वाराणसीः काशी की बदलती तस्वीर को देखने के लिए हर कोई दीवाना है. यही वजह है कि काशी में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने एक नया कीर्तिमान बनाया है. खास बात यह है कि इस नए कीर्तिमान में भारत के सबसे छोटे खूबसूरत राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है. काशी का गंगा घाट अब समुद्री लहरों पर भारी पड़ रहा है.
बता दें कि नई काशी और भव्य विश्वनाथ धाम को निहारने के लिए देश दुनिया से सैलानियों का जत्था बनारस आ रहा है. यही वजह है कि बनारस में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यूपी टूरिज्म के आंकड़े ने इस बात को साबित किया है. यूपी टूरिज्म की मानें तो काशी में लगभग 10 करोड़ से ज्यादा सैलानियों का इस वर्ष आगमन हुआ है, जिसमें बाबा विश्वनाथ धाम में लगभग साढ़े आठ करोड़ लोगों ने मत्था टेका है.
बनारस ने गोवा को छोड़ा पीछे
बनारस में तेजी से बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए ना सिर्फ पूर्वांचल के धार्मिक व पर्यटक स्थलों को वाराणसी से जोड़ा जा रहा है, बल्कि बाबा विश्वनाथ को अन्य दूसरे राज्यों ज्योतिर्लिंग व पर्यटन स्थलों से जोड़ा जा रहा है. यही वजह है कि बीते दिनों स्वयं गोवा पर्यटन के जरिए काशी से गोवा को भी जोड़ने का प्रयास किया गया है.
इस बारे में गोवा पर्यटन विभाग के जीएम वैनागर ने बताया कि बनारस में बढ़ते पर्यटन को देखते हुए उन्होंने गोवा टूरिज्म और काशी को जोड़ने का प्रयास किया है. इसको लेकर के सेमिनार और वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया था. उन्होंने बताया कि 2021-22 में गोवा में लगभग साढ़े तीन करोड़ पर्यटक ने भ्रमण किया है, जो काशी से बेहद कम है. वाराणसी में अभी पर्यटन रश सबसे ज्यादा है.
रिवर टूरिज्म लोगों को कर रहा आकर्षित
काशी में बढ़ती पर्यटकों की संख्या को लेकर के वाराणसी टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि गोवा का टूरिज्म एक फ्यूजन टूरिज्म है, जबकि के बैनर काशी पर्यटन टूरिज्म के आधार पर आगे बढ़ रहा है. वाराणसी में बदलती विश्वनाथ धाम की तस्वीर ने सबसे ज्यादा लोगों को अपनी ओर खींचा है.
बाबा विश्वनाथ के साथ यहां के घाट यहां मिलने वाली सुविधाएं लोगों को और भी ज्यादा पसंद आ रही हैं. उन्होंने बताया कि बनारस में रिवर टूरिज्म भी खासा लोगों को अपनी ओर खींच रहा है और यही वजह है कि लगातार पर्यटक काशी की ओर रुख कर रहे हैं.