वाराणसी: अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि कई दिनों से उनके परिवार को लेकर बहुत सी बातें चर्चा में आईं हैं. संपत्ति को लेकर बहुत सी बातें आ रहीं हैं.
कहा कि उनका स्पष्ट कहना है कि उनकी सभी चल-अचल संपत्तियों को डॉक्टर सोनेलाल पटेल साहब एवं उनके द्वारा स्वयं अर्जित किया गया है. डॉक्टर साहब के बाद संपत्तियों कि वह नैसर्गिक एवं संवैधानिक स्वामिनी हैं. उस पर उनका विधिक अधिकार है. इसमें किसी को भी हस्तक्षेप अथवा टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है.
वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि एमएलसी आशीष सिंह की निगाह शुरू से ही उनकी संपत्ति पर थी. अपना मंसूबा पूरा न होते देख उन्होंने पहले भाजपा से मिलकर उन्हें कमजोर करने की कोशिश की और फिर अपना दल को तोड़ने की कोशिश की.
जब उन्हें रोका और टोका गया तो उन लोगों ने अपना दल (एस) के नाम से एक अलग पार्टी बना ली. पार्टी का पंजीकरण उनके साथ रहते हुए भी चुपके से जवाहरलाल पटेल को अध्यक्ष दिखाते हुए करा लिया गया था. बाद में एमएलसी आशीष खुद उसके अध्यक्ष बन बैठे. इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी कार्य पूर्व नियोजित तरीके से षडयंत्र पूर्वक किए गए हैं.
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उन्होंने आरोप लगाया कि उनके ऊपर कई बार डॉक्टर पटेल साहब के हत्या की सीबीआई जांच की मांग छोड़ने व भाजपा में विलय करने के लिए दबाव डाला गया. ऐसा न करने पर षड्यंत्र किया जा रहा है. अब अपना दल के सभी नेता एवं कार्यकर्ता साजिशों एवं षड्यंत्र को समझ चुके हैं.
वर्तमान केंद्र एवं प्रदेश सरकार की सामाजिक न्याय, रोजगार एवं किसान कमेरा विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपना दल इन साजिशों से उभरकर एक बार पुनः प्रदेश में बड़ी ताकत के रूप में उभरेगा. आगामी प्रदेश सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. अपना दल के कार्यकर्ताओं का नेतृत्व उनके साथ उनकी पुत्री डॉ. पल्लवी पटेल कर रहीं हैं.
कहा कि उन्हें पल्लवी की मां होने पर गर्व है. अब किसी भी प्रकार के साजिश से अपना दल के कारवां को रोका नहीं जा सकता. वहीं उन्होंने कहा कि अपना दल के संस्थापक की हत्या विगत 17 अक्टूबर 2009 को इसी गहरी साजिश का हिस्सा है. इसलिए हम लगातार डॉक्टर पटेल की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हैं.
कहा कि विगत 23 अगस्त 2021 एवं 17 अक्टूबर 2021 को भी प्रदेशभर में विभिन्न जिला मुख्यालयों पर सीबीआई जांच की मांग एवं मेरी सुरक्षा को लेकर कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था. ताजा घटनाक्रमों से खतरे की आशंका और बढ़ गई है. यदि सरकार को अपनी ईमानदारी प्रदर्शित करनी है तो वह तत्काल जांच कराए एवं पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराए.