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काशी की बेटी का कमाल, मिस इंडिया इंटरनेशनल कोहिनूर 2021 का खिताब किया अपने नाम - fashion world modeling

यूपी के वाराणसी से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर मिस इंडिया इंटरनेशनल कोहिनूर 2021 का खिताब जीतने वाली मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि इस खिताब को जीतने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी. उनका सपना था एक दिन वह भी रैंपवॉक करें, लेकिन फैमिली मेडिको फील्ड से होने के कारण मन में एक हिचकिचाहट रहती थी, लेकिन मां के सपोर्ट की वजह से आज वह यहां हैं.

मानसी प्रियदर्शिनी मिस इंडिया इंटरनेशनल कोहिनूर 2021
मानसी प्रियदर्शिनी मिस इंडिया इंटरनेशनल कोहिनूर 2021
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Published : Jan 10, 2022, 7:59 PM IST

वाराणसी: मॉडलिंग की दुनिया अब केवल माया नगरी मुंबई तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि अब छोटे शहरों की लड़कियां भी मॉडलिंग में अपना करियर बना रही हैं और अपने साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन कर रही हैं. वाराणसी जैसे छोटे शहर से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली मानसी प्रियदर्शिनी ने मिस इंडिया इंटरनेशनल कोहिनूर 2021 का खिताब जीतकर काशीवासियों को गौरवान्वित किया है.

काशी के सिगरा क्षेत्र स्थित छोटी गैबी निवासी ज्योति श्रीवास्तव की बेटी मानसी प्रियदर्शिनी के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. मां ज्योति ही बेटी को माता और पिता दोनों का प्यार दिया. पेशे से ज्योति श्रीवास्तव डॉक्टर हैं, जो वाराणसी के एक निजी हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. मानसी ने लखनऊ में आयोजित मिस इंटरनेशनल कोहिनूर 2021 का अवॉर्ड जीतकर काशीवासियों को गौरवान्वित किया. इस प्रतियोगिता में लगभग हर राज्यों से प्रतिभागी भाग लेने आए थे.

मानसी प्रियदर्शिनी से बातचीत.
मां बनीं गुरु

ज्योति श्रीवास्तव ने बताया कि मानसी का बचपन से ही मॉडलिंग की दुनिया में जाने का मन था. इसकी वह तैयारियां भी वह तभी से कर रही थी. जब उसने हम लोगों से इस फील्ड में जाने की इच्छा जाहिर की तो मैंने उसको जीके, वॉक, डांसिंग इत्यादि चीजों को समय पर ट्रेनिंग देनी शुरु की. ज्योति ने बताया मानसी के पिता के बचपन में ही गुजर जाने के बाद हम पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई थी, लेकिन बेटी के दायित्व को निभाते हुए आज बड़ी खुशी हो रही है कि हमें बेटी के नाम से जाना जा रहा है.

मानसी प्रियदर्शिनी अपनी मां के साथ.
मानसी प्रियदर्शिनी अपनी मां के साथ.

बनारस में मॉडलिंग के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं

मानसी ने बताया कि इस खिताब को जीतने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी. बनारस में मॉडलिंग को अच्छा नहीं माना जाता है, जो यहां पर करना बड़ी बात थी. पेंसिल हिल पर वॉक करना, जिसके कारण कितनी बार पैर कट जाना, छाले पड़ जाना, लेकिन फिर भी उसी हिल्स पर डांस करना. ब्यूटी जिसके बारे में मुझे मालूम नहीं था, उसपर भी काफी मेहनत के बाद वह इस मुकाम पर पहुंची हैं. मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि बचपन से जब वह मॉडलों को टीवी पर देखती थीं तो उनका भी सपना था एक दिन वो भी रैंपवॉक करें, लेकिन फैमिली मेडिको फील्ड से होने के कारण मन में एक हिचकिचाहट रहती थी, लेकिन मेरी मां ने मेरा सपोर्ट किया जिस वजह से आज मैं यहां हूं.

परिवार के साथ मानसी प्रियदर्शिनी.
परिवार के साथ मानसी प्रियदर्शिनी.

मॉडलिंग फैशन की दुनिया का एक हिस्सा

मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि बनारस जैसे छोटे से शहर में मॉडलिंग की दुनिया में अभी बहुत से काम करने बाकी हैं. मॉडलिंग की दुनिया में जो भी आना चाहता है वह पहले अपने पेरेंट्स पर विश्वास बना कर रखें, जिसके बाद पेरेंट्स भी उनपर विश्वास करें. मैंने अपनी मां पर विश्वास किया, जिसके कारण आज मैं इस मुकाम पर हूं. मॉडलिंग भी फैशन की दुनिया का एक हिस्सा है.

