ETV Bharat / state

वाराणसी: सरकार के दावे झूठे, अब भी पैदल चलने को मजबूर हैं मजदूर

प्रदेश में मजदूरों के पैदल चलने का सिलसिला लगातार जारी है. वहीं उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी कई मजदूर दिल्ली से पैदल चलकर पहुंचे हैं. उनका कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली है.

lockdown effect on laborers
पैदल चलने से मजदूर परेशान
author img

By

Published : May 21, 2020, 5:25 PM IST

वाराणसी: वैश्विक कोरोनावायरस के चलते पूरे देश भर में लॉकडाउन जारी है. इस बीमारी के चलते लॉकडाउन लगातार बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में मजदूरों का काम-धाम पूरी तरह बंद हो चुका है, जिसके कारण वे अपने घर की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं.

पैदल चलने से मजदूर परेशान.

लॉकडाउन में पूरी तरीके से यातायात सेवाएं ठप हैं. ऐसे में मजदूर सिर्फ पैदल या ट्रकों के सहारे चलकर अपने घर पहुंचने के लिए बेबस है. हालांकि औरैया में ट्रक हादसे में लगभग 27 मजदूरों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को निर्देश जारी किया था कि जो भी मजदूर पैदल चल रहे हैं उन्हें तत्काल रोक दिया जाए. साथ उनके लिए कोई उचित व्यवस्था कर उनके गंतव्य पर भेजा जाए. मजदूरों के पैदल आने का सिलसिला देखकर ऐसा लगता है कि या तो सीएम योगी की बातें जिले के अधिकारियों के लिए मायने नहीं रखतीं या फिर सीएम योगी के बयान केवल राजनीतिक स्टंट हैं.

कुछ ऐसा ही नजारा वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के सामने देखा गया, जहां पर दिल्ली से पैदल चलकर श्रमिक बिहार जा रहे थे. उनको किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली. ईटीवी भारत से बात करते हुए मजदूरों ने बताया कि वह पिछले 8 दिनों से दिल्ली से चलकर के वाराणसी पहुंचे हैं. अभी उनको बिहार के आरा जाना है. प्रशासन की ओर से उन्हें कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. आम लोगों की ओर से उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था रास्ते में कई जगह की गई थी.

उन्होंने बताया कि उन्हें काफी दूर तक पैदल चलना पड़ रहा था. वहीं जहां कहीं भी ट्रकों में लिफ्ट मिल जाती तो वह लिफ्ट का सहारा लेकर आगे का सफर तय कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार छलावा कर रही है. सरकार के वादे झूठे हैं. सरकार को अब हम वोट नहीं देंगे, क्योंकि सरकार को वे वोट उनकी सुविधाओं के लिए देते हैं लेकिन सरकार उनके बारे में कुछ भी नहीं सोचती हैं.

इन मजदूरों के पैदल समूह को देखकर यह सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के दिए गए निर्देश को जिले के आलाधिकारी क्यों नहीं मान रहे है. अभी भी शहर की अलग-अलग जगहों पर श्रमिक मजदूरों का पैदल चलने का सिलसिला जारी है.

वाराणसी: वैश्विक कोरोनावायरस के चलते पूरे देश भर में लॉकडाउन जारी है. इस बीमारी के चलते लॉकडाउन लगातार बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में मजदूरों का काम-धाम पूरी तरह बंद हो चुका है, जिसके कारण वे अपने घर की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं.

पैदल चलने से मजदूर परेशान.

लॉकडाउन में पूरी तरीके से यातायात सेवाएं ठप हैं. ऐसे में मजदूर सिर्फ पैदल या ट्रकों के सहारे चलकर अपने घर पहुंचने के लिए बेबस है. हालांकि औरैया में ट्रक हादसे में लगभग 27 मजदूरों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को निर्देश जारी किया था कि जो भी मजदूर पैदल चल रहे हैं उन्हें तत्काल रोक दिया जाए. साथ उनके लिए कोई उचित व्यवस्था कर उनके गंतव्य पर भेजा जाए. मजदूरों के पैदल आने का सिलसिला देखकर ऐसा लगता है कि या तो सीएम योगी की बातें जिले के अधिकारियों के लिए मायने नहीं रखतीं या फिर सीएम योगी के बयान केवल राजनीतिक स्टंट हैं.

कुछ ऐसा ही नजारा वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के सामने देखा गया, जहां पर दिल्ली से पैदल चलकर श्रमिक बिहार जा रहे थे. उनको किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली. ईटीवी भारत से बात करते हुए मजदूरों ने बताया कि वह पिछले 8 दिनों से दिल्ली से चलकर के वाराणसी पहुंचे हैं. अभी उनको बिहार के आरा जाना है. प्रशासन की ओर से उन्हें कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. आम लोगों की ओर से उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था रास्ते में कई जगह की गई थी.

उन्होंने बताया कि उन्हें काफी दूर तक पैदल चलना पड़ रहा था. वहीं जहां कहीं भी ट्रकों में लिफ्ट मिल जाती तो वह लिफ्ट का सहारा लेकर आगे का सफर तय कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार छलावा कर रही है. सरकार के वादे झूठे हैं. सरकार को अब हम वोट नहीं देंगे, क्योंकि सरकार को वे वोट उनकी सुविधाओं के लिए देते हैं लेकिन सरकार उनके बारे में कुछ भी नहीं सोचती हैं.

इन मजदूरों के पैदल समूह को देखकर यह सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के दिए गए निर्देश को जिले के आलाधिकारी क्यों नहीं मान रहे है. अभी भी शहर की अलग-अलग जगहों पर श्रमिक मजदूरों का पैदल चलने का सिलसिला जारी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.