वाराणसी : संत टीएल वासवानी की जयंती के मौके पर शहर में बुधवार को मांस और मछली की दुकानें बंद रहेंगी. इस बारे में नगर निगम के पशु चिकित्सालय में कल्याण विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है. आदेश का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
नियम का उल्लंघन करने पर होगी कठोर कार्रवाई
नगर निगम के पशु चिकित्सालय व कल्याण विभाग की ओर से जारी आदेश के बाद संत टीएल वासवानी की जयंती पर शहर में बुधवार को मांस और मछली की दुकानें बंद रहेंगे. संत टीएल वासवानी की जयंती के अवसर पर मांस, मछली, मुर्गे आदि की समस्त दुकानें बंद रखने को कहा गया है. इस आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले दुकानदारों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी.
कौन थे संत टीएल वासवानी
संत टीएल वासवानी का जन्म 25 नवंबर 1879 को हैदराबाद में लीलाराम के घर हुआ था. संत टीएल वासवानी ने एमए की डिग्री प्राप्त कर विभिन्न कॉलेजों में अध्यापन का कार्य किया. उन्होंने कोलकाता कॉलेज के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया. बाद में स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े. उन्होंने कई पुस्तकों को लिखा. संत टीएल वासवानी ने जीव हत्या बंद करने के लिए जीवनपर्यंत प्रयास किया. जीव हत्या रोकने के लिए बदले में वे अपना सिर तक कटवाने के लिए तैयार थे. संत वासवानी भारत के प्रतिनिधि के रूप में विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लेने के लिए बर्लिन गए.
संत टीएल वासवानी पूरे यूरोप में धर्म प्रचार का कार्य करने के लिए गए. उनके भाषणों का बहुत गहरा प्रभाव लोगों पर होता था.