वाराणसी : आज पूरे देश में विश्व गौरैया दिवस मनाया जा रहा है. लोग विभिन्न प्रकार से गौरैया संरक्षण की बात कह रहे हैं, लेकिन धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में रहने वाले एक समाजसेवी ने गौरैया संरक्षण को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है.
अतुल पांडेय वर्ष 2018 से गौरैया संरक्षण पर कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए वह लोगों को मिट्टी और लकड़ी से बना घोंसला देते हैं. किसी की शादी एनिवर्सरी हो, बर्थडे पार्टी हो, किसी बड़े नेता से मिलना हो या किसी के घर किसी पर्व पर जाना हो, हर समय मिट्टी का बर्तन और लकड़ी का घोंसला लोगों को देते हैं और अपने घरों पर लगाने का निवेदन करते हैं. उनका कहना है कि 'अब तक 50 हजार लोगों को मैं घोंसला दे चुका हूं. इसके साथ ही अपने घर पर ऐसा माहौल बनाया है कि ढेर सारी गौरैया आकर रहती हैं. समय पर उनको दाना पानी भी देते रहते हैं.
अतुल पांडेय ने बताया कि 'पिछले 15 वर्षों से गौरैया संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई में वर्ष 2018 से किया जा रहा है. लोगों को उनके जन्मदिन, शादी की सालगिरह और किसी भी शुभ अवसर पर या किसी भी बड़े लोग से मिलने जाते हैं तो मिट्टी का पात्र और लकड़ी का बना घोसला देते हैं. बनारस सहित अन्य जनपदों में अब तक 50 हजार लोगों को घोंसला दे चुके हैं. मैंने अपने घर में भी पूरी गौरैया कॉलोनी बसाई है. विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाए हैं. उनको पसंदीदा चारा देते हैं. पानी और घोंसला की व्यवस्था की है. हम सबको मिलकर प्रकृति की अनमोल वस्तु को बचाना चाहिए.
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