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वाराणसी: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए BHU में समीक्षा बैठक - वाराणसी के BHU में मीटिंग

यूपी के वाराणसी जिले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने व उनके सर्वांगीण विकास के लिए गुरुवार को एक बैठक बुलाई गई. यह समीक्षा बैठक फॉर्ड फाउंडेशन व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से बीएचयू में संपन्न हुई.

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर हुई बैठक
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर हुई बैठक
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Published : Jun 25, 2020, 8:21 PM IST

वाराणसी: जिले में किसानों की आत्मनिर्भरता व सर्वांगीण विकास के लिए गुरुवार को एक बैठक की गई. इस बैठक में कई बड़ी संस्थाओं ने भाग लिया. यह समीक्षा बैठक फॉर्ड फाउंडेशन व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से बीएचयू में संपन्न हुई.

कई संस्थाओं ने लिया हिस्सा
फॉर्ड फाउंडेशन व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों की आत्मनिर्भरता के लिए बीएचयू में एक बैठक की. बैठक में नई दिल्ली- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने भाग लिया. इसमें जैव प्रोद्योगिकी विभाग, फॉर्ड फाउंडेशन के कोर ग्रुप के सदस्य, ट्रस्टीज, अनुसंधानकर्ता व कार्यरत सभी यंग प्रॉफेसनल शामिल रहे.


कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने पर जोर
फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. पंजाब सिंह ने बताया कि बॉयोटेक-किसान परियोजना के अंतर्गत चयनित गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करना है, जिसमें एक जनपद एक कृषि उत्पाद की व्यवस्था स्थापित करके कृषि उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके माध्यम से किसानों के आत्मनिर्भरता व कृषि को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे. साथ-साथ किसानों के स्वास्थ्य एवं उनके बच्चों की शिक्षा के विशेष व्यवस्था की जाएगी. साथ ही नए नवाचार किसानों द्वारा अपने क्षेत्र में सृजित करने पर भी जोर दिया जाएगा. इसका सहयोग फार्ड फाउंडेशन- आई.सी.ए. आर.-आईआईवीआर के द्वारा इस परियोजना के अंतर्गत किया जाएगा.

फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी
फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. पंजाब सिंह ने कहा कि प्रत्येक जिले के चिन्हित 20 किसानों को देश के उच्च कृषि संस्थानों में ट्रेनिंग की सुचारु व्यवस्था की जा रही है. साथ ही गावों में किसान मेले का आयोजन किया जाएगा. इसमें किसान एवं महिलाएं शामिल होंगी एवं किसानों को नई टेक्नोलॉजी की जानकारी प्राप्त होगी. इससे किसानों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा. इसके साथ ही साथ इन तरीकों को अपनाकर हम उनमें से कुछ गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.

अध्यक्ष ने बताया कि किसानों की आय को भी दोगुना करने की दिशा में एक मजबूत ढांचा तैयार किया जा रहा है. उपरोक्त चयनित जिलों में धान के बीज के वितरण का कार्य परियोजना में कार्यरत यंग प्रॉफेसनल्स के द्वारा संपन्न कर दिया गया है. अब नर्सरी से रोपाई करने का कार्य प्रगति पर है.

वाराणसी: जिले में किसानों की आत्मनिर्भरता व सर्वांगीण विकास के लिए गुरुवार को एक बैठक की गई. इस बैठक में कई बड़ी संस्थाओं ने भाग लिया. यह समीक्षा बैठक फॉर्ड फाउंडेशन व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से बीएचयू में संपन्न हुई.

कई संस्थाओं ने लिया हिस्सा
फॉर्ड फाउंडेशन व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों की आत्मनिर्भरता के लिए बीएचयू में एक बैठक की. बैठक में नई दिल्ली- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने भाग लिया. इसमें जैव प्रोद्योगिकी विभाग, फॉर्ड फाउंडेशन के कोर ग्रुप के सदस्य, ट्रस्टीज, अनुसंधानकर्ता व कार्यरत सभी यंग प्रॉफेसनल शामिल रहे.


कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने पर जोर
फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. पंजाब सिंह ने बताया कि बॉयोटेक-किसान परियोजना के अंतर्गत चयनित गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करना है, जिसमें एक जनपद एक कृषि उत्पाद की व्यवस्था स्थापित करके कृषि उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके माध्यम से किसानों के आत्मनिर्भरता व कृषि को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे. साथ-साथ किसानों के स्वास्थ्य एवं उनके बच्चों की शिक्षा के विशेष व्यवस्था की जाएगी. साथ ही नए नवाचार किसानों द्वारा अपने क्षेत्र में सृजित करने पर भी जोर दिया जाएगा. इसका सहयोग फार्ड फाउंडेशन- आई.सी.ए. आर.-आईआईवीआर के द्वारा इस परियोजना के अंतर्गत किया जाएगा.

फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी
फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. पंजाब सिंह ने कहा कि प्रत्येक जिले के चिन्हित 20 किसानों को देश के उच्च कृषि संस्थानों में ट्रेनिंग की सुचारु व्यवस्था की जा रही है. साथ ही गावों में किसान मेले का आयोजन किया जाएगा. इसमें किसान एवं महिलाएं शामिल होंगी एवं किसानों को नई टेक्नोलॉजी की जानकारी प्राप्त होगी. इससे किसानों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा. इसके साथ ही साथ इन तरीकों को अपनाकर हम उनमें से कुछ गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.

अध्यक्ष ने बताया कि किसानों की आय को भी दोगुना करने की दिशा में एक मजबूत ढांचा तैयार किया जा रहा है. उपरोक्त चयनित जिलों में धान के बीज के वितरण का कार्य परियोजना में कार्यरत यंग प्रॉफेसनल्स के द्वारा संपन्न कर दिया गया है. अब नर्सरी से रोपाई करने का कार्य प्रगति पर है.

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