एवं निजी क्षेत्र में 13157 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है. अभी तक 20,528 मरीजों के बैंक खाते में लगभग 5 करोड़ 23 लाख रुपए डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं. वर्तमान में जनपद में कुल 959 एमडीआर, एक्सडीआर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत टीबी के एक मरीज के इलाज पर करीब 8 लाख रुपये का खर्च आता है, लेकिन सरकार द्वारा टीबी का इलाज निःशुल्क किया जाता है. जनपद में तीन चिकित्सालयों- पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय एवं बीएचयू सर सुंदरलाल चिकित्सालय में क्षय रोग की निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है.
इन स्थानों पर बनाये गए हैं डॉट सेंटर
जनपद में एमडीआर मरीजों के लिए ड्रग रेजीस्टेंट टीबी सेंटर, बीएचयू सर सुंदरलाल चिकित्सालय में 14 तथा लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सालय रामनगर में 20 बेड आरक्षित संचालित है. इसके अलावा 16 टीबी यूनिट 9 ब्लॉक एवं 7 शहरी, 52 बलगम जांच परीक्षण केंद्रों, जिसमें 38 ब्लॉक पीएचसी, सीएचसी एवं 24 अर्बन पीएचसी एवं पूरे जनपद में 600 से अधिक डॉट सेंटर बनाए गए हैं. जिसके जरिए टीबी के मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है.
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ऐसे लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ बलगम का आना, बलगम के साथ खून आना, बुखार आना, विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला, वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द आदि लक्षण दिखे तो व्यक्ति को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये सभी टीबी के मुख्य लक्षण हैं. यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिलता है तो नजदीकी टीबी केंद्र पर जांच कराकर निःशुल्क इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.