वाराणसीः हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्र के पहले दिन धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में आज भास्कर देव को सैकड़ों की संख्या में बटुक और वेद पढ़ने वाले छात्रों ने जल अर्पण किया. भारतीय नववर्ष की मंगलम वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध केदार घाट पर किया गया. सबसे पहले भगवान गणेश की वंदना कर लोगों ने उगते सूर्य को जल दिया और सूर्य नमस्कार किया. इस दौरान भारतीय पंचांग शंकराचार्य दर्शिका का विमोचन किया गया. मां पतित पावनी भागीरथी गंगा की आरती की गई. भगवान भास्कर से यह प्रार्थना किया गया कि देश और विश्व में खुशहाली रहे और यह वर्ष पूरे भारतवर्ष के लिए सुखमय हो.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विजय नाथ मिश्रा और काशी के प्रसिद्ध महामृत्युंजय मंदिर के महंत पंडित कामेश्वर नाथ दीक्षित रहे. वाराणसी के प्रसिद्ध केदार घाट पर सूर्य उदय के साथ ही वैदिक मंत्रों के उच्चारण से पूरा घाट गूंज उठा. सभी ने वर्ष के पहले दिन भास्कर के उदय होने पर हर-हर महादेव, गंगा मैया और बाबा विश्वनाथ के जयकारे लगाए.
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