वाराणसी: पॉलिथीन वातावरण में जहर घोलने और प्रदूषण (Pollution) को बढ़ावा दे रही है. खासकर, गंगा में पॉलिथीन कचरे का अंबार लग रहा है जो गंगा प्रेमियों की आस्था पर भारी पड़ रहा है. गंगा किनारे जमा पॉलिथीन से जलीय जंतुओं की सेहत भी खतरे में पड़ रही है. लिहाजा, गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए तमाम प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं. इसी क्रम में गुरुवार को पॉलीथिन (polythene) मुक्त काशी और गंगा घाट के लिए नमामि गंगे (namami gange) के सदस्यों ने सेवा और समर्पण अभियान अभियान चलाया. अहिल्याबाई घाट से लेकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट (Dr. Rajendra Prasad Ghat) के बीच जागरूकता अभियान चलाकर गंगा सफाई का संदेश दिया.
नमामि गंगे के सदस्यों ने घाट पर बढ़ रही गंदगी का हवाला देते हुए गंगा घाटों पर पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करने के लिए सभी से आग्रह किया गया. 'पॉलिथीन जितना हल्का, नुकसान उतना गहरा का उद्घोष' कर पॉलिथीन का बहिष्कार करने के साथ कपड़े के झोले का प्रयोग करने का आग्रह किया.
इसे भी पढ़ें-World Rivers Day 2021: गंगा की अविरलता और निर्मलता पर 'नमामि गंगे' के तहत हुए ये कार्य
वहीं, उन्होंने कहा कि हम प्लास्टिक के कप-प्लेट, गिलास और पॉलिथीन का इस्तेमाल कर उन्हें नालियों में बहा देते हैं. जाने अनजाने में नालों एवं सीवर में डाले गए पॉलिथीन हमारे लिए मुसीबत बन गए हैं. गंगा किनारे भी प्लास्टिक के अंबार से नदियां प्रदूषित हो रही हैं .पॉलिथीन को गंगाजल में घुलने के लिए 100 वर्ष तक लग जाते हैं. पूरी काशी को एकजुट होकर इस मुहिम में जुटना होगा. वहीं, आयोजन में प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर सहसंयोजक रामप्रकाश जायसवाल, सारिका गुप्ता, रश्मि साहू, विकास तिवारी , पुष्पलता वर्मा, दीपक सिंह, रंजीता गुप्ता पूजा मौर्या व अन्य लोग उपस्थित रहे.