वाराणसी: काशी पर्यटन की एक बहुत बड़ी स्थली है. यही वजह है कि भारत के कोने कोने से तीर्थयात्री और पर्यटक काशी आते हैं. सात समंदर पार से भी पर्यटक विश्व की प्राचीनतम नगरी को देखने आते हैं. बढ़ती ठंड और गुनगुनी धूप काशी को और भी सुंदर बना देती है. कोहरे की चादर से ढके हुए घाट इसकी सुंदरता को और बड़ा देते हैं.
बनारस में नए साल की तैयारी शुरू हो गई है. ऐसे में गंगा पार रेत पर अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. कुछ देर के लिए तो बनारस में राजस्थान की झलक दिख रही है. वीकेंड के दिनों में काफी भीड़ हो रही है और लोग ऊंट की सवारी करते नजर आ रहे हैं. एक तरफ ऊंट की सवारी तो दूसरी तरफ घुड़सवारी बनारस के लोगों को बहुत ही भा रही है. यही वजह है कि बड़े क्या बच्चे भी ऊंट की सवारी करते नजर आ रहे हैं.
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ऊंट की सवारी 10 से 20 मिनट के लिए डेढ़ सौ रुपये की कीमत देनी पड़ती है. सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक आप आनंद ले सकते हैं. स्थानीय निवासी कीर्ति सिंह ने बताया कि वे इस बार रेत पर आई हैं. उन्होंने बहुत मस्ती की. उन्होंने ऊंट और घोड़े की सवारी की. इसके अलावा लेमन टी का आनंद लिया. उन्होंने बताया कि ऊंट पर बैठकर लग रहा था कि जैसे राजस्थान में आ गए हैं. मिर्जापुर की विभा पटेल ने बताया कि बनारस एक शहर नहीं बल्कि एक इमोशन है. इस बार हमने हाउस राइडिंग की. उन्होंने कहा कि यहां पर ऊंट है, जो इस बार आने पर और भी रोमांचित कर देता है. बहुत ही अच्छा लग रहा है.