वाराणसीः एक ओर जहां 2024 के चुनाव को साधने के लिए बीजेपी तमाम विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने की कवायद कर रही है. वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी पूरी कमर कस चुकी है. अखिलेश यादव वाराणसी आकर अप्रत्यक्ष रूप से 2024 के चुनाव का शंखनाद कर चुके हैं. अब दूसरी ओर सपा जाति जनगणना पर जातीय समीकरण को साधने जा रही है.
दरअसल, समाजवादी पार्टी आज से तीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन कर रही है, जिसमें सपा के द्वारा जाति जनगणना पर संगोष्ठी होगी. इसमें समाजवादी पार्टी जहां सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग रखेगी. वहीं, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को बकायदा प्रशिक्षित ही करेगी. बड़ी बात यह है कि प्रदेश के 6 जिलों में इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इन 6 जिलों में चंदौली, भदोहीं, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र और वाराणसी शामिल है.
अखिलेश ने पूर्वांचल से किया 2024 के चुनाव का शंखनाद
बता दें कि अखिलेश यादव ने 9 फरवरी को वाराणसी यानी पूर्वांचल से 2024 के चुनाव का शंखनाद किया था. अब समाजवादी पार्टी बनारस में ही जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर संगोष्ठी करने रही है. इस संगोष्ठी में बनारस समेत 6 जिलों के सपा नेता शामिल होंगे.
सपा उठाएगी दलित और पिछड़ों की आवाज
इस बारे में समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव सत्यप्रकाश सोनकर ने बताया कि दलित और पिछड़ों की आवाज को लेकर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार में सड़क से लेकर सदन तक लगातार बात उठा रही है. उसी सापेक्ष में राजपाल कश्यप का जातीय जनगणना को लेकर कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनता के बीच जाने का कार्यक्रम है.
बनारस में 24 और 25 फरवरी को निर्धारित
उन्होंने बताया कि 24 और 25 फरवरी को बनारस में कार्यक्रम है. साथ ही कैडर बेस्ड मीटिंग के लिए समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती का 26 फरवरी को बनारस में ही कार्यक्रम है. तीन कार्यक्रम लगातार 24, 25 और 26 तारीख को है. इसके साथ प्रशिक्षण शिविर लगाकर जनता के बीच उत्तर प्रदेश सरकार की विफलताओं के बारे में बात करेंगे.
लोगों को अखिलेश यादव के विजन से जोड़ने का काम करेंगे
सत्य प्रकाश सोनकर ने बताया कि जातीय जनगणना के बीच जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी के सिलसिले में हम बात करना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश में लगातार दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार बढ़ा है. हम उसे समाजवादी पार्टी की नीतियों से विचारधारा से और अखिलेश यादव के विजन जोड़ने का काम करेंगे. इसीलिए ये दो कैडर बेस मीटिंग वाराणसी के साथ-साथ पूरे उत्तर प्रदेश में निर्धारित की गई है.
इस सरकार में दलितों-पिछड़ों पर हो रहा है अत्याचार
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दलितों और पिछड़ों के ऊपर अत्याचार करके माहौल बना रही है. प्रदेश में बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं. कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ. यहां तक कि लगातार हत्याएं भी हो रही हैं. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हम लोगों के बीच जाएंगे. दरअसल समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के पहले जनपद वार कैडर बेस मीटिंग के जरिये समाजवादी कुनबा और मजबूत किया जा रहा है.
बीजेपी विकास तो समाजवादी जाति जनगणना के ले रही सहारा
गौरतलब हो कि 2024 के चुनाव के मद्देनजर सपा और बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ चुकी है. इसके तहत जहां बूथ स्तर पर कार्यकताओं को जोड़ने और जनता तक सरकार की बात पहुंचाने के लिए बीजेपी विकास व अन्य योजनाओं का सहारा ले रही हैं तो वहीं दूसरी ओर सड़क से लेकर सदन तक अखिलेश यादव जाति जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं. बड़ी बात यह है कि जातिगत समीकरण को साधने और चुनाव को अपने पाले में करने के लिए अब बाकायदा पूर्वांचल से अभियान भी सपा ने शुरू कर दिया है, जिसका इस बार सियासी केंद्र बनारस को बनाया गया है.