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काशी में महादेव का अद्भुत शिव लोक, जो कराता है आध्यात्मिक स्वर्ग का दर्शन

काशी का एक ऐसा मंदिर, जहां शिव, वैष्णव और शक्ति तीनों को एक साथ देखा जा सकता है. साथ ही इस मंदिर में 151 नर्मदेश्वर महादेव की कतार, 12 ज्योतिर्लिंग समेत कई अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं. इस मंदिर का नाम है मणि मंदिर (mani mandir varanasi).

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स्फटिक मणि के शिवलिंग
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Published : Jul 27, 2022, 12:13 PM IST

वाराणसी: धरती पर स्वर्ग की बात होती है तो कश्मीर का जिक्र होता है. लेकिन, यदि आध्यात्मिक स्वर्ग की बात आए तो सहज ही काशी का जिक्र होता है. क्योंकि काशी में आध्यात्मिकता का वह संगम नजर आता है, जिसमें हर कोई डुबकी लगाने आता है. आज हम आपको काशी के एक ऐसे अद्भुत सांस्कृतिक धरोहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सहज लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर देता है. इसे आध्यात्मिकता का पुरोधा भी कहा जाता है. हम बात कर रहे हैं काशी के मणि मंदिर की (mani mandir varanasi). मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर शिव, वैष्णव और शक्ति तीनों की तस्वीर नजर आती है. इसके साथ ही 11 चोटियों की वह अद्भुत माला दिखाई देती है, जो हर किसी को अभिभूत कर देती है. क्या है मंदिर की कहानी, क्या है उसका महत्व, यह जानने के लिए देखे हमारी यह रिपोर्ट.

करपात्री महाराज की तपस्थली धर्म संघ के परिसर में मौजूद लगभग 42 वर्ग फीट में इसका विकास किया गया है. बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में भगवान राम के दरबार के साथ ही शिव शक्ति और पंच देव के दर्शन होते हैं. इसके साथ ही राम दरबार के ठीक सामने 5 फीट का शिवलिंग है. उसके दोनों तरफ 151 नर्मदेश्वर महादेव की कतार है. इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में स्फटिक मणि के शिवलिंग विराजमान हैं, जो इसे ज्यादा अद्भुत बनाते हैं.

मणि मंदिर के बारे में जानकारी देते मंदिर प्रशासन सचिव जगजीवन पांडेय.

10 महाविद्याओं का मिलता है आशीर्वाद

मंदिर के सचिव जगजीवन पांडे ने बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में स्पष्टिक मणि का प्रयोग होने से इस मंदिर का नाम मणि मंदिर दिया गया हैं. इस मंदिर के 11 शिखर हैं. मंदिर का निर्माण श्वेत संगमरमर और ग्रेनाइट, जोधपुर और चुनार के लाल पत्थरों से किया गया है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में 10 महाविद्या मौजूद हैं. इसके साथ ही पंचदेव, महादेव का अर्धनारीश्वर स्वरूप, राम दरबार और अन्य देवी-देवता विराजमान हैं, जो सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हैं. इस मंदिर में दूरदराज से लोग आते हैं. सभी देवताओं की मौजूदगी इस मंदिर को और भी ज्यादा पौराणिक बनाती है.

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151 नर्मदेश्वर महादेव की कतार

यह भी पढ़ें: वाराणसी: सावन शिवरात्रि आज, भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने के लिए इस वक्त करें पूजन

भक्तों का कहना है कि यह मंदिर अपने आप में अनूठा है. यहां पर हम सभी को सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते हैं. यह मंदिर न सिर्फ बेहद ऐतिहासिक और प्राचीन है, बल्कि पर्यटन की नजर से भी बेहद खूबसूरत और आश्चर्यचकित करने वाला है. यहां भक्त करपात्री जी महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं और यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. यह मंदिर न सिर्फ नई संस्कृति का आकर्षण केंद्र है, बल्कि यह शिव, वैष्णो की एकीकृत होने का प्रमाण दे देता है. यह मंदिर भारत में आने वाले सैलानियों को जहां रोमांच देता है, वहीं दूसरी ओर सभी देवी-देवताओं के आशीर्वाद की वर्षा भी करता है.

