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जीत का चुनावी फॉर्मूला, वाराणसी की गलियों में लगे शिलान्यास के शिलापट्ट - वाराणसी नगर निगम

चुनाव भले ही लोकसभा के हों या निकाय के. राजनेता राष्ट्रीय राजनीति के हो या जिले के, चुनाव में जीत पक्की करने के लिए सारे उपाय एक जैसे आजमाते हैं. इन्हीं फॉर्मूले में से एक है, योजनाओं का शिलान्यास और गली-गली शिलापट्ट लगाना. वाराणसी में भी निकाय चुनाव के आहट मिलते ही शिलापट्ट लगाने की राजनीति शुरू हो गई है (foundation stone in the streets of Varanasi).

Etv Bharat Municipal elections in Uttar Pradesh
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Published : Dec 29, 2022, 5:05 PM IST

Updated : Dec 29, 2022, 5:33 PM IST

वाराणसी में निकाय चुनाव से पहले शुरू हुई शिलान्यास की राजनीति पर स्पेशल रिपोर्ट.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों (Municipal elections in Uttar Pradesh) को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है. ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के आदेश और सरकार के रुख से अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि निकाय चुनाव कब होंगे. उत्तर प्रदेश में अधिकांश नगर निगम में निगम सदन का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो जाएगा. कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी छवि को सुधारने के लिए पार्षद पिछले 2 महीने से धड़ाधड़ एक के बाद शिलान्यास के पत्थर लगवा रहे हैं (foundation stone in the streets of Varanasi).

वाराणसी नगर निगम में बीजेपी के मेयर (BJP Mayor in Varanasi) हैं. 90 सीटों वाले निगम सदन में बीजेपी के पार्षदों की संख्या 35 है. इसके अलावा निर्दलीय और अन्य पार्टियों के पार्षद निगम सदन में हैं. वाराणसी नगर निगम (Varanasi Municipal corporation) में भी 6 जनवरी को 90 वॉर्ड के पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है. इससे पहले वाराणसी में 2 महीने के अंदर 70 करोड़ की अनुमानित लागत वाले 150 से अधिक योजनाओं का शिलान्यास किया गया.

कार्यकाल पूरा होने के कुछ दिन पहले योजनाओं का शिलान्यास तो हो रहा है, मगर इसका लोकार्पण कौन करेगा? मेयर मृदुला जयसवाल से ईटीवी भारत से कहा कि शिलान्यास कब करेंगे और लोकार्पण कब होगा, यह हमारे हाथ में है ही नहीं. नगर निगम वित्त आयोग और फंड के आधार पर चलता है. हमारे पास जब 2 महीने पहले बनाए गए प्लान के अनुरूप फंड आया तो हमने योजनाओं का शिलान्यास शुरू किया. इन प्रोजेक्ट उन इलाकों में शुरू किए गए हैं, जो हाल ही में नगर निगम की सीमा में शामिल किए गए हैं. यहां काम की जरूरत थी और इसलिए इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है.

foundation stone in the streets of Varanasi
मेयर मृदुला जयसवाल का कहना है कि फंड आने के बाद योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है. फंड निकाय चुनाव के दौरान आया है.
महापौर का कहना है कि कुछ जगह पर काम शुरू हुआ है और कुछ जगहों पर काम शुरू होना है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि काम पूरा नहीं होगा. शिलान्यास यदि किया गया है तो काम भी पूर्ण किया जाएगा. अगर मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ तो जो अगले मेयर के कार्यकाल में इसे पूरा जरूर किया जाएगा. इसके लिए अधिकारी भी अपने स्तर पर निगरानी करते हैं. हालांकि जब इस बारे में क्षेत्रीय पार्षदों का कहना था कि 20 दिन पहले उनके वॉर्ड में कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ. रानीपुर के पार्षद प्रतिनिधि अजय गुप्ता का कहना है कि लगभग दो करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास उनके और उनके पड़ोस के वॉर्ड में किया गया है. जिनमें नाली, सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट समेत अन्य कई कार्य शामिल हैं. उम्मीद है कि काम जरूर पूरा होगा.क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हम तो 5 साल काम की उम्मीद लगा कर बैठे थे, लेकिन अब शिलान्यास का बोर्ड देखकर अपने मन को बहला रहे हैं. बोर्ड लगने का मतलब यह नहीं है कि चुनाव में पब्लिक काम नहीं तलाशेगी. मेयर और पार्षदों का कार्यकाल जरूर पूरा होने वाला है . लोग यह चाहते हैं कि अगर शिलान्यास किया गया है तो काम समय से पूरा हो जाए. कार्यकाल पूरा होने के बाद अधिकारी जिम्मेदार हैं और अधिकारियों को इस काम को पूरा कराने के लिए ध्यान देना चाहिए.