मिस बनारस प्रतियोगिता से शुरुआत

मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले मिस बनारस प्रतियोगिता 2020 में भाग लिया था. उसमें सिल्वर रनअप बनी थी. उन्होंने आगे बताया कि आगे बढ़ने के लिए बहुत सी तैयरियों की जरूरत है. मिस यूनिवर्स बनने के लिए अभी वॉक पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है.

वाराणसी: मॉडलिंग की दुनिया अब केवल माया नगरी मुंबई तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि अब छोटे शहरों की लड़कियां भी मॉडलिंग में अपना करियर बना रही हैं और अपने साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन कर रही हैं. वाराणसी जैसे छोटे शहर से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली मानसी प्रियदर्शिनी ने मिस इंडिया इंटरनेशनल कोहिनूर 2021 का खिताब जीतकर काशीवासियों को गौरवान्वित किया है.

काशी के सिगरा क्षेत्र स्थित छोटी गैबी निवासी ज्योति श्रीवास्तव की बेटी मानसी प्रियदर्शिनी के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. मां ज्योति ही बेटी को माता और पिता दोनों का प्यार दिया. पेशे से ज्योति श्रीवास्तव डॉक्टर हैं, जो वाराणसी के एक निजी हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. मानसी ने लखनऊ में आयोजित मिस इंटरनेशनल कोहिनूर 2021 का अवॉर्ड जीतकर काशीवासियों को गौरवान्वित किया. इस प्रतियोगिता में लगभग हर राज्यों से प्रतिभागी भाग लेने आए थे.

मानसी प्रियदर्शिनी से बातचीत.
मां बनीं गुरु

ज्योति श्रीवास्तव ने बताया कि मानसी का बचपन से ही मॉडलिंग की दुनिया में जाने का मन था. इसकी वह तैयारियां भी वह तभी से कर रही थी. जब उसने हम लोगों से इस फील्ड में जाने की इच्छा जाहिर की तो मैंने उसको जीके, वॉक, डांसिंग इत्यादि चीजों को समय पर ट्रेनिंग देनी शुरु की. ज्योति ने बताया मानसी के पिता के बचपन में ही गुजर जाने के बाद हम पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई थी, लेकिन बेटी के दायित्व को निभाते हुए आज बड़ी खुशी हो रही है कि हमें बेटी के नाम से जाना जा रहा है.

मानसी प्रियदर्शिनी अपनी मां के साथ.
मानसी प्रियदर्शिनी अपनी मां के साथ.

बनारस में मॉडलिंग के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं

मानसी ने बताया कि इस खिताब को जीतने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी. बनारस में मॉडलिंग को अच्छा नहीं माना जाता है, जो यहां पर करना बड़ी बात थी. पेंसिल हिल पर वॉक करना, जिसके कारण कितनी बार पैर कट जाना, छाले पड़ जाना, लेकिन फिर भी उसी हिल्स पर डांस करना. ब्यूटी जिसके बारे में मुझे मालूम नहीं था, उसपर भी काफी मेहनत के बाद वह इस मुकाम पर पहुंची हैं. मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि बचपन से जब वह मॉडलों को टीवी पर देखती थीं तो उनका भी सपना था एक दिन वो भी रैंपवॉक करें, लेकिन फैमिली मेडिको फील्ड से होने के कारण मन में एक हिचकिचाहट रहती थी, लेकिन मेरी मां ने मेरा सपोर्ट किया जिस वजह से आज मैं यहां हूं.

परिवार के साथ मानसी प्रियदर्शिनी.
परिवार के साथ मानसी प्रियदर्शिनी.

मॉडलिंग फैशन की दुनिया का एक हिस्सा

मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि बनारस जैसे छोटे से शहर में मॉडलिंग की दुनिया में अभी बहुत से काम करने बाकी हैं. मॉडलिंग की दुनिया में जो भी आना चाहता है वह पहले अपने पेरेंट्स पर विश्वास बना कर रखें, जिसके बाद पेरेंट्स भी उनपर विश्वास करें. मैंने अपनी मां पर विश्वास किया, जिसके कारण आज मैं इस मुकाम पर हूं. मॉडलिंग भी फैशन की दुनिया का एक हिस्सा है.

मिस बनारस प्रतियोगिता से शुरुआत

मानसी प्रियदर्शिनी ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले मिस बनारस प्रतियोगिता 2020 में भाग लिया था. उसमें सिल्वर रनअप बनी थी. उन्होंने आगे बताया कि आगे बढ़ने के लिए बहुत सी तैयरियों की जरूरत है. मिस यूनिवर्स बनने के लिए अभी वॉक पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है.

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