वाराणसी: वाराणसी में 3 मई को होने वाले नगर निकाय चुनाव से पहले 17 अप्रैल तक होने वाले नामांकन प्रक्रिया के एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से मेयर पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर ही दिया. सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी में जिन नामों को लेकर चर्चा की उनमें से किसी को टिकट नहीं मिला, बल्कि पुराने और संगठन के जिम्मेदार नेता के तौर पर काम करने वाले अशोक तिवारी (Varanasi BJP Mayor Candidate Ashok Tiwari) को बड़े नेताओं के साथ उनकी नज़दीकियों का फायदा मिला और उन्हें वाराणसी में मेयर पद का प्रत्याशी बीजेपी की तरफ से बनाया गया है.
वाराणसी में निकाय चुनाव (Municipal elections in Varanasi) में मेयर के पद को लेकर इस बार लड़ाई बड़ी दिलचस्प होने जा रही है. इस बार सभी बड़े राजनैतिक दल सवर्ण प्रत्याशियों पर ही अपना दांव खेल रहे हैं. समाजवादी पार्टी ने जहां पुराने समाजवादी नेता ओपी सिंह पर भरोसा जताया है, तो कांग्रेस ने संगठन के सबसे पुराने और भरोसेमंद अनिल श्रीवास्तव को अपना उम्मीदवार बनाया है.
भाजपा ने भी अपने पुराने और संगठन में इमानदारी से काम करने वाले नेता अशोक तिवारी को मेयर पद पर उम्मीदवार बनाया है 17 अप्रैल को आखरी दिन नामांकन के अशोक तिवारी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. अशोक तिवारी का जन्म 30 जून 1971 को बलिया में हुआ था. वर्तमान में बीजेपी संगठन में क्षेत्रीय मंत्री का दायित्व निभा रहे अशोक तिवारी दो बार क्षेत्रीय मंत्री रह चुके हैं.
अशोक तिवारी के नाम की घोषणा के बाद बनारस में बीजेपी के इस मजबूत किले पर जीत को लेकर अब हर राजनीतिक दल अपने दांव खेलने की तैयारी कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी के पास वाराणसी में मेयर का पद हमेशा से ही रहा है. इसके पहले भी मृदुला जायसवाल मेयर के पद पर काबिज रही थी. इस बार बीजेपी को पटखनी देने के लिए समाजवादी पार्टी कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है. वहीं बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी भी अपने आप को इस लड़ाई में पीछे नहीं रखना चाह रहे हैं.
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