ETV Bharat / state

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कराने वाला पहला विश्वविद्यालय होगा BHU, शुरू हो सकता है नया PG कोर्स - काशी हिंदू विश्वविद्यालय

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर एक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने का प्रस्ताव है. इसके लिए एक समिति गठित कर उससे सुझाव मांगे गए हैं. अगर बीएचयू में ऐसा पाठ्यक्रम संचालित होता है, तो यह अपनी तरह का देश में पहला पाठ्यक्रम होगा.

Varanasi news
Varanasi news
author img

By

Published : Oct 8, 2020, 7:42 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से साइबर सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व को देखते हुए एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति 2020 में प्रौद्योगिकी आधारित पठन-पाठन और कौशल विकास को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग बनाने की ओर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में यह कदम इस लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

समिति से मांगे गए सुझाव

कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के व्यावहारिक पहलुओं व अन्य पक्ष जैसे पाठ्यक्रम की रूपरेखा व सिलेबस तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में शोध एवं विषय पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है. समिति की पहली बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. सदस्यों से इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं. यह बैठक काशी हिंदू विश्वविद्यालय की कार्यकारणी परिषद के सदस्य प्रोफेसर आनंद मोहन की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में प्रोफेसर के सुबैय्या, प्रोफेसर एके अग्रवाल, प्रोफेसर वेंकटेश तिवारी, प्रोफेसर एस के सिंह और डॉ अनिल कुमार सिंह ने हिस्सा लिया.

ऐसा पहला विश्वविद्यालय बनेगा बीएचयू

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में प्रस्तावित पीजी कोर्स देश के प्रशिक्षित पेशेवर उपलब्ध कराएगा. इसके साथ ही इस कोर्स के माध्यम से इस क्षेत्र की जरूरत अनुरूप प्रतिभागियों को तैयार किया जाएगा. जो देश और समाज के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा. प्रस्तावित पाठ्यक्रम मास्टर ऑफ साइंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अपनी तरह का पहला कोर्स होगा.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से साइबर सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व को देखते हुए एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति 2020 में प्रौद्योगिकी आधारित पठन-पाठन और कौशल विकास को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग बनाने की ओर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में यह कदम इस लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

समिति से मांगे गए सुझाव

कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के व्यावहारिक पहलुओं व अन्य पक्ष जैसे पाठ्यक्रम की रूपरेखा व सिलेबस तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में शोध एवं विषय पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है. समिति की पहली बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. सदस्यों से इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं. यह बैठक काशी हिंदू विश्वविद्यालय की कार्यकारणी परिषद के सदस्य प्रोफेसर आनंद मोहन की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में प्रोफेसर के सुबैय्या, प्रोफेसर एके अग्रवाल, प्रोफेसर वेंकटेश तिवारी, प्रोफेसर एस के सिंह और डॉ अनिल कुमार सिंह ने हिस्सा लिया.

ऐसा पहला विश्वविद्यालय बनेगा बीएचयू

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में प्रस्तावित पीजी कोर्स देश के प्रशिक्षित पेशेवर उपलब्ध कराएगा. इसके साथ ही इस कोर्स के माध्यम से इस क्षेत्र की जरूरत अनुरूप प्रतिभागियों को तैयार किया जाएगा. जो देश और समाज के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा. प्रस्तावित पाठ्यक्रम मास्टर ऑफ साइंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अपनी तरह का पहला कोर्स होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.