वाराणसीः मुगलई व्यंजनों की बात करते ही दिमाग में सबसे पहले नॉन वेजिटेरियन खानों की तस्वीरें सामने आती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब वाराणसी में आपको मुगलई व्यंजनों में शाकाहारी खाने की चीजें मिलेंगी. धर्म नगरी में पर्यटकों के लिए मुगलई शाकाहारी व्यंजनों की ऐसी लड़ी लगाई गई है, जिसका आने वाले पर्यटक चाव से स्वाद भी ले सकेंगे और उनकी धार्मिक यात्रा खंडित भी नहीं होगी.
कोरोना का प्रभाव खत्म होने के बाद से वाराणसी में पर्यटन ने जोर पकड़ा है. यही नहीं जबसे काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हुआ है काशी में पर्यटकों सैलाब उमड़ पड़ा है. हर दिन लगभग एक लाख से अधिर पर्यटक यहां आ रहे हैं. छोटे-बड़े सभी तरह के होटल पर्यटकों से पटे पड़े हैं. ऐसे में अब बारी दीपावली और देव दीपावली जैसे बड़े त्योहार की है, जिस दौरान पर्यटक लाखों की संख्या में आने वाले हैं.
पर्यटकों के लिए वेजिटेरियन खानों को किया जा रहा तैयार
होटल के मैनेजर योगेंद्र कुमार ने बताया कि लगभग डेढ़-दो साल बाद इतनी संख्या में सैलानी आने वाले हैं. लोकल के तो आते ही हैं, विदेशी सैलानी भी आने वाले हैं. इसलिए हमने अलग-अलग जायके का लुत्फ उठाने के लिए व्यंजन तैयार किए हैं. मुगलई की बात आती है, तो ये लगता है कि नॉनवेज रहेगा, लेकिन हम इस बार दीपावली और देव दीवाली को ध्यान में रखते हुए वेजिटेरियन व्यंजन लेकर आ रहे हैं.
काजू, बादाम और रोगन जैसी चीजों का होता है इस्तेमाल
सेफ मुकेश ने बताया कि हम नॉर्थ वेस्ट के फूड का प्रयोग कर रहे हैं, जहां पर पाकिस्तान और उससे लगी सीमा कवर होती है. इसमें सामान्य तौर पर बहुत रिच खाना खाया जाता है, जिसमें काजू, बादाम और रोगन जैसी चीजों का इस्तेमाल होता है. लोगों को ऐसा लगता है कि केवल नॉनवेज ही वहां पर फेमस है.
पर्यटकों के लिए बनाई गई हैं तमाम वैराइटीज
सेफ मुकेश ने बताया कि 'हमारे यहां वेज को भी उतना ही महत्व दिया जाता है, जितना नॉनवेज को दिया जाता है, क्योंकि वाराणसी धार्मिक स्थल है. हमने वेज में काफी वेराइटीज दी हैं जैसे- सियालकोटी आलू, कबाब, लोटस कबाब, अरबी के कुछ कबाब प्रयोग किए गए हैं. काफी वेराइटीज यूज की गई हैं, जिनका टेस्ट भी बहुत अलग है.'
फाइव स्टार होटलों में शाकाहारी व्यवस्था ये दर्शाती है कि बनारस में धार्मिक टूरिज्म में कितना ज्यादा इजाफा हुआ है. ऐसे में जब पर्यटक इस नगरी में आएं तो उन्हें बड़े होटलों में सभी धार्मिक व्यवस्था मिले. उसे देखते हुए इस व्यवस्था को लागू किया गया है, जो बनारस के धार्मिक यात्रा के साथ वाराणसी खाने के जायके को भी बनाए रखेगा.
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