वाराणसी: पृथ्वी पर जल, जंगल और जमीन में एक की भी कमी से जन जीवन पूरी तरह से कुछ प्रभावित हो जाता है. इसी तरह जंगलों में कम हो रहे पेड़ और तेजी से बढ़ रहा कंक्रीट कहीं ना कहीं से जंगली जानवरों के निवास के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. यही वजह है कि जंगलों में रहने वाले जानवर अब तेजी से शहर की तरफ भाग रहे हैं. इसी वजह से शहरों में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है.
बंदरों के पकड़ने के लिए मथुरा से आई स्पेशल टीमः वाराणसी शहरी क्षेत्र के पक्के मकान और कॉलोनियों में हर जगह बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. बंदरों के इस आतंक से लोग बहुत परेशान हैं. शहर में बंदरों के डर से कोई छत से गिर जाता है, तो कभी बंदरों के काटने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. यही वजह है कि अब शहर में वाराणसी नगर निगम ने इन बंदरों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. यहां शहर में मथुरा से बंदर पकड़ने वाली एक विशेष टीम वाराणसी आई है. बंदरों को पकड़ने वाली यह टीम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र से ही अकेले 3 दिनों में 70 से ज्यादा बंदर पकड़ लिया है. बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए वाराणसी नगर निगम ने विशेष प्लान तैयार किया है.
बंदरों को पकड़ने के लिए हेल्पलाइन नंबरः वाराणसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए वाराणसी नगर निगम बड़े स्तर पर प्लान तैयार करके काम कर रहा है. इसके लिए नगर निगम ने दो मोबाइल नंबर जारी किए हैं. इन नंबरों पर आप कॉल बंदरों के आतंक की सूचना दे सकते हैं. बंदरों के आतंक से परेशान लोगों को नगर निगम के तरफ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 7607295199 और 884074196 पर कॉल कर सकते हैं. नंबर पर फोन आने के बाद संबंधित व्यक्ति से खुद हेल्पलाइन नंबर के जरिए बाद में कांटेक्ट किया जाएगा. इसके बाद वहां पर बंदर पकड़ने का प्लान तैयार किया जाएगा. कुछ एरिया में बंदरों के आतंक से लड़ने के लिए लोगों ने लंगूर के कटआउट लगाए थे. लेकिन यह भी अब फेल हो गए हैं. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस काम के लिए किसी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. यह फ्री ऑफ कॉस्ट है.
श्री काशी विश्वनाथ क्षेत्र में पकड़ गए 70 बंदरः पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जैसे ही इन नंबरों पर आई कॉल रिसीव होगी. वैसे ही प्रतिदिन 3 से 5 नंबरों पर सुबह के वक्त कॉल कर उनकी टीम वहां पहुंचकर बंदरों को पकड़ने का काम शुरू कर देगी. दोपहर में और शाम के वक्त इन बंदरों को पकड़ने में थोड़ा मुश्किल हो जाता है. क्योंकि धूप बहुत तेज होने की वजह से यह छुपे होते हैं. सुबह के वक्त 6 बजे से लेकर 10 बजे तक यह काफी एक्टिव होते हैं. इसके साथ ही वह इसी समय खाने की तलाश में निकलते हैं. इस दौरान इन्हें पकड़ने के लिए विशेष पिंजड़े लगाए जा रहे हैं. यह टीम बंदरों को पकड़कर चंदौली चकिया के जंगलों में छोड़ रही है. अब तक श्री काशी विश्वनाथ क्षेत्र से अकेले गी 70 बंदर पकड़े गए हैं. जिनको चकिया के जंगलों में ले जाकर छोड़ा गया है.
इन इलाकों में बंदरों का आतंकः वाराणसी शहर में बंदरों का आतंक वाले इलाके कुछ ही हैं. जिनमें कबीर नगर, भेलूपुर श्री काशी विश्वनाथ धाम समेत पुराने बनारस के तमाम गलियों वाले इलाकों में बंदरों का सबसे ज्यादा आतंक है. इसके अलावा पान दरीबा चौक, चेतगंज में भी बंदर जबरदस्त उत्पात मचाते हैं. इन इलाकों में आए दिन कोई ना कोई घटना भी होती रहती है. बीते साल चेतगंज इलाके में ही बंदर के डर की वजह से छत से गिरकर एक युवक की मौत हो चुकी है. वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों का का कहना है कि अगर आप बंदरों के आतंक से परेशान हैं, तो नगर निगम के हेल्पलाइन पर कॉल करके बता सकते हैं.
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