वाराणसी: भीषण गर्मी और तपिश से परेशान जनता को मानसून का इंतजार है. दिल्ली समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में भी अब बारिश शुरू हो चुकी है और मानसून के जल्द आने की बात भी एक्सपर्ट कर रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा डर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में होने वाली तबाही का सताता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में गंगा समेत अन्य नदियों के उफान पर होने की वजह से काफी बड़ा नुकसान होता है. इसी के चलते एनडीआरएफ ने समय से पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. यूपी के अलग-अलग हिस्सों के अलावा मध्य प्रदेश में भी वाराणसी की 11 एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा अभी से ही संभाल लिया है.
बाढ़ से बचने की तैयारी पहले से हुई शुरू
बाढ़ को लेकर एनडीआरएफ की तैयारियों के बारे में 11 एनडीआरएफ के सेकंड कमांडेंट अमित कुमार सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों में जिस तरह से मानसून की स्थिति रही है और बाढ़ की स्थिति रही है, उसको देखते हुए इस मानसून से पहले ही हमारी जो भी टीम में हैं उन्हें बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात करने का काम शुरू हो गया है. उनके प्रशिक्षण का काम शुरू हो गया है. उनके संबंधित उपकरणों की जांच पड़ताल और उसे मरम्मत करने की व्यवस्था करके ठीक किया जा चुका है. टीम पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. अगर तैनाती की बात करें मानसून क्षेत्रों में तो पिछले वर्षों की स्थिति को देखते हुए और जिला प्रशासन से बातचीत के बाद उन्होंने प्रीपोजिसनिंग के लिए प्लान तैयार किया है.
यूपी के साथ एमपी की भी निगरानी
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में बहराइच, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बलिया और मध्यप्रदेश में मदद मांगी गई है. यहां भोपाल और जबलपुर में भी हमारी टीम में तैनात हैं, क्योंकि यहां पर भी चंबल और बेतवा नदी काफी उफान पर रहती हैं. एक टीम में लगभग 35 लोगों की स्ट्रेंथ होती है और जरूरत के अनुसार छोटी-छोटी टीमों में तोड़कर कार्य करवाते हैं. फिलहाल अभी 18 टीमों को एक्टिव करके प्रीपोजीसनिंग पर भेजा गया है.
एनडीआरएफ ने यूपी के लगभग 6 जिलों में प्रीपोजिशन के तहत बाढ़ राहत का काम शुरू किया है. अब तक एनडीआरएफ 11 इकाई की तरफ से कुल 18 टीमों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात करने का काम शुरू किया गया है. वाराणसी के अलावा लखनऊ-गोरखपुर में भी अलर्ट मोड पर एक्स्ट्रा जवानों को रखा जा रहा है. एक टीम में 35 जवान होते हैं. हर टीम राहत बचाव इक्विपमेंट्स के अलावा स्पेशल बोट्स के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की जा रही है.