पढ़ें : बाबा विश्वनाथ धाम का प्रसाद भी बनेगा बड़ा ब्रांड, स्वाद और क्वालिटी से होगी पहचान

वाराणसी में निकाय चुनाव से पहले शुरू हुई शिलान्यास की राजनीति पर स्पेशल रिपोर्ट.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों (Municipal elections in Uttar Pradesh) को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है. ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के आदेश और सरकार के रुख से अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि निकाय चुनाव कब होंगे. उत्तर प्रदेश में अधिकांश नगर निगम में निगम सदन का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो जाएगा. कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी छवि को सुधारने के लिए पार्षद पिछले 2 महीने से धड़ाधड़ एक के बाद शिलान्यास के पत्थर लगवा रहे हैं (foundation stone in the streets of Varanasi).

वाराणसी नगर निगम में बीजेपी के मेयर (BJP Mayor in Varanasi) हैं. 90 सीटों वाले निगम सदन में बीजेपी के पार्षदों की संख्या 35 है. इसके अलावा निर्दलीय और अन्य पार्टियों के पार्षद निगम सदन में हैं. वाराणसी नगर निगम (Varanasi Municipal corporation) में भी 6 जनवरी को 90 वॉर्ड के पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है. इससे पहले वाराणसी में 2 महीने के अंदर 70 करोड़ की अनुमानित लागत वाले 150 से अधिक योजनाओं का शिलान्यास किया गया.

कार्यकाल पूरा होने के कुछ दिन पहले योजनाओं का शिलान्यास तो हो रहा है, मगर इसका लोकार्पण कौन करेगा? मेयर मृदुला जयसवाल से ईटीवी भारत से कहा कि शिलान्यास कब करेंगे और लोकार्पण कब होगा, यह हमारे हाथ में है ही नहीं. नगर निगम वित्त आयोग और फंड के आधार पर चलता है. हमारे पास जब 2 महीने पहले बनाए गए प्लान के अनुरूप फंड आया तो हमने योजनाओं का शिलान्यास शुरू किया. इन प्रोजेक्ट उन इलाकों में शुरू किए गए हैं, जो हाल ही में नगर निगम की सीमा में शामिल किए गए हैं. यहां काम की जरूरत थी और इसलिए इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है.

foundation stone in the streets of Varanasi
मेयर मृदुला जयसवाल का कहना है कि फंड आने के बाद योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है. फंड निकाय चुनाव के दौरान आया है.
महापौर का कहना है कि कुछ जगह पर काम शुरू हुआ है और कुछ जगहों पर काम शुरू होना है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि काम पूरा नहीं होगा. शिलान्यास यदि किया गया है तो काम भी पूर्ण किया जाएगा. अगर मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ तो जो अगले मेयर के कार्यकाल में इसे पूरा जरूर किया जाएगा. इसके लिए अधिकारी भी अपने स्तर पर निगरानी करते हैं. हालांकि जब इस बारे में क्षेत्रीय पार्षदों का कहना था कि 20 दिन पहले उनके वॉर्ड में कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ. रानीपुर के पार्षद प्रतिनिधि अजय गुप्ता का कहना है कि लगभग दो करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास उनके और उनके पड़ोस के वॉर्ड में किया गया है. जिनमें नाली, सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट समेत अन्य कई कार्य शामिल हैं. उम्मीद है कि काम जरूर पूरा होगा.क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हम तो 5 साल काम की उम्मीद लगा कर बैठे थे, लेकिन अब शिलान्यास का बोर्ड देखकर अपने मन को बहला रहे हैं. बोर्ड लगने का मतलब यह नहीं है कि चुनाव में पब्लिक काम नहीं तलाशेगी. मेयर और पार्षदों का कार्यकाल जरूर पूरा होने वाला है . लोग यह चाहते हैं कि अगर शिलान्यास किया गया है तो काम समय से पूरा हो जाए. कार्यकाल पूरा होने के बाद अधिकारी जिम्मेदार हैं और अधिकारियों को इस काम को पूरा कराने के लिए ध्यान देना चाहिए.


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Last Updated : Dec 29, 2022, 5:33 PM IST
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