वाराणसी: कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में देश के सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. वहीं पूर्वांचल का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भी 31 जुलाई तक शिक्षण कार्य बंद रखने का आदेश है. ऐसे में विश्वविद्यालय परिसर में स्थित सभी कार्यालयों को भी बंद कर दिया गया है. ये सभी कार्यालय अनलॉक-1 के दौरान पिछले महीने खोले गए थे. हालांकि बीएचयू स्थित कोविड अस्पताल में सभी इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं. वहीं आवश्यकता पड़ने पर कर्मचारियों को बुलाया जा सकता है.
दरअसल, बीएचयू कैंपस में ही कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है और यहीं पर कोरोना संक्रमण की जांच होती है. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है, जिसके लिए समय-समय पर कैंपस को सैनिटाइज किया जाता है. इसी क्रम में शनिवार को एनडीआरएफ की टीम ने सेंट्रल ऑफिस को पूरी तरह सैनिटाइज किया. सेंट्रल ऑफिस से ही विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से संचालित होता है. ऐसे में यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.
जिले में कोविड संक्रमितों की बेहतर इलाज के लिए दो समर्पित अस्पताल बनाए गए हैं, जिनमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल चिकित्सालय और पं. दीनदयाल उपाध्यय जिला अस्पताल शामिल है. बीएचयू में पूरे पूर्वांचल समेत बिहार के कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. ऐसे में अस्पताल के कर्मचारियों को सुरक्षित रखना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चुनौती है. जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया यह रूटीन कार्य है. समय-समय पर विश्वविद्यालय परिसर में सैनिटाइजेशन का काम कराया जाता है. एनडीआरएफ की टीम के सहयोग से कार्यालय सहित पूरे बीएचयू कैंपस में इस तहर की गतिविधियां जारी रहती हैं.