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भगवान राम का दरबार

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वाराणसी: धरती पर स्वर्ग की बात होती है तो कश्मीर का जिक्र होता है. लेकिन, यदि आध्यात्मिक स्वर्ग की बात आए तो सहज ही काशी का जिक्र होता है. क्योंकि काशी में आध्यात्मिकता का वह संगम नजर आता है, जिसमें हर कोई डुबकी लगाने आता है. आज हम आपको काशी के एक ऐसे अद्भुत सांस्कृतिक धरोहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सहज लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर देता है. इसे आध्यात्मिकता का पुरोधा भी कहा जाता है. हम बात कर रहे हैं काशी के मणि मंदिर की (mani mandir varanasi). मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर शिव, वैष्णव और शक्ति तीनों की तस्वीर नजर आती है. इसके साथ ही 11 चोटियों की वह अद्भुत माला दिखाई देती है, जो हर किसी को अभिभूत कर देती है. क्या है मंदिर की कहानी, क्या है उसका महत्व, यह जानने के लिए देखे हमारी यह रिपोर्ट.

करपात्री महाराज की तपस्थली धर्म संघ के परिसर में मौजूद लगभग 42 वर्ग फीट में इसका विकास किया गया है. बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में भगवान राम के दरबार के साथ ही शिव शक्ति और पंच देव के दर्शन होते हैं. इसके साथ ही राम दरबार के ठीक सामने 5 फीट का शिवलिंग है. उसके दोनों तरफ 151 नर्मदेश्वर महादेव की कतार है. इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में स्फटिक मणि के शिवलिंग विराजमान हैं, जो इसे ज्यादा अद्भुत बनाते हैं.

मणि मंदिर के बारे में जानकारी देते मंदिर प्रशासन सचिव जगजीवन पांडेय.

10 महाविद्याओं का मिलता है आशीर्वाद

मंदिर के सचिव जगजीवन पांडे ने बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में स्पष्टिक मणि का प्रयोग होने से इस मंदिर का नाम मणि मंदिर दिया गया हैं. इस मंदिर के 11 शिखर हैं. मंदिर का निर्माण श्वेत संगमरमर और ग्रेनाइट, जोधपुर और चुनार के लाल पत्थरों से किया गया है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में 10 महाविद्या मौजूद हैं. इसके साथ ही पंचदेव, महादेव का अर्धनारीश्वर स्वरूप, राम दरबार और अन्य देवी-देवता विराजमान हैं, जो सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हैं. इस मंदिर में दूरदराज से लोग आते हैं. सभी देवताओं की मौजूदगी इस मंदिर को और भी ज्यादा पौराणिक बनाती है.

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151 नर्मदेश्वर महादेव की कतार

यह भी पढ़ें: वाराणसी: सावन शिवरात्रि आज, भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने के लिए इस वक्त करें पूजन

भक्तों का कहना है कि यह मंदिर अपने आप में अनूठा है. यहां पर हम सभी को सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते हैं. यह मंदिर न सिर्फ बेहद ऐतिहासिक और प्राचीन है, बल्कि पर्यटन की नजर से भी बेहद खूबसूरत और आश्चर्यचकित करने वाला है. यहां भक्त करपात्री जी महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं और यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. यह मंदिर न सिर्फ नई संस्कृति का आकर्षण केंद्र है, बल्कि यह शिव, वैष्णो की एकीकृत होने का प्रमाण दे देता है. यह मंदिर भारत में आने वाले सैलानियों को जहां रोमांच देता है, वहीं दूसरी ओर सभी देवी-देवताओं के आशीर्वाद की वर्षा भी करता है.

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